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कोरबा स्वास्थ्य विभाग के टेंडर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 8 करोड़ के टेंडर प्रक्रिया पर फर्म को थी आपत्ति

कोरबा स्वास्थ्य विभाग (Korba Health Department) ने मेडिकल कॉलेज में उपकरणों के लिए आठ करोड़ का टेंडर जारी किया था. जिसकी प्रक्रिया को लेकर फर्म ने सवाल खड़े किए हैं. फर्म को निविदा जमा करने के बाद अपात्र बताया गया था.

High Court put a stay on the tender of Korba Health Department
कोरबा स्वास्थ्य विभाग के टेंडर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
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Published : May 5, 2022, 1:07 PM IST

Updated : May 5, 2022, 1:30 PM IST

कोरबा : जिले के स्वास्थ्य विभाग में सिविल सर्जन ने 8 करोड़ का टेंडर जारी किया. जिसके प्रक्रिया पर रोक लगी(Screw stuck in eight crore tender in Korba) है. टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाले फर्म के ठेकेदार ने इसकी शिकायत कोरबा कलेक्टर से की थी. शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज ठेकेदार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की . इसके बाद हाईकोर्ट ने टेंडर आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. जिला प्रशासन को संबंधित प्रकरण से जुड़े समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

कोरबा स्वास्थ्य विभाग के टेंडर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

ये है पूरा मामला : मेडिकल कॉलेज सह सम्बद्ध अस्पताल में उपकरण सप्लाई के लिए 8 करोड़ रुपए की निविदा जारी की गई थी. जिसमें साईं कृपा इंटरप्राइजेज, दुर्ग के संचालक विनय कुमार गोयल ने हिस्सा लिया था. विनय इस मामले की लंबे समय से शिकायत करते आ रहे हैं. जिला प्रशासन के DMF (खनिज न्यास मद) से 27 मई 2021 को पहली बार निविदा आमंत्रित की गई. 30 जून 2021 निविदा फार्म प्राप्त करने की अंतिम तिथि और जुलाई 2021 को निविदा जमा करने की अंतिम तिथि तय की गई थी. 1 जुलाई की शाम 4 बजे निविदा खोलने की तिथि निर्धारित थी. लेकिन कोविड के प्रकोप के कारण निविदा खोलने की तिथि को 15 मार्च 2022 कर दिया गया. शिकायतकर्ता और फर्म संचालक ने बताया कि निविदा खोलने के दौरान टेंडर में हिस्सा लेने वाले लोगों को गुमराह किया गया है.

संस्था को बताया गया अपात्र : जिस दिन निविदा खोली गई, इस दौरान उपस्थित अधिकारियों ने साईं कृपा इंटरप्राइजेज फर्म (Sai Krupa Enterprises Durg) के निविदा पत्र को खोलने से ही इंकार कर दिया. ये कहा गया कि संस्था इसके लिए पात्र नहीं है. फर्म के मालिक गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि निविदा पत्र के साथ पर्याप्त दस्तावेज संलग्न किए गए थे. ऐसे में नियम विरुद्ध तरीके से उनकी निविदा को अपात्र ठहराया गया है. जिसकी लिखित शिकायत कोरबा कलेक्टर से की गई. लगातार शिकायतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. निविदा आवंटन की प्रक्रिया में किसी तरह की कोई जांच तक नहीं गई. आखिरकार शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

टेंडर प्रक्रिया पर लगी रोक : हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाई है. अगली सुनवाई तक टेंडर आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए दस्तावेज की मांग भी की है. इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी के डिवीजन बेंच ने टेंडर का रिकॉर्ड तलब किया है. हाईकोर्ट ने सरकारी दस्तावेज के बाहर आने पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई है. मामले की अगली सुनवाई जून 2022 में होगी. तब तक के लिए निविदा आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है.

कोरबा : जिले के स्वास्थ्य विभाग में सिविल सर्जन ने 8 करोड़ का टेंडर जारी किया. जिसके प्रक्रिया पर रोक लगी(Screw stuck in eight crore tender in Korba) है. टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाले फर्म के ठेकेदार ने इसकी शिकायत कोरबा कलेक्टर से की थी. शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज ठेकेदार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की . इसके बाद हाईकोर्ट ने टेंडर आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. जिला प्रशासन को संबंधित प्रकरण से जुड़े समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

कोरबा स्वास्थ्य विभाग के टेंडर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

ये है पूरा मामला : मेडिकल कॉलेज सह सम्बद्ध अस्पताल में उपकरण सप्लाई के लिए 8 करोड़ रुपए की निविदा जारी की गई थी. जिसमें साईं कृपा इंटरप्राइजेज, दुर्ग के संचालक विनय कुमार गोयल ने हिस्सा लिया था. विनय इस मामले की लंबे समय से शिकायत करते आ रहे हैं. जिला प्रशासन के DMF (खनिज न्यास मद) से 27 मई 2021 को पहली बार निविदा आमंत्रित की गई. 30 जून 2021 निविदा फार्म प्राप्त करने की अंतिम तिथि और जुलाई 2021 को निविदा जमा करने की अंतिम तिथि तय की गई थी. 1 जुलाई की शाम 4 बजे निविदा खोलने की तिथि निर्धारित थी. लेकिन कोविड के प्रकोप के कारण निविदा खोलने की तिथि को 15 मार्च 2022 कर दिया गया. शिकायतकर्ता और फर्म संचालक ने बताया कि निविदा खोलने के दौरान टेंडर में हिस्सा लेने वाले लोगों को गुमराह किया गया है.

संस्था को बताया गया अपात्र : जिस दिन निविदा खोली गई, इस दौरान उपस्थित अधिकारियों ने साईं कृपा इंटरप्राइजेज फर्म (Sai Krupa Enterprises Durg) के निविदा पत्र को खोलने से ही इंकार कर दिया. ये कहा गया कि संस्था इसके लिए पात्र नहीं है. फर्म के मालिक गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि निविदा पत्र के साथ पर्याप्त दस्तावेज संलग्न किए गए थे. ऐसे में नियम विरुद्ध तरीके से उनकी निविदा को अपात्र ठहराया गया है. जिसकी लिखित शिकायत कोरबा कलेक्टर से की गई. लगातार शिकायतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. निविदा आवंटन की प्रक्रिया में किसी तरह की कोई जांच तक नहीं गई. आखिरकार शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

टेंडर प्रक्रिया पर लगी रोक : हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाई है. अगली सुनवाई तक टेंडर आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए दस्तावेज की मांग भी की है. इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी के डिवीजन बेंच ने टेंडर का रिकॉर्ड तलब किया है. हाईकोर्ट ने सरकारी दस्तावेज के बाहर आने पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई है. मामले की अगली सुनवाई जून 2022 में होगी. तब तक के लिए निविदा आवंटन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है.

Last Updated : May 5, 2022, 1:30 PM IST
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