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Korean GPS system: मिनटों में मौसम की मिलेगी जानकारी, प्रदेश का पहला सिस्टम बस्तर में हो रहा तैयार

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Published : Aug 14, 2021, 2:28 PM IST

बस्तर मौसम विभाग में जल्द ही कोरियन GPS सिस्टम लग जाएगा. जिससे चंद पलों में मौसम की सटीक जानकारी मिल जाएगी.

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कोरियन जीपीएस सिस्टम मौसम की जानकारी देगा

जगदलपुर: बस्तर जिले के मौसम विभाग कार्यालय को हाईटेक बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके लिए मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय में कोरिया की एडवांस ऑटोमेटिक मशीन लगाई जा रही है. इस मशीन की मदद से बस्तर में मौसम के बारे में मिनटों में पूरी व सटीक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. इस सिस्टम के लगने से जहां मेन पॉवर और समय की बचत हो पाएगी. वही पल-पल की जानकारी सीधे दिल्ली तक पहुंचेगी. ऑटोमेटिक कोरियन सिस्टम के चालू होते ही चाइना के जीपीएस का इस्तेमाल बंद कर दिया जाएगा.

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अभी मैनुवल होता है पूरा काम

बस्तर जिले के मौसम विभाग कार्यालय में साल 2014 से चाइना की GPS मशीन का उपयोग किया जा रहा है. हाइड्रोजन गैस से भरी बलून में जीपीएस सिस्टम लगाकर आसमान में छोड़ा जाता है. इस GPS से मिलने वाली जानकारी को मौसम विभाग के कर्मचारियों के द्वारा तैयार कर इसकी जानकारी रायपुर वह दिल्ली भेजनी पड़ती है. वही टेबल वर्क में रिपोर्ट भेजने में कर्मचारियों को कई घंटे और प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. साथ ही अन्य मशीनों को ऑपरेट करना पड़ता है. रेडियो सिग्नल पर आधारित फ्रीक्वेंसी सेट करके डाटा रिसीव करना होता है. जिसकी मैनुअल रिपोर्ट तैयार करनी पड़ती है. इसमें गलती होने की भी गुंजाइश रहती है.

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बस्तर में अभी चाइना सिस्टम

लेकिन अब कोरिया में बनी एडवांस जीपीएस सिस्टम (Korean GPS system) की मदद से इन सारी झंझटों से छुटकारा मिल पाएगा. मौसम में जानकारी सीधे सिग्नल के माध्यम से रायपुर व दिल्ली तक पहुंच जाएगी. सहायक मौसम विज्ञानी आर के सोरी ने फोन पर ETV भारत से चर्चा के दौरान बताया कि चेन्नई की कंपनी इस मशीन को इंस्टॉल कर रही है. ऑटोमेटिक मशीन की स्थापना कार्यालय परिसर में ही की गई है. करीब 10 फीट गहरे गड्ढे में ऑटोमेटिक मशीन को अंडर ग्राउंड कवर किया गया है. इससे अटैच एंटीना से सिग्नल GPS के डायरेक्शन की मदद से मौसम की जानकारी मिलेगी.

लगातार 2 दिनों की बारिश से बस्तर में किसानों के चेहरे खिले

अधिकारी ने बताया कि मशीन इंस्टॉलमेंट का 90 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है. डाटा रिसीवर के लिए ट्रांसमीटर लगाया जाना बचा है. जो कि इंटरनेट से जुड़ा होगा, इसकी मदद से डाटा ट्रांसलेटर कर सीधे इंटरनेट के माध्यम से मेन स्टेशन में जानकारी भेजी जाएगी. विभाग के अधिकारी के मुताबिक आने वाले 1 महीने के भीतर ट्रांसमीटर लगाने का काम कंपनी की ओर से पूरा करने की बात कही गई है. जिसके बाद एडवांस ऑटोमेटिक स्टेशन का उपयोग मौसम की जानकारी का पता लगाने के लिए शुरू कर दिया जाएगा.

मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रतिदिन मौसम की जानकारी लेने के लिए GPS से लगी हुई बलून को सुबह व शाम को छोड़ा जाता है. 35 किलोमीटर के हाइट तक जाने के बाद जीपीएस का डाटा रिसीव किया जाता है. इस तरह महीने में कम से कम 60 जीपीएस मशीन बलून के साथ छोड़े जाते हैं. इसके अलावा एयरक्राफ्ट के लिए पायलट बलून का भी इस्तेमाल किया जाता है. कोरियन कंपनी की जीपीएस सिस्टम लगने से इन सब तकनीकी से निजात मिल पाएगी और इस जीपीएस सिस्टम से जल्द ही मौसम की जानकारी संकलित की जाएगी. इधर एडवांस ऑटोमेटिक सिस्टम के इंस्टॉलेशन का कार्य लगभग समाप्ति की ओर है. इसके लग जाने से मौसम की दिल्ली तक मिनटों में जानकारी भेज पाना संभव होगा.

