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कोरबा: कॉलर आईडी तोड़कर फरार 'गणेश' हाथी, वन अमले के फूले हाथ पांव

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Published : May 15, 2020, 8:28 AM IST

Updated : May 15, 2020, 3:22 PM IST

कोरबा और रायगढ़ जिले के वनमंडलों में 12 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारने वाला 'गणेश' हाथी कॉलर आईडी तोड़कर फरार हो गया है. जब से जंगल से टूटी हुई कॉलर आईडी बरामद हुई है लोगों में दहशत है और वन अमले की नींद उड़ गई है.

Forest department upset over getting broken caller ID of Ganesh elephant in Korba forest
जंगल में मिला गणेश का टूटा कॉलर आईडी

कोरबा: कोरबा और रायगढ़ जिले के वनमंडलों में 12 से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले हाथी 'गणेश' के गले में बांधी गई कॉलर आईडी जंगल में टूटी हुई मिली, जिसके बाद से वन अमले के हाथ पांव फूल गए हैं. लगभग 1 साल पहले गणेश के गले में वन विभाग ने इस कॉलर आईडी को इंस्टॉल किया था. कॉलर आईडी से जीपीएस के जरिए गणेश हाथी का लोकेशन वन विभाग को मिल जाता था, लेकिन अब कॉलर आईडी के टूटने से अब गणेश हाथी की निगरानी संभव नहीं होगी.

'गणेश' हाथी का टूटी कॉलर आईडी मिलने से वन अमला परेशान

गणेश हाथी के गले में बांधी गई रेडियो कॉलर आईडी जंगल में बरामद हुई है. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची. जिसके बाद दहशत के पर्याय बन चुके गणेश हाथी को ट्रेस करने का काम शुरू कर दिया गया है. गणेश का निगरानी से गायब होना वन विभाग के लिए एक बड़ी परेशानी का कारण बन गया है.

कॉलर आईडी टूटने से वन विभाग परेशान

बीते साल झुंड से भटकने के बाद गणेश हाथी ने कोरबा और धर्मजयगढ़ वन मंडल के 6 रेंज क्षेत्र के 40 से ज्यादा गांवों में जमकर उत्पात मचाया था. इस दौरान गणेश ने कई लोगों को मौत के घाट भी उतारा था. विभागीय अनुमति लेकर काफी जद्दोजहद के बाद किसी तरह गणेश को ट्रेंक्यूलाइज्ड करने के बाद उसके गले में रेडियो कॉलर आईडी लगाई गई थी, लेकिन अब कॉलर आईडी टूटने से वन विभाग की चिंता बढ़ गई है.

लोकेशन के आधार पर लोगों को करते थे सचेत

कॉलर आईडी की वजह से गणेश की लगातार निगरानी कर उसके लोकेशन के आधार पर जहां वह विचरण कर रहा हो, वहां के स्थानीय ग्रामीणों को मुनादी के माध्यम से सचेत किया जाता था, ताकि हाथी और मानव का सामना ना हो और जनहानि की संभावना ना बने. गणेश ने कोरबा वन मंडल के कुदमुरा और करतला सहित कई क्षेत्रों में जमकर उत्पात मचाया था. यहां उसने कई लोगों को मौत के घाट भी उतारा है, इसलिए वन विभाग की नींद उड़ गई है.

पढ़ें- कटघोरा में दुकानों के खुलने से लोगों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान

कुदमुरा से भाग गया था 'गणेश'

पिछले साल बड़ी मशक्कत के बाद गणेश को धरमजयगढ़ रेंज के जंगल में ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी लगाया गया था. यहीं से गणेश जंजीर तोड़कर वन विभाग के चंगुल से फरार हो गया था. तभी से लगातार रेडियो कॉलर आईडी के माध्यम से वन विभाग गणेश के लोकेशन की लगातार निगरानी कर रहा था. गणेश के स्वभाव का भी परीक्षण किया जा रहा था, ताकि गणेश के बारे में पूरी जानकारी हो सके.

कोरबा: कोरबा और रायगढ़ जिले के वनमंडलों में 12 से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले हाथी 'गणेश' के गले में बांधी गई कॉलर आईडी जंगल में टूटी हुई मिली, जिसके बाद से वन अमले के हाथ पांव फूल गए हैं. लगभग 1 साल पहले गणेश के गले में वन विभाग ने इस कॉलर आईडी को इंस्टॉल किया था. कॉलर आईडी से जीपीएस के जरिए गणेश हाथी का लोकेशन वन विभाग को मिल जाता था, लेकिन अब कॉलर आईडी के टूटने से अब गणेश हाथी की निगरानी संभव नहीं होगी.

'गणेश' हाथी का टूटी कॉलर आईडी मिलने से वन अमला परेशान

गणेश हाथी के गले में बांधी गई रेडियो कॉलर आईडी जंगल में बरामद हुई है. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची. जिसके बाद दहशत के पर्याय बन चुके गणेश हाथी को ट्रेस करने का काम शुरू कर दिया गया है. गणेश का निगरानी से गायब होना वन विभाग के लिए एक बड़ी परेशानी का कारण बन गया है.

कॉलर आईडी टूटने से वन विभाग परेशान

बीते साल झुंड से भटकने के बाद गणेश हाथी ने कोरबा और धर्मजयगढ़ वन मंडल के 6 रेंज क्षेत्र के 40 से ज्यादा गांवों में जमकर उत्पात मचाया था. इस दौरान गणेश ने कई लोगों को मौत के घाट भी उतारा था. विभागीय अनुमति लेकर काफी जद्दोजहद के बाद किसी तरह गणेश को ट्रेंक्यूलाइज्ड करने के बाद उसके गले में रेडियो कॉलर आईडी लगाई गई थी, लेकिन अब कॉलर आईडी टूटने से वन विभाग की चिंता बढ़ गई है.

लोकेशन के आधार पर लोगों को करते थे सचेत

कॉलर आईडी की वजह से गणेश की लगातार निगरानी कर उसके लोकेशन के आधार पर जहां वह विचरण कर रहा हो, वहां के स्थानीय ग्रामीणों को मुनादी के माध्यम से सचेत किया जाता था, ताकि हाथी और मानव का सामना ना हो और जनहानि की संभावना ना बने. गणेश ने कोरबा वन मंडल के कुदमुरा और करतला सहित कई क्षेत्रों में जमकर उत्पात मचाया था. यहां उसने कई लोगों को मौत के घाट भी उतारा है, इसलिए वन विभाग की नींद उड़ गई है.

पढ़ें- कटघोरा में दुकानों के खुलने से लोगों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान

कुदमुरा से भाग गया था 'गणेश'

पिछले साल बड़ी मशक्कत के बाद गणेश को धरमजयगढ़ रेंज के जंगल में ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी लगाया गया था. यहीं से गणेश जंजीर तोड़कर वन विभाग के चंगुल से फरार हो गया था. तभी से लगातार रेडियो कॉलर आईडी के माध्यम से वन विभाग गणेश के लोकेशन की लगातार निगरानी कर रहा था. गणेश के स्वभाव का भी परीक्षण किया जा रहा था, ताकि गणेश के बारे में पूरी जानकारी हो सके.

Last Updated : May 15, 2020, 3:22 PM IST
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