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छत्तीसगढ़ में बसे गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता, इन जिलों से मंगाए गए आवेदन - नागरिकता

केंद्र ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आये शरणार्थियों से नागरिकता (Refugees Citizenship) के लिए आवेदन मंगवाए हैं. भारत के गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों से आवेदन मंगवाए गए हैं. केंद्र अभी गैर-मुस्लिमों से ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन (Application for citizenship) मंगाए हैं.

Central Government asked for citizenship Applications from durg and balodabazar
गृह मंत्रालय
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Published : May 29, 2021, 1:13 PM IST

Updated : May 29, 2021, 2:18 PM IST

रायपुर : अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आकर छत्तीसगढ़ में बसे शरणार्थियों (refugees in chhattisgarh) से केंद्र ने नागरिकता (Application for citizenship) के लिए आवेदन मंगाए हैं. भारत के 13 जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध के अलावा गैर मुस्लिमों के आवेदन आमंत्रित कए गए हैं. केंद्र की लिस्ट में छत्तीसगढ़ के दो जिले को शामिल किया गया है. इसमें दुर्ग और बलौदा बाजार जिला शामिल हैं.

गैर मुस्लिमों को मिलेगी नागरिकता

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता कानून 1955 और 2009 के तहत आदेश को तत्काल कार्यान्वयन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. हालांकि सरकार ने 2019 में लागू संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) (Amended citizenship law) के तहत नियमों को अभी तक तैयार नहीं किया है. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुताबिक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में दमन के शिकार ऐसे अल्पसंख्यकों गैर-मुस्लमों को नागरिकता प्रदान की जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे.

गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, नागरिकता कानून 1955 की धारा 16 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने कानून की धारा पांच के तहत यह कदम उठाया है. इसके अंतर्गत उपरोक्त राज्यों और जिलों में रह रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए निर्देश दिया गया है.

पाकिस्तान समेत इन देशों से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता, सरकार ने मंगाए आवेदन

छत्तीसगढ़ के दो जिले लिस्ट में शामिल

भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिहाज से वो लोग योग्य होंगे जो इस समय छत्तीसगढ़ के दुर्ग और बलौदा बाजार में रह रहे हैं. अधिसूचना में कहा गया, भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा. जिलाधिकारी या सचिव जरूरत पड़ने पर मामलों के हिसाब से आवेदन की जांच कराएंगे.

छत्तीसगढ़ के बस्तर में है मिनी बंगाल

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार और दुर्ग जिले के अलावा बस्तर इलाके में भी 60 साल पहले हिंदू शरणार्थियों को बसाया गया था. बस्तर के घने जंगलों के बीच बसे कांकेर जिले के पखांजूर विकासखंड को 'मिनी बंगाल' भी कहा जाता है. पखांजूर के 295 गांव में से 133 गांवों में बांग्लादेशी शरणार्थियों को बसाया गया था. 2011 की जनगणना के मुताबिक 1.71 लाख की आबादी में से एक लाख से ज्यादा लोग बांग्ला बोलते हैं. पखांजूर शहर की कुल 10 हजार 201 लोगों की आबादी में 95 फीसदी से ज्यादा लोग पूर्वी पाकिस्तान से आए हैं. आंकड़े बताते हैं कि 31 अक्तूबर 1979 तक बस्तर के इलाके में 18 हजार 458 शरणार्थियों को बसाया गया था.

रायपुर : अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आकर छत्तीसगढ़ में बसे शरणार्थियों (refugees in chhattisgarh) से केंद्र ने नागरिकता (Application for citizenship) के लिए आवेदन मंगाए हैं. भारत के 13 जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध के अलावा गैर मुस्लिमों के आवेदन आमंत्रित कए गए हैं. केंद्र की लिस्ट में छत्तीसगढ़ के दो जिले को शामिल किया गया है. इसमें दुर्ग और बलौदा बाजार जिला शामिल हैं.

गैर मुस्लिमों को मिलेगी नागरिकता

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता कानून 1955 और 2009 के तहत आदेश को तत्काल कार्यान्वयन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. हालांकि सरकार ने 2019 में लागू संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) (Amended citizenship law) के तहत नियमों को अभी तक तैयार नहीं किया है. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुताबिक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में दमन के शिकार ऐसे अल्पसंख्यकों गैर-मुस्लमों को नागरिकता प्रदान की जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे.

गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, नागरिकता कानून 1955 की धारा 16 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने कानून की धारा पांच के तहत यह कदम उठाया है. इसके अंतर्गत उपरोक्त राज्यों और जिलों में रह रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए निर्देश दिया गया है.

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छत्तीसगढ़ के दो जिले लिस्ट में शामिल

भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिहाज से वो लोग योग्य होंगे जो इस समय छत्तीसगढ़ के दुर्ग और बलौदा बाजार में रह रहे हैं. अधिसूचना में कहा गया, भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा. जिलाधिकारी या सचिव जरूरत पड़ने पर मामलों के हिसाब से आवेदन की जांच कराएंगे.

छत्तीसगढ़ के बस्तर में है मिनी बंगाल

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार और दुर्ग जिले के अलावा बस्तर इलाके में भी 60 साल पहले हिंदू शरणार्थियों को बसाया गया था. बस्तर के घने जंगलों के बीच बसे कांकेर जिले के पखांजूर विकासखंड को 'मिनी बंगाल' भी कहा जाता है. पखांजूर के 295 गांव में से 133 गांवों में बांग्लादेशी शरणार्थियों को बसाया गया था. 2011 की जनगणना के मुताबिक 1.71 लाख की आबादी में से एक लाख से ज्यादा लोग बांग्ला बोलते हैं. पखांजूर शहर की कुल 10 हजार 201 लोगों की आबादी में 95 फीसदी से ज्यादा लोग पूर्वी पाकिस्तान से आए हैं. आंकड़े बताते हैं कि 31 अक्तूबर 1979 तक बस्तर के इलाके में 18 हजार 458 शरणार्थियों को बसाया गया था.

Last Updated : May 29, 2021, 2:18 PM IST
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