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यूपी चुनाव में हार का खौफ, केंद्र ने लिया तीनों कृषि कानून वापस : रविंद्र चौबे

केंद्र सरकार के द्वारा तीन कृषि बिलों को वापस लेने के निर्णय के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी भूचाल आ गया है. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इसे किसानों की बड़ी जीत बताया और केंद्र सरकार को दमनकारी करार दिया.

Agriculture Minister statement
कृषि मंत्री का बयान
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Published : Nov 19, 2021, 3:48 PM IST

Updated : Nov 25, 2021, 1:05 PM IST

रायपुरः केंद्र सरकार के द्वारा तीनों कृषि बिल वापस लिए जाने की घोषणा के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे (Agriculture Minister Ravindra Choubey) ने कहा कि अहंकार की पराजय हुई है. किसानों की जीत हुई है. छत्तीसगढ़ में हमने तीनों कानूनों के खिलाफ अपना कानून बनाया था. लेकिन हिंदुस्तान के किसानों को आंदोलन (protest) करना पड़ा.

कृषि मंत्री का बयान

बिना नाम लिए उन्होंने केंद्र सरकार (central government) को घेरते हुए कहा कि लोग गलतफहमी में थे कि किसानों के आंदालन को दमन कर लिया जाएगा. लेकिन सरकार को झुकना पड़ा. किसानों की यह ऐतिहासिक जीत है. उन्हें मालूम नहीं था कि महात्मा गांधी ने इन्हीं किसानों का नेतृत्व करके देश से अंग्रेजों को भगाया था. इन किसानों की ताकत को कमतर आंका गया.

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खेती थी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

कृषि मंत्री ने कहा कि जिम्मेदार चाह रहे थे कि खेती भी निजी हाथों में सौंप दिया जाय. लेकिन किसानों की ताकत का अंदाजा नहीं था. यूपी चुनाव में पराजय की भय को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया. उन्होंने कहा कि 800-900 किसानों की शहादत हुई. एक साल के संघर्ष के बाद यह जीत किसानों को मिलेगी. ऐसे में किसान सरकार से इसका बदला जरूर लेंगे.

रायपुरः केंद्र सरकार के द्वारा तीनों कृषि बिल वापस लिए जाने की घोषणा के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे (Agriculture Minister Ravindra Choubey) ने कहा कि अहंकार की पराजय हुई है. किसानों की जीत हुई है. छत्तीसगढ़ में हमने तीनों कानूनों के खिलाफ अपना कानून बनाया था. लेकिन हिंदुस्तान के किसानों को आंदोलन (protest) करना पड़ा.

कृषि मंत्री का बयान

बिना नाम लिए उन्होंने केंद्र सरकार (central government) को घेरते हुए कहा कि लोग गलतफहमी में थे कि किसानों के आंदालन को दमन कर लिया जाएगा. लेकिन सरकार को झुकना पड़ा. किसानों की यह ऐतिहासिक जीत है. उन्हें मालूम नहीं था कि महात्मा गांधी ने इन्हीं किसानों का नेतृत्व करके देश से अंग्रेजों को भगाया था. इन किसानों की ताकत को कमतर आंका गया.

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खेती थी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

कृषि मंत्री ने कहा कि जिम्मेदार चाह रहे थे कि खेती भी निजी हाथों में सौंप दिया जाय. लेकिन किसानों की ताकत का अंदाजा नहीं था. यूपी चुनाव में पराजय की भय को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया. उन्होंने कहा कि 800-900 किसानों की शहादत हुई. एक साल के संघर्ष के बाद यह जीत किसानों को मिलेगी. ऐसे में किसान सरकार से इसका बदला जरूर लेंगे.

Last Updated : Nov 25, 2021, 1:05 PM IST
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