कोरबा: बात जब मुफ्त के कोयले की हो तो लोग लॉकडाउन की पाबंदियों को तोड़ने से भी नहीं हिचकते. राताखार बायपास मार्ग वर्षों से बदहाल है, जिसकी वजह से यहां एक ट्रक फंस गया. लोड ज्यादा होने से कोयला ट्रक से खाली करना पड़ा. लोगों को जैसे ही सड़क पर कोयला लोड होने की जानकारी मिली, वो इसे लूटने के लिए टूट पड़े, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं.
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दर्री से राताखार जाने वाली बायपास रोड के गेर्वाघात पुल को पार करते ही 800 मीटर की अप्रोच रोड है. ये रोड पिछले कई साल से अधूरी और जर्जर है. यहां आए दिन ट्रक फंस जाते हैं. बुधवार को भी इस सड़क पर एक ट्रक फंस गया, जिसे निकालने के लिए लोड कम करने की जरूरत पड़ी, ट्रक से लोड कम करने के लिए कुछ कोयला बाहर फेंकना पड़ा. ट्रक को खाली करने की वजह से इलाके में कोयले का ढेर लग गया और आसपास मौजूद लोगों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वो फौरन मुफ्त का कोयला लूटने के लिए टूट पड़े. लोगों में जैसे अधिक से अधिक कोयला घर ले जाने की होड़ मच गई हो.
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
पूरी बस्ती कोयला इकट्ठा करने में लग गई. इस दौरान न तो किसी ने मास्क पहन रखा था और न ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान दे रहा था.
CSEB चौकी को दी गई सूचना
इस घटना की सूचना CSEB चौकी को दी गई. जहां लंबा समय बीतने के बाद पुलिस बल को मौके पर भेजा गया. कीचड़ अधिक होने की वजह से पुलिस के वाहन को भी यहां तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल आसपास के लोग कोयला खदानों से कोयला निकालते हैं, अवैध तरीके से कोयला निकालने वाले इसका व्यवसाय भी करते हैं. एक हजार से 1500 रुपए प्रति बोरी तक कोयले का कारोबार किया जाता है. झुग्गी बस्तियों में लोग कोयले को इंधन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.