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SPECIAL: कोरोना वायरस को लेकर सतर्क अस्पताल, स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन समेत किए जा रहे कई उपाय - hospital in Corona epidemic

कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों की जिंदगी में कई बदलाव आए हैं. उनमें से एक है मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग. रायगढ़ जिले के अधिकांश अस्पतालों और छोटे-बड़े क्लीनिकों में सफाई और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. मरीजों के साथ ही उनके परिजनों की भी ट्रैवल हिस्ट्री ली जा रही है. अस्पताल आने वाले हर शख्स की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है.

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सैनिटाइजर का उपयोग
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Published : Jun 25, 2020, 11:08 AM IST

Updated : Jun 25, 2020, 11:36 AM IST

रायगढ़: कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव आया है. लोग पहले से ज्यादा साफ-सफाई का ध्यान रखने लगे हैं. रायगढ़ जिले में भी इस महामारी का प्रकोप है, लेकिन यहां के छोटे-बड़े 2 दर्जन से ज्यादा अस्पताल और निजी क्लीनिक इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अस्पतालों में साफ-सफाई से लेकर वायरस से बचने के तमाम जतन किए जा रहे हैं. महामारी के बाद से ही इन जगहों पर सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं. क्लीनिक की सफाई पहले के मुकाबले ज्यादा की जाने लगी है. जो मरीज अस्पताल में पहुंचते हैं, उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद सैनिटाइजर दिया जाता है. मरीजों के साथ उनके परिजनों का भी रिकॉर्ड लिया जा रहा है.

कोरोना वायरस को लेकर अस्पताल सतर्क

SPECIAL: कोरोना की मार में टी-स्टॉल बना सब्जी दुकान, कम हुए चाय के शौकीन

संक्रमण के डर से लोग भी पूरी सतर्कता के साथ अस्पताल पहुंचते हैं. अस्पताल में आने वाले सभी मरीज और उनके परिजन बिना मास्क के अस्पताल में नहीं आते हैं. रायगढ़ जिले के अलावा सीमावर्ती राज्य ओडिशा, झारखंड और बिहार के लोग भी जिले के अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचते हैं. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन में निजी क्लीनिक और डायग्नोस्टिक सेंटरों को बंद कर दिया गया था. अनलॉक वन के साथ ही इन निजी क्लीनिक और अस्पतालों में सशर्त मरीजों के इलाज की अनुमति मिली. ETV भारत ने ऐसे ही कुछ क्लीनिक और डायग्नोस्टिक सेंटर का जायजा लिया.

Thermal screening at the gate
गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग

लोगों की बदली हैं आदतें

इस महामारी के समय डॉक्टर्स अहम भूमिका निभा रहे हैं. कोरोना संक्रमितों के साथ ही आम लोगों का इलाज डॉक्टर पूरी सावधानी के साथ कर रहे हैं. शहर के डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डॉक्टर आलोक केडिया के मुताबिक लोगों ने संक्रमण के खतरे को देखते हुए अपनी आदतें बदली हैं. पहले की तरह अब कोई मरीज अस्पताल नहीं जाता है. सभी पूरी सावधानी और सुरक्षा के साथ अस्पताल पहुंचते हैं.

People sitting in social distancing
सोशल डिस्टेंसिंग में बैठे लोग

SPECIAL: कोको से कोंडागांव को मिल सकेगी नई पहचान, खेती पर विचार कर रहा प्रशासन


पहले ही दिया जाता है समय

हड्डी रोग विभाग के विशेषज्ञ और निजी अस्पताल संचालक डॉक्टक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि मरीजों की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए वेटिंग एरिया में कुर्सियां बढ़ा दी गई हैं, साथ ही मरीज के साथ कम से कम परिजनों को भीतर आने की अनुमति दी जाती है. डॉक्टर के परामर्श के लिए टोकन के साथ टाइमिंग बताकर बुलाया जाता है. मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री जानने के बाद उनका इलाज किया जाता है.

