रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार भिलाई स्थित चंदुलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण करने जा रही है कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसी सत्र में इससे जुड़ा एक विधेयक भी सरकार लाने जा रही है. इधर सरकार की इस कवायद को भाजपा के बड़े नेताओं ने आड़े हाथ लिया है.
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विट कर सवाल पूछा है कि 'भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में है.' प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि '2017 में जिस कॉलेज की मान्यता खत्म हो चुकी है उसे 125 करोड़ सरकारी खजाने से लेकर मुख्यमंत्री के परिवार को देने की तैयारी है.'
करीब 6 माह पहले मुख्यमंत्री ने चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के शासकीय करण की घोषणा की थी साथ ही इसका जिक्र 2021-22 के बजट में भी 170 नंबर के बिंदु में किया गया है. इधर इस पर अब लग रहे आरोपों पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया आ गई है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि 'ये सब निराधार है. ये प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है. इससे नया मेडिकल कॉलेज बनाने का समय बचेगा और हर साल डेढ़ सौ डॉक्टर मिलेंगे.' सीएम बघेल ने कहा है कि 'जहां तक रिश्तेदारी और निहित स्वार्थ का सवाल है मैं अपने प्रदेश की जनता को ये बताना चाहता हूं कि भूपेश बघेल उसके प्रति उत्तरदाई है और उसने हमेशा पार्दर्शिता के साथ राजनीति की है.' साथ ही उन्होंने कहा है कि ये खबर कल्पना की पराकाष्ठा है मैं इसे चुनौती देता हूं. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए ये भी लिखा है कि हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं.
जब मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी की सरकार चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण करेगी तब छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ये कहते हुए इसकी वाहवाही लूटी थी कि एक तरफ केन्द्र सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में बेच रही है तो दूसरी तरफ भूपेश बघेल की सरकार है जो निजी उपक्रमों का अधिग्रहण कर रही है.
चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के बारे में ये हैं विपक्ष के आरोप
जिस चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज को लेकर सियासत गरमाई हुई है. उसे लेकर विपक्ष ने कई आरोप लगाए हैं. बताया जा रहा है कि चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल (CCMH), नेहरू नगर, भिलाई 1997 में शुरू हुआ. यह नगर निगम की जमीन पर बना हुआ है. इस अस्पताल की वित्तीय स्थिति अच्छी है.
2013 में चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को कचंदुर भिलाई में स्थापित किया गया. इसको चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में रखा गया और उसको सेक्शन 25 कंपनी में परिवर्तित कर दिया गया. इसका भी नाम (CCMH) कर दिया गया.
कचंदुर स्थित मेडिकल कॉलेज का मूल्यांकन लगभग 20 - 22 करोड़ का है. लेकिन प्रमोटर्स ने बड़ी चालाकी से नेहरू नगर स्थित कॉर्पोरेट हॉस्पिटल को भी शामिल कर CCMH नाम से DPR बनायीं और बैंक से लगभग 172 करोड़ का लोन ले लिया. इस हिसाब से यह लोन मुख्य रूप से नेहरू नगर स्थित अस्पताल के दम पर मिला है न कि कचंदुर स्थित मेडिकल कॉलेज के दम पर. नेहरू नगर स्थित अस्पताल नगर निगम की दी गई शासकीय जमीन पर बना है.
सरकार जब चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण करेगी तो जो बैंक लोन चुकायेगी उससे नेहरू नगर स्थित हॉस्पिटल का लोन भी चुक जाएगा. मतलब जितने शेयरहोल्डर और डायरेक्टर हैं वे सरकारी कृपा से कर्ज मुक्त हो जाएंगे.
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज कचंदुर में 100 एकड़ भूमि पर बना है. जिसमें 25 एकड़ पर निर्माण हुआ है और आस पास का 75 एकड़ भूमि खाली है. कॉलेज का अधिग्रहण करने से यह 75 एकड़ भूमि का मूल्य कई गुणा बढ़ जाएगा. जिससे इसके मालिकों को जबरदस्त आर्थिक लाभ होगा. एक मालिक मुख्यमंत्री के दामाद भी हैं.
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज को रुंगटा ग्रुप ने भी अधिग्रहण का प्रयास किया था. लगभग 50 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया. लेकिन उसके बाद यह आगे नहीं बढ़ा. यदि सरकार अधिग्रहण करती है तो रुंगटा ग्रुप भी अपनी रकम वापसी की दमदारी करेगा.
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की मान्यता 2017 को ही खत्म हो चुकी है.