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SPECIAL: करीब 3 महीने बाद सुरक्षा को ध्यान में रखकर मैदान में उतरे खिलाड़ी

लॉकडाउन के दौरान सभी खेल मैदानों को बंद कर दिया गया था.अनलॉक 1 में मैदानों को खोलने की इजाजत मिल गई है और खिलाड़ी भी ग्राउंड पर नजर आने लगे हैं. लेकिन प्रैक्टिस के दौरान सबसे जरूरी है सैनिटाइजर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन. महासमुंद में करीब 3 महीने बाद जब खिलाड़ी मैदान पर उतरे तो खुशी देखने वाली थी.

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खिलाड़ियों की वापसी
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Published : Jun 26, 2020, 7:21 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 7:28 PM IST

महासमुंद: कोविड-19 महामारी की वजह से पूरा देश घर में कैद था. ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, दुकानें सब बंद थी. इसके साथ ही खेल के मैदान पर सन्नाटा पसरा हुआ था. करीब तीन महीने तक खिलाड़ी बिना प्रैक्टिस के घर पर ही थे. लेकिन अनलॉक-1 में ग्राउंड्स पर रौनक लौटने लगी है और खिलाड़ी प्रैक्टिस के लिए वापस आने लगे हैं. कई हफ्तों से रुकी प्रैक्टिस की खुशी खिलाड़ियों के चेहरे पर झलक रही है.

तीन महीने बाद ग्राउंड पर उतरे खिलाड़ी

SPECIAL: लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम, लोगों ने जताई साइकिल वाले दिन लौटने की संभावना

महासमुंद के मिनी स्टेडियम में फिर से रौनक लौट आई है. यहां अब खिलाड़ी महीनों बाद प्रैक्टिस करते नजर आ रहे हैं. मिनी स्टेडियम में हैंडबॉल ग्राउंड, बास्केटबॉल ग्राउंड, बॉल बैडमिंटन कोर्ट, फुटबॉल और क्रिकेट का ग्राउंड है. परीक्षा खत्म होते ही हर साल बच्चे इन ग्राउंड में खेलने पहुंच जाते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस मैदान सूना पड़ा रहा. हालांकि अब रौनक लौट रही है.

फिटनेस पर पड़ा प्रभाव

ग्राउंड में वापसी करते ही खिलाड़ियों के चेहरे खुशी से खिल उठे. प्लेयर्स ने कहा कि खेल उनका जीवन है. कोरोना की वजह से न वे खेल पा रहे थे और न प्रैक्टिस कर पा रहे थे, जिससे उन्हें हताशा हो रही थी. खिलाड़ी कहते हैं कि मैदान में लौटते ही उनमें फुर्ती लौट आई है. इस साल स्कूल कैलेंडर भी अभी तक नहीं बन पाया है. नेशनल गेम्स पर भी कोरोना का ग्रहण दिख रहा है. कुछ खिलाड़ियों के पास इस बार नेशनल खेलने का चांस था, जो पूरा होते नहीं नजर आ रहा है.

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ग्राउंड को किया सैनिटाइज

ग्राउंड को किया गया सैनिटाइज

छत्तीसगढ़ हैंडबॉल के चेयरमैन विनोद चंद्राकर ने बताया कि खिलाड़ियों का ग्राउंड से दूर रहना दुर्भाग्यजनक है. सरकार ने अनलॉक के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए हैं, इसे ध्यान में रखते हुए खिलाड़ी मैदान में लौटे हैं. उन्होंने बताया कि ग्राउंड खोलने से पहले उसे सैनिटाइज किया जाता है. आने वाले खिलाड़ी भी पहले खुद को सैनिटाइज करते हैं, उसके बाद मैदान में प्रवेश करते हैं. खिलाड़ी पूरे नियमों का पालन करते हुए प्रैक्टिस कर रहे हैं.

Players sitting in physical distancing
फिजिकल डिस्टेंसिंग में बैठे खिलाड़ी

वापसी पर खेला गया मैच

खिलाड़ियों ने बताया ग्राउंड में वापस आने के बाद उन्होंने एक फ्लड लाइट मैच का आयोजन किया, इसमें हैंडबॉल के चेयरमैन भी शामिल हुए. इस शो मैच में 90 के दशक के सीनियर खिलाड़ियों के साथ जूनियर टीम के खिलाड़ियों ने शानदार मैच खेला. जूनियर खिलाड़ियों ने बताया कि उन्होंने इस दौरान सीनियर खिलाड़ियों के अनुभव से काफी कुछ सीखा. वहीं वर्षों बाद मैदान में वापसी करने के बाद सीनियर खिलाड़ियों ने रोजाना ग्राउंड आकर खेलने की बात कही.

