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छत्तीसगढ़ में मानसून की बेरुखी , बोर का भी सूखा पानी, कैसे होगी किसानी!

Tension of rain in Chhattisgarh: कहते हैं आषाढ़ में किसान चूक गया तो फिर उसे किसानी संवारना मुश्किल पड़ जाता है. खेती के लिहाज से यह महीना बहुत ही अहम है. खरीफ की शुरुआत भी आषाढ़ से ही होती है. हल्की बूंदाबांदी को छोड़ दिया जाए तो अबतक मानसून की झमाझम बारिश नहीं हुई, जबकि जून का अंतिम सप्ताह बीत गया. ऐसे में किसानों को अच्छी बारिश का बेसब्री से इंतजार है.

Monsoon absurdity in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में मानसून की बेरुखी
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Published : Jul 1, 2022, 12:53 PM IST

Updated : Jul 2, 2022, 9:15 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून की बेरूखी के चलते किसानों के माथे पर शिकन नजर आ रही है. जिन किसानों के खेत में बोर हैं, उसमें भी पानी सूख गया है. बारिश नहीं होने से किसानों को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ग्रामीण इलाके में किसानों के पास पहुंची. (Monsoon absurdity in Chhattisgarh )

छत्तीसगढ़ में मानसून की बेरुखी

छत्तीसगढ़ के किसान परेशान: जून का महीना बीतने वाला है, लेकिन अबतक बारिश अच्छे से नहीं हुई है. बारिश नहीं होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है. किसानों की समस्या जानने के लिए हमारी टीम राजधानी से 20 किमी दूर पचेड़ा गांव पहुंची. यहां कुछ किसान चबूतरे में बैठे हुए थे. उनकी निगाहें आसमान की ओर थी. वे सभी आपस में मौसम की बेरूखी पर चर्चा कर रहे थे.

छत्तीसगढ़ में बारिश का टेंशन: किसान कृष्ण कुमार देवांगन कहते हैं ''एक सप्ताह से अधिक दिन हो गए धान लगाए, लेकिन अब तक बारिश नहीं हुई है. इससे हमारी फसलों को नुकसान होगा. पिछले साल इस माह में अच्छी बारिश हुई थी. जिसके चलते जून माह में धान की रोपाई पूरी हो गई थी.'' किसान के मुताबिक उसके पास तीन एकड़ खेत है, लेकिन रेगहा में लेकर करीब 10 एकड़ में खेती करते हैं.

Chhattisgarh weather forecast: एक-दो स्थानों पर भारी बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना

जिनके पास बोर नहीं उन्हें ज्यादा दिक्कत: किसान कृष्ण कुमार कहते हैं '' मेरे पास बोर नहीं है. जिन किसानों के खेत में बोर नहीं, उनके लिए किसानी बहुत मुश्किल हो गई है. बहुत से किसान बरसात के पानी के भरोसे में रहते हैं. पड़ोस के गांव सारागांव गए थे. वहां थोड़ी बारिश हुई. लेकिन अपने गांव आया तो देखा कि यहां बारिश ही नहीं हुई. खंड वर्षा हो रही है. कहीं बारिश हो रही तो कहीं हो ही नहीं रही.

किसानों को फसल खराब होने की चिंता: किसान राम सिंह डहरिया कहते हैं ''धान तो लगा दिया है, लेकिन बारिश नहीं होने से जरई होने की संभावना है. इससे फसल खराब होगी. पानी की कमी की वजह से फसल बर्बाद होने की स्थिति में है.'' डोंदेखुर्द के किसान ओमलाल साहू कहते हैं ''बरसात नहीं होने से किसानों के लिए समस्या आ गई है. बोर का पानी भी सूखने लगा है. बोर से थोड़ा बहुत ही पानी आ रहा है. किसान उसी बोर के सहारे खेती कर रहे हैं.''

बोर भी सूखे: किसान ओमलाल ने बताया कि वे 15 एकड़ में खेती करते हैं, लेकिन मौसम की बेरुखी ने परेशानी बढ़ा दी है. गांव में नहर का कोई साधन नहीं है. गांव में करीब 200 से ढाई सौ एकड़ में खेती होती है. जिसमें से 20 से 25 लोगों के खेतों में ही बोर लगे हैं. गांव के ज्यादातर किसान बारिश के पानी पर निर्भर रहते हैं, लेकिन अब तो बोर से भी पानी नहीं निकल रहा है. बहुत से किसानों के बोर सूख गए हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून की बेरूखी के चलते किसानों के माथे पर शिकन नजर आ रही है. जिन किसानों के खेत में बोर हैं, उसमें भी पानी सूख गया है. बारिश नहीं होने से किसानों को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ग्रामीण इलाके में किसानों के पास पहुंची. (Monsoon absurdity in Chhattisgarh )

छत्तीसगढ़ में मानसून की बेरुखी

छत्तीसगढ़ के किसान परेशान: जून का महीना बीतने वाला है, लेकिन अबतक बारिश अच्छे से नहीं हुई है. बारिश नहीं होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है. किसानों की समस्या जानने के लिए हमारी टीम राजधानी से 20 किमी दूर पचेड़ा गांव पहुंची. यहां कुछ किसान चबूतरे में बैठे हुए थे. उनकी निगाहें आसमान की ओर थी. वे सभी आपस में मौसम की बेरूखी पर चर्चा कर रहे थे.

छत्तीसगढ़ में बारिश का टेंशन: किसान कृष्ण कुमार देवांगन कहते हैं ''एक सप्ताह से अधिक दिन हो गए धान लगाए, लेकिन अब तक बारिश नहीं हुई है. इससे हमारी फसलों को नुकसान होगा. पिछले साल इस माह में अच्छी बारिश हुई थी. जिसके चलते जून माह में धान की रोपाई पूरी हो गई थी.'' किसान के मुताबिक उसके पास तीन एकड़ खेत है, लेकिन रेगहा में लेकर करीब 10 एकड़ में खेती करते हैं.

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जिनके पास बोर नहीं उन्हें ज्यादा दिक्कत: किसान कृष्ण कुमार कहते हैं '' मेरे पास बोर नहीं है. जिन किसानों के खेत में बोर नहीं, उनके लिए किसानी बहुत मुश्किल हो गई है. बहुत से किसान बरसात के पानी के भरोसे में रहते हैं. पड़ोस के गांव सारागांव गए थे. वहां थोड़ी बारिश हुई. लेकिन अपने गांव आया तो देखा कि यहां बारिश ही नहीं हुई. खंड वर्षा हो रही है. कहीं बारिश हो रही तो कहीं हो ही नहीं रही.

किसानों को फसल खराब होने की चिंता: किसान राम सिंह डहरिया कहते हैं ''धान तो लगा दिया है, लेकिन बारिश नहीं होने से जरई होने की संभावना है. इससे फसल खराब होगी. पानी की कमी की वजह से फसल बर्बाद होने की स्थिति में है.'' डोंदेखुर्द के किसान ओमलाल साहू कहते हैं ''बरसात नहीं होने से किसानों के लिए समस्या आ गई है. बोर का पानी भी सूखने लगा है. बोर से थोड़ा बहुत ही पानी आ रहा है. किसान उसी बोर के सहारे खेती कर रहे हैं.''

बोर भी सूखे: किसान ओमलाल ने बताया कि वे 15 एकड़ में खेती करते हैं, लेकिन मौसम की बेरुखी ने परेशानी बढ़ा दी है. गांव में नहर का कोई साधन नहीं है. गांव में करीब 200 से ढाई सौ एकड़ में खेती होती है. जिसमें से 20 से 25 लोगों के खेतों में ही बोर लगे हैं. गांव के ज्यादातर किसान बारिश के पानी पर निर्भर रहते हैं, लेकिन अब तो बोर से भी पानी नहीं निकल रहा है. बहुत से किसानों के बोर सूख गए हैं.

Last Updated : Jul 2, 2022, 9:15 AM IST
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