जगदलपुर: बस्तर जिले के मौसम विभाग कार्यालय को हाईटेक बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके लिए मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय में कोरिया की एडवांस ऑटोमेटिक मशीन लगाई जा रही है. इस मशीन की मदद से बस्तर में मौसम के बारे में मिनटों में पूरी व सटीक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. इस सिस्टम के लगने से जहां मेन पॉवर और समय की बचत हो पाएगी. वही पल-पल की जानकारी सीधे दिल्ली तक पहुंचेगी. ऑटोमेटिक कोरियन सिस्टम के चालू होते ही चाइना के जीपीएस का इस्तेमाल बंद कर दिया जाएगा.

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अभी मैनुवल होता है पूरा काम

बस्तर जिले के मौसम विभाग कार्यालय में साल 2014 से चाइना की GPS मशीन का उपयोग किया जा रहा है. हाइड्रोजन गैस से भरी बलून में जीपीएस सिस्टम लगाकर आसमान में छोड़ा जाता है. इस GPS से मिलने वाली जानकारी को मौसम विभाग के कर्मचारियों के द्वारा तैयार कर इसकी जानकारी रायपुर वह दिल्ली भेजनी पड़ती है. वही टेबल वर्क में रिपोर्ट भेजने में कर्मचारियों को कई घंटे और प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. साथ ही अन्य मशीनों को ऑपरेट करना पड़ता है. रेडियो सिग्नल पर आधारित फ्रीक्वेंसी सेट करके डाटा रिसीव करना होता है. जिसकी मैनुअल रिपोर्ट तैयार करनी पड़ती है. इसमें गलती होने की भी गुंजाइश रहती है.

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बस्तर में अभी चाइना सिस्टम

लेकिन अब कोरिया में बनी एडवांस जीपीएस सिस्टम (Korean GPS system) की मदद से इन सारी झंझटों से छुटकारा मिल पाएगा. मौसम में जानकारी सीधे सिग्नल के माध्यम से रायपुर व दिल्ली तक पहुंच जाएगी. सहायक मौसम विज्ञानी आर के सोरी ने फोन पर ETV भारत से चर्चा के दौरान बताया कि चेन्नई की कंपनी इस मशीन को इंस्टॉल कर रही है. ऑटोमेटिक मशीन की स्थापना कार्यालय परिसर में ही की गई है. करीब 10 फीट गहरे गड्ढे में ऑटोमेटिक मशीन को अंडर ग्राउंड कवर किया गया है. इससे अटैच एंटीना से सिग्नल GPS के डायरेक्शन की मदद से मौसम की जानकारी मिलेगी.

लगातार 2 दिनों की बारिश से बस्तर में किसानों के चेहरे खिले

अधिकारी ने बताया कि मशीन इंस्टॉलमेंट का 90 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है. डाटा रिसीवर के लिए ट्रांसमीटर लगाया जाना बचा है. जो कि इंटरनेट से जुड़ा होगा, इसकी मदद से डाटा ट्रांसलेटर कर सीधे इंटरनेट के माध्यम से मेन स्टेशन में जानकारी भेजी जाएगी. विभाग के अधिकारी के मुताबिक आने वाले 1 महीने के भीतर ट्रांसमीटर लगाने का काम कंपनी की ओर से पूरा करने की बात कही गई है. जिसके बाद एडवांस ऑटोमेटिक स्टेशन का उपयोग मौसम की जानकारी का पता लगाने के लिए शुरू कर दिया जाएगा.

मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रतिदिन मौसम की जानकारी लेने के लिए GPS से लगी हुई बलून को सुबह व शाम को छोड़ा जाता है. 35 किलोमीटर के हाइट तक जाने के बाद जीपीएस का डाटा रिसीव किया जाता है. इस तरह महीने में कम से कम 60 जीपीएस मशीन बलून के साथ छोड़े जाते हैं. इसके अलावा एयरक्राफ्ट के लिए पायलट बलून का भी इस्तेमाल किया जाता है. कोरियन कंपनी की जीपीएस सिस्टम लगने से इन सब तकनीकी से निजात मिल पाएगी और इस जीपीएस सिस्टम से जल्द ही मौसम की जानकारी संकलित की जाएगी. इधर एडवांस ऑटोमेटिक सिस्टम के इंस्टॉलेशन का कार्य लगभग समाप्ति की ओर है. इसके लग जाने से मौसम की दिल्ली तक मिनटों में जानकारी भेज पाना संभव होगा.

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