राजनांदगांव : खैरागढ़ उपचुनाव को लेकर प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हो गई हैं. आज सुबह 8 बजे से मतगणना है. उसके बाद यह साफ हो जाएगा कि खैरागढ़ का किला फतह करने के लिए किसने जोर लगाया है. सुबह 8 बजे से मतगणना शुरु होने के बाद खैरागढ़ उपचुनाव (Khairagarh assembly by election) के लिए शुरुआती रूझान मिलने शुरु हो जाएंगे.
राजनांदगांव के बीज निगम कार्यालय परिसर में होगी काउंटिंग: राजनांदगांव शहर के बीज निगम कार्यालय परिसर में मतगणना का कार्य होगा. यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. काउंटिंग स्थल पर थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है. कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि मतगणना केंद्र के भीतर मोबाइल फोन और किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
सबसे पहले डाक मतपत्रों की होगी गिनती: खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में 77.84 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.जिसमें 78.92 प्रतिशत पुरुष मतदाता और 77.74 महिला मतदाता शामिल हैं. मतगणना के दौरान सबसे पहले डाक मत पत्रों की गिनती की जाएगी. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के माध्यम से वोटों की गिनती होगी. काउंटिंग के लिए प्रत्येक टेबल पर दो काउंटिंग अधिकारी और एक माइक्रो ऑब्जर्वर की नियुक्ति की गई है.
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कैसी थी चुनाव प्रक्रिया : खैरागढ़ उपचुनाव के लिए 24 मार्च नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख थी. जिसके लिए 28 मार्च तक प्रत्याशियों को अपना नाम वापस लेना था. 28 मार्च को नामांकन वापसी लेने की तारीख खत्म होने के बाद मैदान में कुल 10 प्रत्याशी नजर आए. जिसमे से कांग्रेस की तरफ से यशोदा वर्मा, बीजेपी की ओर से कोमल जंघेल और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की तरफ से नरेंद्र सोनी मैदान में उतरे. इनके अलावा सात अन्य प्रत्याशियों ने भी खैरागढ़ के चुनाव में भूमिका निभाई है.
कांग्रेस-बीजेपी में कड़ी टक्कर : खैरागढ़ में 12 अप्रैल को मतदान संपन्न हुए. जिसमे मतदान का प्रतिशत 77.88 % रहा. जिसमे पुरुष मतदाता 78.92 प्रतिशत और महिला मतदाता 77.74 प्रतिशत रहा. इस चुनाव में कांग्रेस की यशोदा वर्मा (Yashoda Verma of Congress) और बीजेपी के कोमल जंघेल के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. दोनों ही पार्टियों ने इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंकी है. एक तरफ जहां सीएम भूपेश बघेल और उनके मंत्रियों की टीम ने खैरागढ़ में डेरा जमाया था. तो दूसरी तरफ बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व और दूसरे राज्यों के दिग्गजों ने खैरागढ़ चुनाव में प्रचार कमान संभालकर चुनाव को हाई प्रोफाइल बना दिया था.
पिछला चुनाव जनता कांग्रेस ने जीता : बात यदि पिछले चुनाव की करें तो जनता कांग्रेस के देवव्रत सिंह (Devvrat Singh of Janata Congress) ने खैरागढ़ में जीत दर्ज की थी. वहीं बीजेपी के कोमल जंघेल (BJP komal janghel) दूसरे नंबर पर रहे थे. कोमल जंघेल ने खैरागढ़ चुनाव महज 870 वोट से हारा था.इसलिए एक बार फिर पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है. वहीं पिछली बार कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी. लेकिन इस बार लोधी समीकरण को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने यशोदा वर्मा को मैदान में उतारा है. यशोदा वर्मा ने उपचुनाव में काफी दम दिखाया है. वो चुनाव के समय काफी सक्रिय भी रहीं हैं. यशोदा वर्मा सरपंच जनपद और जिला पंचायत के पदों पर रह चुकीं हैं.
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यशोदा वर्मा का परिचय : कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद विधानसभा उपचुनाव में यशोदा ने अपनी ताकत झोंकी. यशोदा वर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सरपंच पद से की थी. इसके बाद जिला पंचायत सदस्य रहीं. इस दौरान कांग्रेस की राजनीति में वो ज्यादा सक्रिय रहीं. यही नहीं पार्टी ने यशोदा के काम को देखते हुए ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष भी बनाया.
कोमल जंघेल का परिचय : कोमल जंघेल को बीजेपी संगठन के अलग-अलग पदों में काम करने का अनुभव रहा है. कोमल भी जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं. खैरागढ़ विधानसभा से चार बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. भाजपा ने पांचवी बार भी कोमल जंघेल पर ही भरोसा जताया है.