अस्पताल में ली जाती है डिटेल

क्लीनिक में जाने पर सबसे पहले मरीज और उनके परिजनों से फॉर्म भराया जाता है. इसमें उनकी ट्रैवल हिस्ट्री लिखी होती है. एक मरीज ने बताया कि पहले अस्पताल में बहुत भीड़ होती थी, लेकिन अब कोरोना संक्रमण के डर से लोगों ने आना कम कर दिया है. अस्पताल में कुर्सियां सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से लगाई गई है. इस वजह से लोग दूर-दूर बैठते हैं. सभी अस्पतालों में सबसे पहले आने वाले हर व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. इसके बाद सैनिटाइजर दिया जाता है. प्रदेश में डॉक्टरों के साथ ही आम लोग भी पूरी सावधानी बरत रहे हैं. बिना मास्क के लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

रायगढ़: कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव आया है. लोग पहले से ज्यादा साफ-सफाई का ध्यान रखने लगे हैं. रायगढ़ जिले में भी इस महामारी का प्रकोप है, लेकिन यहां के छोटे-बड़े 2 दर्जन से ज्यादा अस्पताल और निजी क्लीनिक इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अस्पतालों में साफ-सफाई से लेकर वायरस से बचने के तमाम जतन किए जा रहे हैं. महामारी के बाद से ही इन जगहों पर सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं. क्लीनिक की सफाई पहले के मुकाबले ज्यादा की जाने लगी है. जो मरीज अस्पताल में पहुंचते हैं, उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद सैनिटाइजर दिया जाता है. मरीजों के साथ उनके परिजनों का भी रिकॉर्ड लिया जा रहा है.

कोरोना वायरस को लेकर अस्पताल सतर्क

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संक्रमण के डर से लोग भी पूरी सतर्कता के साथ अस्पताल पहुंचते हैं. अस्पताल में आने वाले सभी मरीज और उनके परिजन बिना मास्क के अस्पताल में नहीं आते हैं. रायगढ़ जिले के अलावा सीमावर्ती राज्य ओडिशा, झारखंड और बिहार के लोग भी जिले के अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचते हैं. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन में निजी क्लीनिक और डायग्नोस्टिक सेंटरों को बंद कर दिया गया था. अनलॉक वन के साथ ही इन निजी क्लीनिक और अस्पतालों में सशर्त मरीजों के इलाज की अनुमति मिली. ETV भारत ने ऐसे ही कुछ क्लीनिक और डायग्नोस्टिक सेंटर का जायजा लिया.

Thermal screening at the gate
गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग

लोगों की बदली हैं आदतें

इस महामारी के समय डॉक्टर्स अहम भूमिका निभा रहे हैं. कोरोना संक्रमितों के साथ ही आम लोगों का इलाज डॉक्टर पूरी सावधानी के साथ कर रहे हैं. शहर के डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डॉक्टर आलोक केडिया के मुताबिक लोगों ने संक्रमण के खतरे को देखते हुए अपनी आदतें बदली हैं. पहले की तरह अब कोई मरीज अस्पताल नहीं जाता है. सभी पूरी सावधानी और सुरक्षा के साथ अस्पताल पहुंचते हैं.

People sitting in social distancing
सोशल डिस्टेंसिंग में बैठे लोग

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पहले ही दिया जाता है समय

हड्डी रोग विभाग के विशेषज्ञ और निजी अस्पताल संचालक डॉक्टक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि मरीजों की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए वेटिंग एरिया में कुर्सियां बढ़ा दी गई हैं, साथ ही मरीज के साथ कम से कम परिजनों को भीतर आने की अनुमति दी जाती है. डॉक्टर के परामर्श के लिए टोकन के साथ टाइमिंग बताकर बुलाया जाता है. मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री जानने के बाद उनका इलाज किया जाता है.

अस्पताल में ली जाती है डिटेल

क्लीनिक में जाने पर सबसे पहले मरीज और उनके परिजनों से फॉर्म भराया जाता है. इसमें उनकी ट्रैवल हिस्ट्री लिखी होती है. एक मरीज ने बताया कि पहले अस्पताल में बहुत भीड़ होती थी, लेकिन अब कोरोना संक्रमण के डर से लोगों ने आना कम कर दिया है. अस्पताल में कुर्सियां सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से लगाई गई है. इस वजह से लोग दूर-दूर बैठते हैं. सभी अस्पतालों में सबसे पहले आने वाले हर व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. इसके बाद सैनिटाइजर दिया जाता है. प्रदेश में डॉक्टरों के साथ ही आम लोग भी पूरी सावधानी बरत रहे हैं. बिना मास्क के लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

Last Updated : Jun 25, 2020, 11:36 AM IST
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