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जांजगीर चांपा में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दो किसानों से हुई धान खरीदी

जांजगीर-चांपा में हाईकोर्ट (Bilaspur Highcourt decision) के निर्देश के बाद पुटीडीह धान खरीदी केंद्र में दो किसानों का धान खरीदा गया. आपको बता दें कि तहसीलदार की गलती के कारण किसान धान खरीदी से वंचित रह गए थे.

Paddy purchased from two farmers in Janjgir
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दो किसानों से हुई धान खरीदी
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Published : Apr 12, 2022, 5:13 PM IST

Updated : Apr 13, 2022, 9:18 AM IST

जांजगीर-चांपा : हाईकोर्ट के निर्देश (Bilaspur Highcourt decision) के बाद जांजगीर के दो किसानों का धान खरीदा गया. धान खरीदने के लिए कलेक्टर ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और जिला विपणन अधिकारी को निर्देश जारी किए थे. दोनों किसानों का धान खरीदने के लिए टोकन जारी कर 668 क्विंटल धान की खरीदी की गई है. आपको बता दें कि तहसीलदार की गलती के कारण दोनों ही किसान अपना धान नहीं बेच सके थे.

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दो किसानों से हुई धान खरीदी

क्या है पूरा मामला : जांजगीर-चाम्पा जिले के डभरा तहसील के अंतर्गत ग्राम भेड़ीकोना में सदानंद पटेल और हरिशंकर पटेल की संयुक्त खाते में कृषि भूमि है. दोनों किसानों ने तहसीलदार डभरा को आवेदन देकर धान खरीदी के लिए पंजीयन करने की गुहार लगाई (Janjgir Champa Tehsildar did a mistake ) थी. इसके बाद भी पंजीयन नहीं हो सका. इसी बीच धान बेचने की तारीख खत्म हो गई. धान बेचने के लिए दोनों ही किसानों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

हाईकोर्ट के निर्देश की अवहेलना : खरीदी से वंचित दोनों किसानों ने वकील एचएस पटेल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की. 27 जनवरी 2021 को हाईकोर्ट ने निर्देशित किया कि जिस किसान का जितना हिस्सा होता है, उसे उतना धान और पैसा बांटा जाए. दो महीने की अवधि में यह काम पूरा करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन तहसीलदार ने इस निर्देश की अनदेखी की.

किसान दोबारा पहुंचे हाईकोर्ट : पहले की अपील में किसानों ने कलेक्टर जांजगीर जितेंद्र शुक्ला (Collector Janjgir Jitendra Shukla) और तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे को पक्षकार बनाकर अवमानना याचिका पेश की थी. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दोनों प्रतिवादियों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था. इसके बाद भी खरीदी नहीं हो पाई थी. जिसके बाद किसानों ने एक नई याचिका दायर की. जिसमें मुख्य सचिव, खाद्य सचिव, सीईओ जिला सहकारी बैंक, कलेक्टर जांजगीर, नोडल अफसर जांजगीर और एसडीओ डभरा को पक्षकार बनाया गया.

हाईकोर्ट ने सुनाया धान खरीदी पर फैसला : मामले में जस्टिस आरएसीएस सामंत ने बीते नौ मार्च को सुनवाई करते हुए सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता के धान की खरीदी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे. इसी निर्देश के आधार पर कलेक्टर जांजगीर-चांपा (Collector Janjgir Jitendra Shukla) ने सोमवार 11 अप्रैल को टोकन जारी करने निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिए थे. जिसके बाद दोनों किसानों का धान विभाग ने खरीदी की.

ये भी पढ़ें- जांजगीर चांपा धान खरीदी केंद्र प्रभारी निलंबित, कलेक्टर ने दिए निर्देश


निर्देश का हुआ पालन: हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने पुटीडीह में धान खरीदी के निर्देश दिए. राज्य सरकार के द्वारा धान खरीदी समाप्त किए जाने के बाद पहली बार फिर से टोकन की प्रक्रिया अपनाई गई और किसान के धान की तौलाई के बाद कंप्यूटर में एंट्री हुई. साथ ही खरीदी किए गए धान की राशि उनके बैंक खाते में जमा की गई. धान बिकने पर किसानों ने राहत की सांस ली है.

