जगदलपुर : प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बस्तर पहुंचने से पहले ही जिले के करपावंड़ में पदस्थ वन परिक्षेत्र अधिकारी रामदत्त नागर को वन विभाग के अधिकारी डीएफओ ने निलंबित कर दिया गया (Ranger suspended in Jagdalpur Karpawand) है. दरअसल बकावंड ब्लॉक के जेबेल ग्राम पंचायत में वन विभाग आवर्ती चराई विकास योजना का कार्य करवाया जा रहा है. यह कार्य 2020-21 में स्वीकृति हुई थी. लेकिन 2 साल बाद भी अब तक यहां कोई भी कार्य नहीं किया गया.
काम नहीं पूरा करने पर निलंबन : काम पूरा नहीं करने को लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी रेंजर की शिकायत वन मंत्री स्तर पर की थी. इसके बाद लगातार मिल रही वन विभाग के अधिकारियों को शिकायत की वजह से करपावंड़ रेंजर को निलंबित कर दिया गया है. डीएफओ डीपी साहू ने बताया कि ''आवर्ती चराई विकास योजना मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना में शामिल है जिसमें रेंजर रामदत्त नागर ने घोर लापरवाही और उदासीनता बरती जिस वजह से उन्हें निलंबित किया गया है.''
कितने समय में पूरा होना था काम : दरअसल इस योजना के तहत साल भर में ही यह कार्य पूरा कर लिया जाना था. लेकिन 2 साल में यहां कोई काम नहीं हुआ है. शिकायत के बाद जांच की गई थी. जिसमें रेंजर के खिलाफ लगे आरोप सही पाए गए. जिस वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया.
रेंजर ने कहा ये है अन्याय: इधर रेंजर रामदत्त नागर (Ranger Ramdutt Nagar) का कहना है कि ''उनके द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया गया तो इसमें लापरवाही की कोई बात ही नहीं उठती है. उन्होंने इसे अन्याय बताते हुए कहा कि पिछले 2 मई को ही करपावंड़ में ज्वाइन किया हूं. इससे पहले जो भी रेंजर वहां पदस्थ था. उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए थी. लेकिन बिना देखें मुझ पर ही गाज गिर गई है.