रायपुर: राजधानी के चर्च और गिरजाघरों में भी क्रिसमस का पर्व मनाया गया. कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए क्रिसमस का पर्व मनाया गया. क्रिसमस का पर्व प्रभु यीशु के जन्म उत्सव की पूर्व संध्या, यानी गुरुवार को मनाया गया. प्रभु यीशु के जन्म की खुशियां लोगों ने शांति पूर्ण तरीके से मनाई. इस मौके पर शहर के सभी 40 छोटे बड़े चर्चों में कैरोल सॉन्ग और प्रार्थना की गई.
कोरोना वायरस के मद्देनजर लोग बारी-बारी से प्रार्थना सभा में शामिल हुए. कई बड़े आयोजन में भीड़-भाड़ की संभावना को देखते हुए कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया. प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के मौके पर चर्च रोशनी से जगमगाते रहे. चर्च में रात 12:00 बजे मोमबत्तियां जलाकर केक काटा गया और प्रार्थना की गई. बड़े दिन के लिए राजधानी के सभी चर्चों को खास तौर पर सजाया गया.
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प्रभु के जन्म की झांकी सजाई गई
जन्मोत्सव से जुड़े कार्यक्रम 10 दिसंबर से शुरू हो चुके थे. चर्च में प्रभु के जन्म की झांकी सजाई गई. हालांकि इस बार प्रभु यीशु के जन्म पर नाटक के मंचन का आयोजन नहीं किया गया. बैरन बाजार चर्च में भगवान यीशु की आराधना कर दुनिया को कोरोना से मुक्ति दिलाने की कामना की गई. टाटीबंध स्थित चर्च में भी देर रात तक मसीह समाज के लोग आराधना करते रहे. अमलीडीह के संत टेरेसा कैथोलिक चर्च में भी विशेष पूजा अर्चना की गई. यीशु का जन्म उत्सव मनाया गया. शुक्रवार को भी सुबह से मसीह समाज के लोग चर्च में विशेष आराधना के साथ दूसरे धार्मिक अनुष्ठान में शरीक हुए.