रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम (PCC Chief Mohan Markam) का तीन साल का कार्यकाल 29 जून 2022 को पूरा हो (Congress can change the face of the post of president in Chhattisgarh) गया. कांग्रेस पार्टी के अंदर अब इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या मोहन मरकाम के कार्यकाल को आगे बढ़ाया जाएगा या फिर उनकी जगह प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी और नेता को सौपी जाएगी. चर्चा इस बात की भी चल रही है कि क्षेत्रीय या जातिगत संतुलन बनाने के लिए चुनावी रणनीति के तहत, क्या तीन कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाये जाएंगे ? प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनन्द शुक्ला ने बताया कि "अगस्त-सितंबर माह तक प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी."
बनाए जा सकते हैं कार्यकारी अध्यक्ष : राजनीतिक प्रेक्षक शशांक शर्मा का कहना है कि " कार्यकारी अध्यक्ष की बात तब होती है, जब पार्टी को क्षेत्र या जातिगत संतुलन बनाने की जरूरत हो. पिछड़े वर्ग के भूपेश बघेल प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister Bhupesh Baghel) हैं, इसलिए ऐसा हो सकता है कि एक सामान्य वर्ग, एक पिछड़ा वर्ग या एक अनुसूचित जाति वर्ग से कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएं. यह प्रयोग कांग्रेस ने साल 2009 में भी किया था, जब पार्टी के अध्यक्ष धनेंद्र साहू थे. चुनाव को ध्यान में रखकर पार्टी अगर इस प्रयोग के तहत कार्यकारी अध्यक्ष बनाए तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी."
कौन-कौन हैं रेस में : सूत्रों के मुताबिक "छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी, पीएल पुनिया कार्यकारी (Chhattisgarh Congress in charge PL Punia) अध्यक्ष पर, रणनीति बनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं से विचार विमर्श भी करेंगे. मामले में सहमति बनने के बाद, कार्यकारी अध्यक्ष के लिए तीन या चार, ऐसे नेताओं के नाम प्रस्तावित कर सकते हैं. जो अलग-अलग वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हों." सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में, सामान्य वर्ग के पुराने विधायक भी हैं, जिन्होंने, एक से अधिक बार चुनाव में जीत हासिल कर विधानसभा में जगह बनाई है. प्रदेश में ऐसे नेताओं की फेहरिस्त भी लंबी है.''
किन नामों की चर्चा : कांग्रेस पार्टी अगर प्रदेश में अध्यक्ष का चेहरा बदलती है तब किन नेताओं को अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है. इस विषय पर भी राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की स्थिति में आदिवासी नेता प्रेमसाय सिंह, मनोज मंडावी, अमरजीत भगत और बृहस्पति सिंह को पार्टी यह दायित्व सौंप सकती है." हालांकि चर्चा इस बात की भी है कि अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग के किसी ऐसे चेहरे को भी पार्टी अध्यक्ष बनाया जा सकता है जिस नाम की चर्चा भी न चल रही हो."
कब साफ होगी तस्वीर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का संगठन चुनाव, तय समय से, करीब 20 दिन पीछे चल रहा है. कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि "चुनाव प्रक्रिया में देरी होने की मुख्य वजह, पार्टी संगठन के कार्यक्रम का होना है." शुक्ला ने बताया कि "पार्टी के कार्यकर्ता और नेता संगठन के कार्यक्रमो में व्यस्त रहे." कांग्रेस को 31 मई तक ब्लॉक संगठन का चुनाव पूरा करना था, लेकिन अब तक नहीं हो पाया है. इसी तरह पार्टी कैलेंडर के हिसाब से 1 जून से 20 जुलाई तक जिला कांग्रेस कमेटी का चुनाव होना है. 10 जुलाई से 20 अगस्त तक प्रदेश कांग्रेस की सामान्य सभा चुनी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा.