रायपुर : अगस्त के महीने में लेट खरीफ फसल में 16 प्रकार की सब्जियों की खेती की जा सकती (Chhattisgarh farmers can get profit from vegetables in August) है. क्योंकि इस समय प्रदेश के अधिकांश हिस्से में अच्छी बारिश हो चुकी होती है. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि ''अगस्त के महीने में वर्षा ऋतु का असर अच्छा रहता है. जमीन गीली होने के साथ ही सेट हो जाती है ऐसे समय में प्रदेश के किसान 16 तरह की सब्जियों की खेती कर सकते हैं. जिसमें भाटा, मिर्च, टमाटर, लौकी, सेमी, पत्ता गोभी, फूल गोभी जैसे 16 तरह की सब्जियों की खेती अगस्त के महीने में की जा सकती है और किसान अच्छी पैदावार और मुनाफा ले सकते (raipur farmer news) हैं.''
कंद वर्ग की फसल के लिए सावधानी : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (Indira Gandhi Agricultural University Raipur) के कृषि वैज्ञानिक घनश्याम दास साहू (agricultural scientist raipur) का कहना है कि " कंद वर्गीय खेती जैसे अदरक की खेती के लिए नर्सरी तैयार कर ऊंची जमीन पर अदरक की खेती की जा सकती है. वहीं भाटा, मिर्च और टमाटर लगाते समय ऊंची जमीन बावेस्टिन या फार्मेल्डि हाइड और मिट्टी का परीक्षण करके ही थरहा लगाना चाहिए. इन तीनों चीजों के लिए अगस्त थरहा लगाने का उचित समय है और मुख्य खेत में मेड नाली बनाकर इसकी खेती की जानी ( farming in chhattisgarh) चाहिए."
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गोभी से कमाए मुनाफा : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक घनश्याम दास साहू ने बताया कि "नार वर्गीय फसलों में लौकी, गिलकी, तरोई, बरबटी, करेला सेमी, खीरा जैसी सब्जियों की खेती ऐसे सब्जियों की खेती करते समय किसानों को नारवर्गीय फसलों को सहारा देना बहुत जरूरी होता है. ऐसी सब्जियों का फल जमीन में आने के कारण खराब हो जाते हैं . जिससे इनका बाजार मूल्य भी कम हो जाता है. वायर या लकड़ी का सहारा देकर नारवर्गीय सब्जी की खेती अच्छे से की जा सकती है. फूल गोभी उषा अगहनी, उषा कार्तिकेय और पत्ता गोभी में अर्ली ड्रम हेड उषा ड्रम हेड के साथ कंचन जैसी किस्मों का उपयोग कर अच्छी पैदावार और मुनाफा लिया जा सकता है."