जांजगीर-चांपा : हाईकोर्ट के निर्देश (Bilaspur Highcourt decision) के बाद जांजगीर के दो किसानों का धान खरीदा गया. धान खरीदने के लिए कलेक्टर ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और जिला विपणन अधिकारी को निर्देश जारी किए थे. दोनों किसानों का धान खरीदने के लिए टोकन जारी कर 668 क्विंटल धान की खरीदी की गई है. आपको बता दें कि तहसीलदार की गलती के कारण दोनों ही किसान अपना धान नहीं बेच सके थे.

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दो किसानों से हुई धान खरीदी

क्या है पूरा मामला : जांजगीर-चाम्पा जिले के डभरा तहसील के अंतर्गत ग्राम भेड़ीकोना में सदानंद पटेल और हरिशंकर पटेल की संयुक्त खाते में कृषि भूमि है. दोनों किसानों ने तहसीलदार डभरा को आवेदन देकर धान खरीदी के लिए पंजीयन करने की गुहार लगाई (Janjgir Champa Tehsildar did a mistake ) थी. इसके बाद भी पंजीयन नहीं हो सका. इसी बीच धान बेचने की तारीख खत्म हो गई. धान बेचने के लिए दोनों ही किसानों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

हाईकोर्ट के निर्देश की अवहेलना : खरीदी से वंचित दोनों किसानों ने वकील एचएस पटेल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की. 27 जनवरी 2021 को हाईकोर्ट ने निर्देशित किया कि जिस किसान का जितना हिस्सा होता है, उसे उतना धान और पैसा बांटा जाए. दो महीने की अवधि में यह काम पूरा करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन तहसीलदार ने इस निर्देश की अनदेखी की.

किसान दोबारा पहुंचे हाईकोर्ट : पहले की अपील में किसानों ने कलेक्टर जांजगीर जितेंद्र शुक्ला (Collector Janjgir Jitendra Shukla) और तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे को पक्षकार बनाकर अवमानना याचिका पेश की थी. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दोनों प्रतिवादियों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था. इसके बाद भी खरीदी नहीं हो पाई थी. जिसके बाद किसानों ने एक नई याचिका दायर की. जिसमें मुख्य सचिव, खाद्य सचिव, सीईओ जिला सहकारी बैंक, कलेक्टर जांजगीर, नोडल अफसर जांजगीर और एसडीओ डभरा को पक्षकार बनाया गया.

हाईकोर्ट ने सुनाया धान खरीदी पर फैसला : मामले में जस्टिस आरएसीएस सामंत ने बीते नौ मार्च को सुनवाई करते हुए सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता के धान की खरीदी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे. इसी निर्देश के आधार पर कलेक्टर जांजगीर-चांपा (Collector Janjgir Jitendra Shukla) ने सोमवार 11 अप्रैल को टोकन जारी करने निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे दिए थे. जिसके बाद दोनों किसानों का धान विभाग ने खरीदी की.

ये भी पढ़ें- जांजगीर चांपा धान खरीदी केंद्र प्रभारी निलंबित, कलेक्टर ने दिए निर्देश


निर्देश का हुआ पालन: हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने पुटीडीह में धान खरीदी के निर्देश दिए. राज्य सरकार के द्वारा धान खरीदी समाप्त किए जाने के बाद पहली बार फिर से टोकन की प्रक्रिया अपनाई गई और किसान के धान की तौलाई के बाद कंप्यूटर में एंट्री हुई. साथ ही खरीदी किए गए धान की राशि उनके बैंक खाते में जमा की गई. धान बिकने पर किसानों ने राहत की सांस ली है.

Last Updated : Apr 13, 2022, 9:18 AM IST
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