रायपुर: कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद राहुल गांधी भी बैठक में उपस्थित रहे. वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्य कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. इनके अलावा वर्किंग कमेटी के छत्तीसगढ़ से एकमात्र सदस्य गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी इस बैठक में शामिल हुए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम, बचावों और जरूरतमंद लोगों के लिए किए जा रहे राहत कार्याें की ताजा स्थिति की जानकारी दी. मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में बताया कि 'प्रदेश में कोरोना वायरस से 36 मरीज संक्रमित पाए गए थे, जिनमें से 28 स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं, शेष 8 मरीजों का इलाज जारी है, उनकी हालात भी ठीक है'.
'56 लाख गरीब परिवारों को 2 माह का राशन नि:शुल्क दिया गया'
सीएम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लाॅकडाउन लागू है. कुछ अत्यावश्यक सेवाओं को छूट दी गई है. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. गरीब परिवारों को तीन माह का राशन निःशुल्क दिया जा रहा है. प्रदेश के 56 लाख गरीब परिवारों को अप्रैल और मई दो माह का राशन निःशुल्क प्रदान किया गया है. जून माह का राशन भी निःशुल्क दिया जाएगा. वहीं मनरेगा के तहत प्रदेश की कुल 11,497 ग्राम पंचायतों में से 9,494 ग्राम पंचायतों में 41 हजार 495 कार्य शुरू किए गए हैं, जिनमें 11 लाख 78 हजार से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं. कृषि गतिविधियों के लिए छूट दी गई है. खाद, बीज की आपूर्ति के भी प्रबंध किए गए हैं'.
'13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को 650 करोड़ का भुगतान'
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना भी जल्द प्रारंभ कर किसानों को धान के 2500 रूपए प्रति क्विंटल और समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का वितरण प्रारंभ किया जाएगा. वनांचलों में तेंदूपत्ता संग्रहण की तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस कार्य में लगभग 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को 650 करोड़ रुपए की मजदूरी का भुगतान किया जाएगा. राज्य सरकार ने महुआ की खरीदी 17 रूपए से बढ़ाकर 30 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से करने का निर्णय लिया है'.
'केंद्र सरकार से 30 हजार करोड़ के पैकेज की मांग'
उन्होंने कहा कि 'कोविड-19 संकट के समय केन्द्र सरकार को आगे बढ़कर राज्यों को आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए, तभी कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई को जीता जा सकेगा. बघेल ने सोनिया गांधी को बताया कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 30 हजार करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की है, जिससे प्रदेश के लाखों जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत और कल्याणकारी योजनाओं समेत राज्य के सामान्य कामकाज का संचालन सुचारू रूप से संभव हो सके'. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री से इस राशि में से 10 हजार करोड़ रुपए तत्काल जारी करने का आग्रह किया है, ताकि उद्योग, व्यवसाय, सेवा क्षेत्र एवं कृषि क्षेत्र को आर्थिक सहायता दी जा सके'.
'केंद्र सरकार से कई क्षेत्रों में छूट प्रदान करने का आग्रह'
सीएम ने इसके साथ ही राज्य में कोविड-19 के प्रसार की नियंत्रित स्थिति को देखते हुए राज्य को आंशिक राजस्व प्राप्ति से संबंधित आर्थिक गतिविधियों के संचालन की छूट तत्काल प्रदान करने का आग्रह किया है. उन्होंने यह भी बताया कि केन्द्र सरकार से मिठाई दुकानों के संचालन में छूट की मांग की गई है, ताकि दुग्ध उत्पादक किसानों का दूध बिकना संभव हो सके. इसी तरह कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए गाइडलाइन का पालन करते हुए संपत्तियों के क्रय-विक्रय के पंजीयन की छूट सहित वाहनों के शो रूम का संचालन और पंजीयन, शहरों में निर्माण कार्यों के संचालन, गर्मी को देखते हुए एयर कंडीशनर, कूलर और फ्रिज के शो रूम के संचालन, सभी प्रकार के रिपेयरिंग कार्य और सभी ग्रीन जिलों में रीटेल दुकान खोलने की छूट मांगी गई है.
'छात्रों और मजदूरों की राज्य वापसी के लिए नीति नियम की अपील'
भूपेश बघेल ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी में यह भी जानकारी दी कि 'अन्य राज्यों में लाॅकडाउन के कारण फंसे छात्रों और मजदूरों की राज्य में वापसी का विषय भी काफी गंभीर है. केन्द्र सरकार को इसके लिए भी नीति निर्धारित करनी चाहिए, ताकि छात्रोंं और मजदूरों की छत्तीसगढ़ वापसी संभव हो सके, लेकिन केन्द्र सरकार इस विषय पर मौन है'.