महासमुंद: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में पहली बार कराटे परीक्षा का आयोजन किया गया. महासमुंद जिला कराटे संघ की तरफ से आयोजित बेल्ट ग्रेडिंग परीक्षा में पास होने के लिए रायपुर सहित अलग-अलग जिले के खिलाड़ियों ने खूब पसीना बहाया. कड़े परिश्रम और कौशल भरे इस आत्मरक्षा वाले खेल परीक्षा में भाग लेने के लिए बच्चों और युवाओं में खासा उत्साह नजर आया.
महासमुंद में कराटे बेल्ट ग्रेडिंग परीक्षा: महासमुंद जिला मुख्यालय के टाउन हॉल में आयोजित कराटे बेल्ट ग्रेडिंग परीक्षा में रायपुर, बेमेतरा और महासमुंद के 34 छात्र और 21 छात्राओं सहित कुल 55 प्रतिभागी शामिल हुए. 7 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वाले प्रतिभागियों के चयन के लिए नेशनल रेफरी और प्रशिक्षकों ने विभिन्न मापदण्ड के आधार पर परीक्षा ली. परीक्षा के बाद 4 ब्लैक बेल्ट, 22 यलो बेल्ट, 10 आरेंज बेल्ट, 9 ब्राउन बेल्ट और 5 ब्लू बेल्ट से खिलाडियों को नवाजा गया. कराटे खिलाडियों का कहना है कि कराटे सेल्फ डिंफेंस का खेल है आगे इसी में भविष्य बनाएंगे.
महासमुंद के नन्हे कराटे खिलाड़ियों ने जीता गोल्ड और सिल्वर मेडल
कराटे इंडिया आर्गेनाइजेशन के सदस्य रेशीबी नायडू का कहना है कि 'खिलाड़ियों का स्टेमिना चेक कर उन्हें बेल्ट दिया जाता है. इन्हीं में से जो बच्चे ज्यादा अच्छा कराटे खेल रहे हैं तो उन्हें अलग से ट्रेनिंग देकर स्टेट और नेशनल के लिए तैयार कराया जाता है. छत्तीसगढ़ कराटे एसोसिएशन के बाद दो वीर हनुमान एवार्डेड कोच हैं. कई कराटे प्लेयर को सरकारी नौकरी भी मिल चुकी हैं. कराटे खेल का भविष्य उज्जवल है. कड़े परिश्रम वाले आत्मरक्षा के इस खेल के लिए छोटे शहरो में भी रुझान तेजी से बढ़ रहा है.