महासमुंद: कोविड-19 महामारी की वजह से पूरा देश घर में कैद था. ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, दुकानें सब बंद थी. इसके साथ ही खेल के मैदान पर सन्नाटा पसरा हुआ था. करीब तीन महीने तक खिलाड़ी बिना प्रैक्टिस के घर पर ही थे. लेकिन अनलॉक-1 में ग्राउंड्स पर रौनक लौटने लगी है और खिलाड़ी प्रैक्टिस के लिए वापस आने लगे हैं. कई हफ्तों से रुकी प्रैक्टिस की खुशी खिलाड़ियों के चेहरे पर झलक रही है.

तीन महीने बाद ग्राउंड पर उतरे खिलाड़ी

SPECIAL: लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम, लोगों ने जताई साइकिल वाले दिन लौटने की संभावना

महासमुंद के मिनी स्टेडियम में फिर से रौनक लौट आई है. यहां अब खिलाड़ी महीनों बाद प्रैक्टिस करते नजर आ रहे हैं. मिनी स्टेडियम में हैंडबॉल ग्राउंड, बास्केटबॉल ग्राउंड, बॉल बैडमिंटन कोर्ट, फुटबॉल और क्रिकेट का ग्राउंड है. परीक्षा खत्म होते ही हर साल बच्चे इन ग्राउंड में खेलने पहुंच जाते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इस मैदान सूना पड़ा रहा. हालांकि अब रौनक लौट रही है.

फिटनेस पर पड़ा प्रभाव

ग्राउंड में वापसी करते ही खिलाड़ियों के चेहरे खुशी से खिल उठे. प्लेयर्स ने कहा कि खेल उनका जीवन है. कोरोना की वजह से न वे खेल पा रहे थे और न प्रैक्टिस कर पा रहे थे, जिससे उन्हें हताशा हो रही थी. खिलाड़ी कहते हैं कि मैदान में लौटते ही उनमें फुर्ती लौट आई है. इस साल स्कूल कैलेंडर भी अभी तक नहीं बन पाया है. नेशनल गेम्स पर भी कोरोना का ग्रहण दिख रहा है. कुछ खिलाड़ियों के पास इस बार नेशनल खेलने का चांस था, जो पूरा होते नहीं नजर आ रहा है.

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ग्राउंड को किया सैनिटाइज

ग्राउंड को किया गया सैनिटाइज

छत्तीसगढ़ हैंडबॉल के चेयरमैन विनोद चंद्राकर ने बताया कि खिलाड़ियों का ग्राउंड से दूर रहना दुर्भाग्यजनक है. सरकार ने अनलॉक के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए हैं, इसे ध्यान में रखते हुए खिलाड़ी मैदान में लौटे हैं. उन्होंने बताया कि ग्राउंड खोलने से पहले उसे सैनिटाइज किया जाता है. आने वाले खिलाड़ी भी पहले खुद को सैनिटाइज करते हैं, उसके बाद मैदान में प्रवेश करते हैं. खिलाड़ी पूरे नियमों का पालन करते हुए प्रैक्टिस कर रहे हैं.

Players sitting in physical distancing
फिजिकल डिस्टेंसिंग में बैठे खिलाड़ी

वापसी पर खेला गया मैच

खिलाड़ियों ने बताया ग्राउंड में वापस आने के बाद उन्होंने एक फ्लड लाइट मैच का आयोजन किया, इसमें हैंडबॉल के चेयरमैन भी शामिल हुए. इस शो मैच में 90 के दशक के सीनियर खिलाड़ियों के साथ जूनियर टीम के खिलाड़ियों ने शानदार मैच खेला. जूनियर खिलाड़ियों ने बताया कि उन्होंने इस दौरान सीनियर खिलाड़ियों के अनुभव से काफी कुछ सीखा. वहीं वर्षों बाद मैदान में वापसी करने के बाद सीनियर खिलाड़ियों ने रोजाना ग्राउंड आकर खेलने की बात कही.

Last Updated : Jun 26, 2020, 7:28 PM IST
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