रायपुरः केंद्र सरकार के द्वारा तीनों कृषि बिल वापस लिए जाने की घोषणा के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे (Agriculture Minister Ravindra Choubey) ने कहा कि अहंकार की पराजय हुई है. किसानों की जीत हुई है. छत्तीसगढ़ में हमने तीनों कानूनों के खिलाफ अपना कानून बनाया था. लेकिन हिंदुस्तान के किसानों को आंदोलन (protest) करना पड़ा.
बिना नाम लिए उन्होंने केंद्र सरकार (central government) को घेरते हुए कहा कि लोग गलतफहमी में थे कि किसानों के आंदालन को दमन कर लिया जाएगा. लेकिन सरकार को झुकना पड़ा. किसानों की यह ऐतिहासिक जीत है. उन्हें मालूम नहीं था कि महात्मा गांधी ने इन्हीं किसानों का नेतृत्व करके देश से अंग्रेजों को भगाया था. इन किसानों की ताकत को कमतर आंका गया.
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खेती थी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी
कृषि मंत्री ने कहा कि जिम्मेदार चाह रहे थे कि खेती भी निजी हाथों में सौंप दिया जाय. लेकिन किसानों की ताकत का अंदाजा नहीं था. यूपी चुनाव में पराजय की भय को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया. उन्होंने कहा कि 800-900 किसानों की शहादत हुई. एक साल के संघर्ष के बाद यह जीत किसानों को मिलेगी. ऐसे में किसान सरकार से इसका बदला जरूर लेंगे.