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लेमरू एलीफेंट रिजर्व के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने की बैठक, दिनभर चली चर्चा - News related to Bhupesh government

कोरबा में गुरुवार को लेमरू एलीफेंट रिजर्व के लिए वन अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें पूरे दिन एलीफेंट रिजर्व के लिए डीपीआर तैयार करने को लेकर अफसरों ने विस्तृत चर्चा की.

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लेमरू एलीफेंट रिजर्व को लेकर बैठक
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Published : Oct 9, 2020, 4:00 PM IST

Updated : Oct 9, 2020, 6:20 PM IST

कोरबा: प्रदेश के पहले एलीफेंट रिजर्व लेमरु के लिए गुरुवार को जिला पंचायत सभागृह में वन अधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक में पूरे दिन लेमरू एलीफेंट रिजर्व के संबंध में चर्चा की गई . वहीं इस एलीफेंट रिजर्व के दायरे में आने वाले पांचों वनमंडल के डीएफओ सहित कैंपा के डायरेक्टर गुरुवार को जिले के प्रवास पर रहे. पूरे दिन चली मैराथन मीटिंग में एलीफेंट रिजर्व के लिए डीपीआर तैयार करने को लेकर अफसरों ने विस्तृत चर्चा की.

लेमरू एलीफेंट रिजर्व के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने की बैठक

कैंपा के डायरेक्टर श्रीनिवासन राव ने बताया कि यह प्रदेश का पहला एलिफेंट रिजर्व प्रोजेक्ट होगा. उन्होंने बताया कि कटघोरा, कोरबा, रायगढ़, धरमजयगढ़ और सरगुजा वन मंडल के वन क्षेत्र लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए दायरे में आएंगे. लंबे समय से लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारों ने तैयारी की थी. जिसकी तैयारियां अब तक कागजों तक ही सीमित थी, लेकिन छत्तीसगढ़ की वर्तमान कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही लेमरू एलिफेंट रिजर्व के प्रोजेक्ट को ज्यादा तवज्जों मिली है. अन्य सरकारों की अपेक्षा वर्तमान सरकार एलिफेंट रिजर्व को लेकर गंभीर नजर आ रही है.

कार्य योजना तैयार करने के लिए चर्चा

अच्छी बात यह है कि लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कोरबा जिले में इसकी विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के लिए सभी संबंधित वन मंडलों के अफसरों की महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें एलिफेंट रिजर्व को मूर्त रूप देने के लिए विस्तृत विचार विमर्श किया गया.

पढ़ें: बहुप्रतीक्षित लेमरू एलिफेंट रिजर्व से नहीं होगा किसी भी गांव का विस्थापन: वन मंत्री मोहम्मद अकबर

एलिफेंट रिजर्व के अस्तित्व में आते ही जंगली हाथियों से होने वाली जान माल के नुकसान में कमी आएगी. साथ ही वन्यजीवों के संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण को बहुत बढ़ावा मिलेगा. लेमरू एलिफेंट रिजर्व का निर्माण स्पेशल हाई पावर टेक्निकल कमेटी की सूचनाओं और सुझावों के आधार पर किया जाना प्रस्तावित है.

कैंपा मद से 94 करोड़ का बजट

कैंपा डायरेक्टर श्रीनिवासन राव ने बताया कि लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए कैंपा मद से 94 करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृति मिली है. इस बजट से हाथियों के रहवास से लेकर उनके खाना और पानी की पर्याप्त उपलब्धता पर फोकस होगा. इसके साथ ही फलदार वृक्ष और क्षेत्र में किस तरह के घास उगाई जाएगी. इस बात पर भी जोर दिया जाएगा कि वन अमले से लेकर एलिफेंट रिजर्व के दायरे में आने वाले ग्रामीणों और आस-पास के क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

1800 वर्ग किलोमीटर होगा कुल क्षेत्रफल

लेमरू एलिफेंट रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1800 वर्ग किलोमीटर होगा, जिससे कि इसकी वृहदता का अंदाजा लगाया जा सकता है. हाथियों के रहवास को लेकर क्षेत्र की कमी न हो इसके लिए बड़े पैमाने पर स्थानों को चिन्हित किया गया है. 1 दिन पहले ही वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने एक बयान जारी करते हुए यह साफ किया था कि लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए किसी भी गांव का विस्थापन नहीं होगा.

