रायगढ़: जिले में लगातार प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. कोरोना ने सभी का रोजगार छीन लिया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत मनरेगा के तहत इन मजदूरों को फिर से रोजगार देकर उनके चेहरे पर मुस्कान ला रहा है. जिले में 1 लाख 4 हजार से अधिक मजदूर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं, जबकि पंचायतों में लगभग 3 हजार काम चल रहे हैं.
जिले के प्रवासी मजदूर 14 दिनों की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा करके मनरेगा के काम में लग गए हैं और उन्हें मजदूरी का भुगतान भी किया जा रहा है. अब तक 25 करोड़ रुपए की मजदूरी का भुगतान हो चुका है. जिले में मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण, नाला सफाई, खेत समतलीकरण, वॉटर रिचार्ज, सोख्ता नाला जैसे कई काम किए जा रहे हैं.
मनरेगा के तहत मजदूरों को मिल रहा काम
पंचायतों में किए जा रहे काम ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी मजदूर के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. जिले में 1 लाख 4 हजार मजदूरों को रोजगार मिल रहा है. ऐसे में जो प्रवासी मजदूर हैं, उनके सामने भी रोजी-रोटी की समस्या नहीं आ रही है और परिवार से दूर रहने का दुख भी नहीं हो रहा है. सभी अपने परिवार के साथ शांति से रह रहे हैं.
रोजगार मिलने से मजदूरों में खुशी
रोजगार मिलने की वजह से मजदूरों को आर्थिक मजबूती मिल रही है. जिला पंचायत के अध्यक्ष ने बताया कि मजदूरों को 99% भुगतान हो रहा है. मजदूर काम कर रहे हैं और मजदूरी भी आराम से मिल रही है. प्रवासी मजदूरों को कोरोना के समय भी रोजगार मिलने से उनके चेहरे पर मुस्कान है. साथ ही कहीं किसी प्रकार की शिकायत मिल रही है, तो उसका भी अधिकारी तुरंत समाधान कर रहे हैं.
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अब तक 25 करोड़ का हो चुका है भुगतान
जिले में प्रवासी मजदूरों से मनरेगा के काम को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. कोरोना से बचने के उपायों के साथ मजदूर आसानी से काम कर रहे हैं. अब तक मजदूरों को 25 करोड़ रुपए का मजदूरी भुगतान भी किया जा चुका है. हर 15 दिनों में मनरेगा की राशि मजदूरों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर कर दी जाती है.