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रायपुर में 40 दिनों के अंदर 144 हादसे, हाई स्पीड बनी वजह

सड़क हादसों पर लगाम कसने और हादसों की डिटेल तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने 'आई रेड एप' (I Red App) लॉन्च किया है. छत्तीसगढ़ ट्रैफिक पुलिस (chhattisgarh traffic police) ने एक अगस्त से इस एप पर हादसों की डिटेल डालना शुरू कर दिया है. आई रेड एप से जो जानकारी निकल कर सामने आई है वह चौंकाने वाली है. क्योंकि महज 40 दिन में ही 144 दुर्घटनाएं हुई है. जिसमें अंधिकतर हादसे तेज रफ्तार की वजह से हुई है.

traffic chaupal
ट्रैफिक चौपाल का आयोजन
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Published : Sep 13, 2021, 9:40 PM IST

Updated : Sep 13, 2021, 9:55 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में रोजाना सड़क हादसे हो रहे हैं. रायपुर पुलिस और यातायात विभाग (Raipur Police Traffic Department) लगातार लोगों को हेलमेट लगाने के प्रति जागरुक भी कर रहा है. ब्लैक स्पॉट भी बनाए गए हैं. लेकिन इसके बाद भी सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. सड़क हादसों पर लगाम कसने और हादसों की डिटेल तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने 'आई रेड एप' (I Red App) लांच किया है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक अगस्त से इस एप पर हादसों की डिटेल डालनी शुरू कर दी है. आई रेड एप से जो जानकारी निकल कर सामने आई है वह चौंकाने वाली है. क्योंकि महज 40 दिन में ही 144 दुर्घटनाएं हुई है. जिसमें करीब 45 लोगों की मौत हुई है. खास बात यह है कि इन 144 घटनाओं में 90 फीसदी दुर्घनाएं तेज वाहन चलाने की वजह से हुई है.



ज्यादातर मौतें सिर में चोट लगने से हुई
राजधानी की सड़कों पर वाहनों की रफ्तार कम होती नजर नहीं आ रही है. जिसकी वजह से सड़क दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. पिछले 40 दिनों की बात की जाए तो राजधानी रायपुर में 144 हादसे हुए हैं. 90 फीसदी हादसों की वजह तेज रफ्तार है. इन तेज रफ्तार वाहनों की वजह से हुए हादसों में ज्यादातर मामलों में मौत का कारण हेड इंजरी रहा है. करीब 5 लोगों की मौत कार एक्सीडेंट की वजह से हुई है.

शहर के बाहरी इलाकों में हुए हादसे
ज्यादातर हादसों और उसमें मरने वालों की संख्या शहर के आउटर क्षेत्रों की है. देहात क्षेत्रों में मौत की वजह बिना हेलमेट वाहन चलाना है. हादसों के पीछे कारणों पर जाएं तो तेज रफ्तार, खराब सड़कें और लापरवाही से गाड़ी चलाना भी इसमें शामिल है. ग्रामीण क्षेत्रों में हादसों को देखते हुए रायपुर ट्रैफिक पुलिस 'ट्रैफिक चौपाल' का आयोजन कर रही है. इस अभियान के जरिए लोगों को हेलमेट पहनने की सलाह दी जा रही है.

इन क्षेत्रों में सबसे अधिक मौतें
अगस्त के 31 दिनों में 109 हादसे हुए. इन 109 हादसों में 35 की मौत हुई. धरसीवां, उरला, नेवरा और कबीर नगर में हादसों में मृतकों की संख्या सौ फीसदी या उससे ज्यादा रही है. धरसीवां में 5 हादसों में 6 लोगों की मौत, उरला और नेवरा में 4 हादसों में 4 की मौत और कबीर नगर में एक हादसे में एक की मौत हुई है. गोबरा नवापारा में हुए 6 हादसों में 5 की मौत हुई है. यह सभी हादसे गाड़ियों की तेज रफ्तार की वजह से हुए हैं.