कोरबा: प्रदेश के पहले एलीफेंट रिजर्व लेमरु के लिए गुरुवार को जिला पंचायत सभागृह में वन अधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक में पूरे दिन लेमरू एलीफेंट रिजर्व के संबंध में चर्चा की गई . वहीं इस एलीफेंट रिजर्व के दायरे में आने वाले पांचों वनमंडल के डीएफओ सहित कैंपा के डायरेक्टर गुरुवार को जिले के प्रवास पर रहे. पूरे दिन चली मैराथन मीटिंग में एलीफेंट रिजर्व के लिए डीपीआर तैयार करने को लेकर अफसरों ने विस्तृत चर्चा की.

लेमरू एलीफेंट रिजर्व के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने की बैठक

कैंपा के डायरेक्टर श्रीनिवासन राव ने बताया कि यह प्रदेश का पहला एलिफेंट रिजर्व प्रोजेक्ट होगा. उन्होंने बताया कि कटघोरा, कोरबा, रायगढ़, धरमजयगढ़ और सरगुजा वन मंडल के वन क्षेत्र लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए दायरे में आएंगे. लंबे समय से लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारों ने तैयारी की थी. जिसकी तैयारियां अब तक कागजों तक ही सीमित थी, लेकिन छत्तीसगढ़ की वर्तमान कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही लेमरू एलिफेंट रिजर्व के प्रोजेक्ट को ज्यादा तवज्जों मिली है. अन्य सरकारों की अपेक्षा वर्तमान सरकार एलिफेंट रिजर्व को लेकर गंभीर नजर आ रही है.

कार्य योजना तैयार करने के लिए चर्चा

अच्छी बात यह है कि लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कोरबा जिले में इसकी विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के लिए सभी संबंधित वन मंडलों के अफसरों की महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें एलिफेंट रिजर्व को मूर्त रूप देने के लिए विस्तृत विचार विमर्श किया गया.

पढ़ें: बहुप्रतीक्षित लेमरू एलिफेंट रिजर्व से नहीं होगा किसी भी गांव का विस्थापन: वन मंत्री मोहम्मद अकबर

एलिफेंट रिजर्व के अस्तित्व में आते ही जंगली हाथियों से होने वाली जान माल के नुकसान में कमी आएगी. साथ ही वन्यजीवों के संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण को बहुत बढ़ावा मिलेगा. लेमरू एलिफेंट रिजर्व का निर्माण स्पेशल हाई पावर टेक्निकल कमेटी की सूचनाओं और सुझावों के आधार पर किया जाना प्रस्तावित है.

कैंपा मद से 94 करोड़ का बजट

कैंपा डायरेक्टर श्रीनिवासन राव ने बताया कि लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए कैंपा मद से 94 करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृति मिली है. इस बजट से हाथियों के रहवास से लेकर उनके खाना और पानी की पर्याप्त उपलब्धता पर फोकस होगा. इसके साथ ही फलदार वृक्ष और क्षेत्र में किस तरह के घास उगाई जाएगी. इस बात पर भी जोर दिया जाएगा कि वन अमले से लेकर एलिफेंट रिजर्व के दायरे में आने वाले ग्रामीणों और आस-पास के क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

1800 वर्ग किलोमीटर होगा कुल क्षेत्रफल

लेमरू एलिफेंट रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1800 वर्ग किलोमीटर होगा, जिससे कि इसकी वृहदता का अंदाजा लगाया जा सकता है. हाथियों के रहवास को लेकर क्षेत्र की कमी न हो इसके लिए बड़े पैमाने पर स्थानों को चिन्हित किया गया है. 1 दिन पहले ही वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने एक बयान जारी करते हुए यह साफ किया था कि लेमरू एलिफेंट रिजर्व के लिए किसी भी गांव का विस्थापन नहीं होगा.

Last Updated : Oct 9, 2020, 6:20 PM IST
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