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कोरबा में आफत बनी बारिश, सीतामणी में बाढ़ जैसे हालात

कोरबा जिले में लगातार बारिश (incessant rain) से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात (flood like situation) पैदा हो गए हैं. शहर से लगे सीतामणी क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 8 मोतीसागरपारा सहित कुछ इलाकों में पानी भर गया है. लोग पलायन (people flee) के लिए विवश हैं.

Rain became a disaster in Korba
कोरबा में बारिश बनी आफत
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Published : Sep 17, 2021, 3:47 PM IST

कोरबाः लगातार बारिश से जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. शहर से लगे सीतामणी क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 8 मोतीसागरपारा सहित कुछ इलाकों में पानी भर गया है. निचली बस्तियों के लगभग 10 से 20 घरों में पानी दो से 3 फीट तक भर गया है.

कोरबा में बारिश बनी आफत

यह सभी घर ऐसे हैं जो कि नदी के किनारे बसे हुए हैं. इन क्षेत्रों में बेजा कब्जा भी लगातार हो रहा है. जो घर डूबे हैं उनमें से अधिकतर बेजा कब्जा करने वाले ही हैं. अब इन्हें बाढ़ के हालातों से निकालने के लिए प्रशासन को भी पहल करनी होगी.

निचले इलाकों में विकट स्थिति
सीतामणी क्षेत्र के कई इलाके लो लाइन एरिया (low line area) में शुमार हैं. जैसे ही दर्री डेम या बांगो के गेट खुलते हैं, यहां पानी भर जाता है. लगभग हर साल यहां इसी तरह के हालात पैदा होते हैं. जिसके बाद इनसे निपटना प्रशासन के लिए चुनौती बन जाता है. राहत कार्य के साथ ही मुआवजा (compensation) प्रकरण तैयार किए जाते हैं. वर्तमान में भी यहां बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. घरों में पानी भरने के कारण लोग पलायन करने को विवश (forced to flee) हो गए हैं. सभी अपने घरों का सामान निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के प्रयास में हैं.

बांगो बांध लबालब, खुल सकते हैं गेट
चालू मानसून मौसम में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण जिले का मिनीमाता बांगो बांध पानी से लबालब भर गया है. बांध के जलग्रहण क्षेत्र में रूक-रूक कर हो रही बारिश से बांध का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. बांध का जलस्तर अपने अधिकतम बिंदु से लगभग डेढ़ मीटर ही बचा है. बांध का अधिकतम जलस्तर 359.66 मीटर निर्धारित है और वर्तमान में बांध में 358.30 मीटर तक पानी भर चुका है.

बांध में जलभराव की स्थिति को देखते हुए मिनीमाता बांगो बांध परियोजना के कार्यपालन अभियंता ने आज 16 सितम्बर को दोपहर बाद बांध के गेट खोलने की संभावना जताई है. बांध में भरे पानी की मात्रा के अनुसार गेटो से लगभग एक हजार 500 से दो हजार क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा सकता है. पानी छोड़े जाने से बांध के निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन सकती है. ऐसे में प्रशासन द्वारा बांध के निचले क्षेत्रों में और नदी किनारे रहने वाले लोगो की सुरक्षा के लिए दूसरे सुरक्षित स्थानों पर जाने की सूचना जारी की गई है.

रायपुर में बारिश से मुंबई जैसे हालात, जलभराव से बिगड़ी स्थिति
ये हैं बाढ़ क्षेत्र में आने वाले संभावित ग्राम
बांगो, लेपरा, नुनिया, कछार, कोनकोना, पोड़ीउपरोड़ा, चर्रा, पाराघाट, छिनमेर, सिरकीकला, केरा, पाथा, सिलीयारीपारा, तिलसाभाटा, हथमार, छिर्रापारा, डग्गुपारा, करमीपारा, जूनापारा, लोरीडांड, टुंगमुड़ा, तिलाईडाड, नवागांव, झोरा, कौेरीघाट, पोंड़ीखोहा, डोंगाघाट, धनगांव, लोटलोटा, नर्मदा, औराकछार, झाबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ा, जेलगांव, चारपारा, खैरभवना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्गु, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, देवरी, चिचोली, कटबितला, झीका, ढिठोली आदि गांव शामिल हैं.

अब तक 690.4 मिलीमीटर अधिक बारिश
कोरबा में अब तक कुल 9324.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 690.4 मिलीमीटर अधिक बारिश हुई है. यानी सामान्य वर्षा की तुलना में 102.2 प्रतिशत बारिश हो चुकी है. सामान्य वर्षा की तुलना में सर्वाधिक बारिश दर्री इलाके में 142.3 प्रतिशत, कटघोरा में 111.2 प्रतिशत, पोड़ी-उपरोड़ा में 109.9, हरदीबाजार में 104.6, कोरबा में 91 प्रतिशत, पाली में 88.1 प्रतिशत और करतला में 72.3 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई है.

