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कोरबा: किसान न्याय योजना के लिए 1 जून से 30 सितंबर तक होगा पंजीयन

कोरबा में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पंजीयन कराना होगा. इसके लिए किसानों को 1 जून से 30 सितंबर के बीच पंजीयन कराना अनिवार्य है.

Registration will be done from June 1 to September 30 for Kisan Nyaya Yojana in Korba
कल्टोरेट परिसर फाइल फोटो
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Published : May 21, 2020, 2:36 PM IST

कोरबा: खरीफ और रबी मौसम में खेती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ अब किसानों को जल्द मिलने जा रहा है. इसके लिए किसानों को 1 जून से 30 सितंबर के बीच अनिवार्य तौर पर पंजीयन कराना होगा. योजना में 14 प्रकार के अनाजों को शामिल किया गया है, जिसका लाभ किसान ले सकते हैं.

किसानों को लगभग 14 प्रकार की अनाज, दलहन-तिलहन फसलों की खेती के लिए डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में डालकर लाभ दिया जाएगा. इस योजना के तहत चिन्हांकित फसलों का उत्पादन करने वाले पंजीकृत किसानों को ही लाभ दिया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, कुरथी, रामतिल, तिल, कोदो, कुटकी, रागी, मूंगफली और सोयाबीन के साथ रबी मौसम में गन्ना फसल को सम्मिलित किया गया है.

दो किस्तों के माध्यम से होगा भुगतान

इसके अंतर्गत खरीफ वर्ष 2019 में धान और मक्का फसल लगाने वाले पंजीकृत किसानों को अधिकतम राशि दस हजार प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि किस्तों में डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा. खरीफ वर्ष 2020 से इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को 1 जून से 30 सितंबर के बीच नए पोर्टल में पंजीयन कराना होगा.

रकबे का सत्यापन करने के बाद पो्र्टल में किया जाएगा दर्ज

इसके लिए निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भरकर क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या क्षेत्र के पटवारी को उपलब्ध करानी होगी, ताकि कृषि एवं राजस्व विभाग संयुक्त गिरदावरी कर पंजीकृत रकबे का सत्यापन करने के बाद पोर्टल में दर्ज कर सके. किसानों के आवेदन पत्र में प्रतिवेदित रकबे और वास्तविक बोए गए रकबे में विसंगति होती है तो इस हालत में संयुक्त प्रतिवेदन के आधार पर पाये गए वास्तविक रकबे को ही इन्द्राज पोर्टल में दर्ज किया जाएगा.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ : आक्रामक हाथी 'गणेश' को काबू में करेंगे 'तीरथराम' और 'दुर्योधन'

पोर्टल में दर्ज जानकारी के आधार पर होगा भुगतान

इसी आधार पर सहायता राशि का भुगतान भी किया जाएगा. सहायता राशि का निर्धारण प्रतिवर्ष किया जाएगा. राज्य शासन ने दलहन एवं तिलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए योजना में प्रावधान किया है कि पिछले साल धान की फसल लगाने वाले ऐसे किसान जो इस साल धान छोड़कर कोई अन्य फसल लगाना चाहते हों, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान राजस्व एवं कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं

कोरबा: खरीफ और रबी मौसम में खेती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ अब किसानों को जल्द मिलने जा रहा है. इसके लिए किसानों को 1 जून से 30 सितंबर के बीच अनिवार्य तौर पर पंजीयन कराना होगा. योजना में 14 प्रकार के अनाजों को शामिल किया गया है, जिसका लाभ किसान ले सकते हैं.

किसानों को लगभग 14 प्रकार की अनाज, दलहन-तिलहन फसलों की खेती के लिए डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में डालकर लाभ दिया जाएगा. इस योजना के तहत चिन्हांकित फसलों का उत्पादन करने वाले पंजीकृत किसानों को ही लाभ दिया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, कुरथी, रामतिल, तिल, कोदो, कुटकी, रागी, मूंगफली और सोयाबीन के साथ रबी मौसम में गन्ना फसल को सम्मिलित किया गया है.

दो किस्तों के माध्यम से होगा भुगतान

इसके अंतर्गत खरीफ वर्ष 2019 में धान और मक्का फसल लगाने वाले पंजीकृत किसानों को अधिकतम राशि दस हजार प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि किस्तों में डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा. खरीफ वर्ष 2020 से इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को 1 जून से 30 सितंबर के बीच नए पोर्टल में पंजीयन कराना होगा.

रकबे का सत्यापन करने के बाद पो्र्टल में किया जाएगा दर्ज

इसके लिए निर्धारित प्रपत्र में जानकारी भरकर क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या क्षेत्र के पटवारी को उपलब्ध करानी होगी, ताकि कृषि एवं राजस्व विभाग संयुक्त गिरदावरी कर पंजीकृत रकबे का सत्यापन करने के बाद पोर्टल में दर्ज कर सके. किसानों के आवेदन पत्र में प्रतिवेदित रकबे और वास्तविक बोए गए रकबे में विसंगति होती है तो इस हालत में संयुक्त प्रतिवेदन के आधार पर पाये गए वास्तविक रकबे को ही इन्द्राज पोर्टल में दर्ज किया जाएगा.

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पोर्टल में दर्ज जानकारी के आधार पर होगा भुगतान

इसी आधार पर सहायता राशि का भुगतान भी किया जाएगा. सहायता राशि का निर्धारण प्रतिवर्ष किया जाएगा. राज्य शासन ने दलहन एवं तिलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए योजना में प्रावधान किया है कि पिछले साल धान की फसल लगाने वाले ऐसे किसान जो इस साल धान छोड़कर कोई अन्य फसल लगाना चाहते हों, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान राजस्व एवं कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं

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