लोगों को किया जा रहा जागरूक
रायपुर यातायात के डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि 1 अगस्त से 'आई रेड एप' में जितने भी हादसे हो रहे हैं. उसकी डिटेल एप पर अपलोड की जा रही है. इसके लिए सभी थाना प्रभारियों को यूजर नेम दिया गया है. थानेदार खुद अपने थाना क्षेत्रों में होने वाले हादसे को अपलोड कर सकते हैं. डीएसपी ठाकुर ने बताया कि 1 अगस्त से अब तक एप पर 144 हादसों की डिटेल डाली गई है. निश्चित रूप से ये हादसे स्पीड में वाहन चलाने की वजह से हुए हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में रोजाना सड़क हादसे हो रहे हैं. रायपुर पुलिस और यातायात विभाग (Raipur Police Traffic Department) लगातार लोगों को हेलमेट लगाने के प्रति जागरुक भी कर रहा है. ब्लैक स्पॉट भी बनाए गए हैं. लेकिन इसके बाद भी सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. सड़क हादसों पर लगाम कसने और हादसों की डिटेल तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने 'आई रेड एप' (I Red App) लांच किया है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक अगस्त से इस एप पर हादसों की डिटेल डालनी शुरू कर दी है. आई रेड एप से जो जानकारी निकल कर सामने आई है वह चौंकाने वाली है. क्योंकि महज 40 दिन में ही 144 दुर्घटनाएं हुई है. जिसमें करीब 45 लोगों की मौत हुई है. खास बात यह है कि इन 144 घटनाओं में 90 फीसदी दुर्घनाएं तेज वाहन चलाने की वजह से हुई है.



ज्यादातर मौतें सिर में चोट लगने से हुई
राजधानी की सड़कों पर वाहनों की रफ्तार कम होती नजर नहीं आ रही है. जिसकी वजह से सड़क दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. पिछले 40 दिनों की बात की जाए तो राजधानी रायपुर में 144 हादसे हुए हैं. 90 फीसदी हादसों की वजह तेज रफ्तार है. इन तेज रफ्तार वाहनों की वजह से हुए हादसों में ज्यादातर मामलों में मौत का कारण हेड इंजरी रहा है. करीब 5 लोगों की मौत कार एक्सीडेंट की वजह से हुई है.

शहर के बाहरी इलाकों में हुए हादसे
ज्यादातर हादसों और उसमें मरने वालों की संख्या शहर के आउटर क्षेत्रों की है. देहात क्षेत्रों में मौत की वजह बिना हेलमेट वाहन चलाना है. हादसों के पीछे कारणों पर जाएं तो तेज रफ्तार, खराब सड़कें और लापरवाही से गाड़ी चलाना भी इसमें शामिल है. ग्रामीण क्षेत्रों में हादसों को देखते हुए रायपुर ट्रैफिक पुलिस 'ट्रैफिक चौपाल' का आयोजन कर रही है. इस अभियान के जरिए लोगों को हेलमेट पहनने की सलाह दी जा रही है.

इन क्षेत्रों में सबसे अधिक मौतें
अगस्त के 31 दिनों में 109 हादसे हुए. इन 109 हादसों में 35 की मौत हुई. धरसीवां, उरला, नेवरा और कबीर नगर में हादसों में मृतकों की संख्या सौ फीसदी या उससे ज्यादा रही है. धरसीवां में 5 हादसों में 6 लोगों की मौत, उरला और नेवरा में 4 हादसों में 4 की मौत और कबीर नगर में एक हादसे में एक की मौत हुई है. गोबरा नवापारा में हुए 6 हादसों में 5 की मौत हुई है. यह सभी हादसे गाड़ियों की तेज रफ्तार की वजह से हुए हैं.

लोगों को किया जा रहा जागरूक
रायपुर यातायात के डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि 1 अगस्त से 'आई रेड एप' में जितने भी हादसे हो रहे हैं. उसकी डिटेल एप पर अपलोड की जा रही है. इसके लिए सभी थाना प्रभारियों को यूजर नेम दिया गया है. थानेदार खुद अपने थाना क्षेत्रों में होने वाले हादसे को अपलोड कर सकते हैं. डीएसपी ठाकुर ने बताया कि 1 अगस्त से अब तक एप पर 144 हादसों की डिटेल डाली गई है. निश्चित रूप से ये हादसे स्पीड में वाहन चलाने की वजह से हुए हैं.

Last Updated : Sep 13, 2021, 9:55 PM IST
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