कोरबाः लगातार बारिश से जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. शहर से लगे सीतामणी क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 8 मोतीसागरपारा सहित कुछ इलाकों में पानी भर गया है. निचली बस्तियों के लगभग 10 से 20 घरों में पानी दो से 3 फीट तक भर गया है.

कोरबा में बारिश बनी आफत

यह सभी घर ऐसे हैं जो कि नदी के किनारे बसे हुए हैं. इन क्षेत्रों में बेजा कब्जा भी लगातार हो रहा है. जो घर डूबे हैं उनमें से अधिकतर बेजा कब्जा करने वाले ही हैं. अब इन्हें बाढ़ के हालातों से निकालने के लिए प्रशासन को भी पहल करनी होगी.

निचले इलाकों में विकट स्थिति
सीतामणी क्षेत्र के कई इलाके लो लाइन एरिया (low line area) में शुमार हैं. जैसे ही दर्री डेम या बांगो के गेट खुलते हैं, यहां पानी भर जाता है. लगभग हर साल यहां इसी तरह के हालात पैदा होते हैं. जिसके बाद इनसे निपटना प्रशासन के लिए चुनौती बन जाता है. राहत कार्य के साथ ही मुआवजा (compensation) प्रकरण तैयार किए जाते हैं. वर्तमान में भी यहां बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. घरों में पानी भरने के कारण लोग पलायन करने को विवश (forced to flee) हो गए हैं. सभी अपने घरों का सामान निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के प्रयास में हैं.

बांगो बांध लबालब, खुल सकते हैं गेट
चालू मानसून मौसम में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण जिले का मिनीमाता बांगो बांध पानी से लबालब भर गया है. बांध के जलग्रहण क्षेत्र में रूक-रूक कर हो रही बारिश से बांध का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. बांध का जलस्तर अपने अधिकतम बिंदु से लगभग डेढ़ मीटर ही बचा है. बांध का अधिकतम जलस्तर 359.66 मीटर निर्धारित है और वर्तमान में बांध में 358.30 मीटर तक पानी भर चुका है.

बांध में जलभराव की स्थिति को देखते हुए मिनीमाता बांगो बांध परियोजना के कार्यपालन अभियंता ने आज 16 सितम्बर को दोपहर बाद बांध के गेट खोलने की संभावना जताई है. बांध में भरे पानी की मात्रा के अनुसार गेटो से लगभग एक हजार 500 से दो हजार क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा सकता है. पानी छोड़े जाने से बांध के निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन सकती है. ऐसे में प्रशासन द्वारा बांध के निचले क्षेत्रों में और नदी किनारे रहने वाले लोगो की सुरक्षा के लिए दूसरे सुरक्षित स्थानों पर जाने की सूचना जारी की गई है.

रायपुर में बारिश से मुंबई जैसे हालात, जलभराव से बिगड़ी स्थिति
ये हैं बाढ़ क्षेत्र में आने वाले संभावित ग्राम
बांगो, लेपरा, नुनिया, कछार, कोनकोना, पोड़ीउपरोड़ा, चर्रा, पाराघाट, छिनमेर, सिरकीकला, केरा, पाथा, सिलीयारीपारा, तिलसाभाटा, हथमार, छिर्रापारा, डग्गुपारा, करमीपारा, जूनापारा, लोरीडांड, टुंगमुड़ा, तिलाईडाड, नवागांव, झोरा, कौेरीघाट, पोंड़ीखोहा, डोंगाघाट, धनगांव, लोटलोटा, नर्मदा, औराकछार, झाबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ा, जेलगांव, चारपारा, खैरभवना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्गु, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, देवरी, चिचोली, कटबितला, झीका, ढिठोली आदि गांव शामिल हैं.

अब तक 690.4 मिलीमीटर अधिक बारिश
कोरबा में अब तक कुल 9324.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 690.4 मिलीमीटर अधिक बारिश हुई है. यानी सामान्य वर्षा की तुलना में 102.2 प्रतिशत बारिश हो चुकी है. सामान्य वर्षा की तुलना में सर्वाधिक बारिश दर्री इलाके में 142.3 प्रतिशत, कटघोरा में 111.2 प्रतिशत, पोड़ी-उपरोड़ा में 109.9, हरदीबाजार में 104.6, कोरबा में 91 प्रतिशत, पाली में 88.1 प्रतिशत और करतला में 72.3 प्रतिशत वर्षा दर्ज की गई है.

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