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छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में काम बंद, सीएम भूपेश की अपील का नहीं हुआ असर

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Published : Sep 2, 2022, 1:07 PM IST

छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में काम बंद हैं.सीएम भूपेश ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की थी.लेकिन अपील का भी कोई असर नहीं हुआ.

सीएम भूपेश की अपील का नही हुआ असर
सीएम भूपेश की अपील का नही हुआ असर

रायपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारियों की हड़ताल खत्म होने का नाम नही ले रही है. मुख्यमंत्री की अपील (CM Bhupesh appeal ineffective ) के बाद भी सभी सरकारी दफ्तरों में ताले लटके हैं. कोई भी कर्मचारी अधिकारी कार्यालय नही पहुंचे. तहसील कार्यालय, जनपद पंचायत, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सरकारी स्कूल विरान नजर आए. जिसकी वजह से दूरदराज से आए लोग अपने सरकारी कार्य के लिए भटकते नजर (striking employees of Chhattisgarh ) आए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हड़ताल पर बैठे अधिकारियों कर्मचारियों से बुधवार को ट्वीट कर काम लौटने की अपील की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि ''हड़ताल में शामिल सभी कर्मचारियों से मेरी अपील है कि लोगों की आवश्यकता से जुड़े काम रुकने से जनता को असुविधा हो रही है. अतः आप सभी कर्तव्य का निर्वहन करें.''

छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में काम है बंद: लेकिन इसके विपरीत सभी सरकारी दफ्तरों में ताले लटके (Work in Chhattisgarh government offices is closed ) मिले . कार्यालय सुनसान नजर आए. दूरदराज से आये लोगों को राजस्व विभाग संबंधित कार्य तथा जाति, निवास प्रमाण पत्र के लिए भटकना पड़ा.नोटरी का कार्य करने वाले कार्य नही होने से खाली बैठे दिखे. स्कूलों में भी हड़ताल की वजह से पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है. जिसकी वजह से बच्चों को अपने भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी हैं. इससे पहले सोमवार को मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के नेताओं को कार्यालय बुलाया था. वहां विधायक विकास उपाध्याय की मौजूदगी में मुख्य सचिव और हड़ताली नेताओं के बीच बातचीत हुई है. मुख्य सचिव ने आम लोगों की दिक्कतों का हवाला देकर काम पर वापस लौटने की बात कही. हड़ताली नेता अपनी मांग पर अड़े रहे. इसकी वजह से उस दिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था. इससे पहले कार्रवाई का निर्देश हुआ (employees strike in chhattisgarh) था.

सामान्य प्रशासन विभाग भी हुआ सख्त : सोमवार को ही सामान्य प्रशासन विभाग ने हड़ताल को सेवा आचरण नियमों के तहत कदाचार बताया था. इसमें कहा गया था कि जो कर्मचारी 25 से 29 जुलाई तक भी हड़ताल पर थे और अब भी हड़ताल पर बैठे हैं, उनका अवकाश स्वीकृत न किया जाए. उतने दिनों तक का वेतन भुगतान नहीं किया जाए और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा जाए. मंगलवार को जारी एक परिपत्र में हड़ताल में शामिल नहीं हुए कर्मचारियों को राहत देने की कोशिश हुई थी. इसमें कहा गया था कि कई कर्मचारी अधिकारी काम पर लौटना चाहते हैं. उनकी सुरक्षा का इंतजाम किया जाए.वहीं दो सितम्बर तक काम पर लौट आए कर्मचारी-अधिकारियों की हड़ताल अवधि की अनुपस्थिति को अवकाश स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाए.

राज्य कर्मचारियों की भत्ता बढ़ाने की मांग : छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों ने भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल की है. कर्मचारी संगठन कई महीनों से केंद्र सरकार की तरह 34% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं. उनकी मांग है कि उनका भत्ता 12% और बढ़ाया जाना चाहिए.वहीं सातवें वेतनमान की सिफारिशों के मुताबिक मूल वेतन का 18% गृह भाड़ा भत्ता की मांग भी उठी है. जुलाई में पांच दिनों की हड़ताल के बाद सरकार ने महंगाई भत्ते में 6% इजाफे का आदेश जारी कर दिया था. वहीं गृह भाड़ा भत्ता के लिए आश्वासन दिया गया था. इसके बाद 22 अगस्त से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए.

रायपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारियों की हड़ताल खत्म होने का नाम नही ले रही है. मुख्यमंत्री की अपील (CM Bhupesh appeal ineffective ) के बाद भी सभी सरकारी दफ्तरों में ताले लटके हैं. कोई भी कर्मचारी अधिकारी कार्यालय नही पहुंचे. तहसील कार्यालय, जनपद पंचायत, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सरकारी स्कूल विरान नजर आए. जिसकी वजह से दूरदराज से आए लोग अपने सरकारी कार्य के लिए भटकते नजर (striking employees of Chhattisgarh ) आए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हड़ताल पर बैठे अधिकारियों कर्मचारियों से बुधवार को ट्वीट कर काम लौटने की अपील की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि ''हड़ताल में शामिल सभी कर्मचारियों से मेरी अपील है कि लोगों की आवश्यकता से जुड़े काम रुकने से जनता को असुविधा हो रही है. अतः आप सभी कर्तव्य का निर्वहन करें.''

छत्तीसगढ़ के सरकारी दफ्तरों में काम है बंद: लेकिन इसके विपरीत सभी सरकारी दफ्तरों में ताले लटके (Work in Chhattisgarh government offices is closed ) मिले . कार्यालय सुनसान नजर आए. दूरदराज से आये लोगों को राजस्व विभाग संबंधित कार्य तथा जाति, निवास प्रमाण पत्र के लिए भटकना पड़ा.नोटरी का कार्य करने वाले कार्य नही होने से खाली बैठे दिखे. स्कूलों में भी हड़ताल की वजह से पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है. जिसकी वजह से बच्चों को अपने भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी हैं. इससे पहले सोमवार को मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के नेताओं को कार्यालय बुलाया था. वहां विधायक विकास उपाध्याय की मौजूदगी में मुख्य सचिव और हड़ताली नेताओं के बीच बातचीत हुई है. मुख्य सचिव ने आम लोगों की दिक्कतों का हवाला देकर काम पर वापस लौटने की बात कही. हड़ताली नेता अपनी मांग पर अड़े रहे. इसकी वजह से उस दिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था. इससे पहले कार्रवाई का निर्देश हुआ (employees strike in chhattisgarh) था.

सामान्य प्रशासन विभाग भी हुआ सख्त : सोमवार को ही सामान्य प्रशासन विभाग ने हड़ताल को सेवा आचरण नियमों के तहत कदाचार बताया था. इसमें कहा गया था कि जो कर्मचारी 25 से 29 जुलाई तक भी हड़ताल पर थे और अब भी हड़ताल पर बैठे हैं, उनका अवकाश स्वीकृत न किया जाए. उतने दिनों तक का वेतन भुगतान नहीं किया जाए और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा जाए. मंगलवार को जारी एक परिपत्र में हड़ताल में शामिल नहीं हुए कर्मचारियों को राहत देने की कोशिश हुई थी. इसमें कहा गया था कि कई कर्मचारी अधिकारी काम पर लौटना चाहते हैं. उनकी सुरक्षा का इंतजाम किया जाए.वहीं दो सितम्बर तक काम पर लौट आए कर्मचारी-अधिकारियों की हड़ताल अवधि की अनुपस्थिति को अवकाश स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाए.

राज्य कर्मचारियों की भत्ता बढ़ाने की मांग : छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों ने भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल की है. कर्मचारी संगठन कई महीनों से केंद्र सरकार की तरह 34% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं. उनकी मांग है कि उनका भत्ता 12% और बढ़ाया जाना चाहिए.वहीं सातवें वेतनमान की सिफारिशों के मुताबिक मूल वेतन का 18% गृह भाड़ा भत्ता की मांग भी उठी है. जुलाई में पांच दिनों की हड़ताल के बाद सरकार ने महंगाई भत्ते में 6% इजाफे का आदेश जारी कर दिया था. वहीं गृह भाड़ा भत्ता के लिए आश्वासन दिया गया था. इसके बाद 22 अगस्त से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए.

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