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जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में बदइंतजामी, दूषित खाना खाने को मजबूर स्टूडेंट ! - जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में बदइंतजामी

जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में बदइंतजामी देखने को मिली है. कॉलेज में स्टूडेंट को दूषित खाना परोसे जाने का मामला सामने आया है. मेडिकल कॉलेज के डीन पैकरा का कहना है कि "मेडिकल स्टूडेंट्स ने अभी तक कोई भी शिकायत ही नहीं की है."

Mismanagement in Jagdalpur Medical College
जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में बदइंतजामी
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Published : Sep 3, 2022, 11:38 PM IST

जगदलपुर: बलिराम कश्यप स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय डिमरापाल जगदलपुर में बदइंतजामी (Mismanagement in Jagdalpur Medical College ) देखने को मिली है. कॉलेज में स्टूडेंट को ऐसा खाना परोसा गया. जिसे शायद जानवर भी खाना पसंद नहीं करेंगे. कीड़े मकोड़ों वाली दाल और घोंघे वाली रोटी, भावी डॉक्टर्स यहां ऐसा खाना खाने को मजबूर हैं. मेडिकल स्टूडेंट्स यदि वह खाना खाते हैं तो बीमार पड़ते हैं. यदि नहीं खाते तो भूखे रहकर अपनी सेहत गंवाते हैं. मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा कई बार इसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से की गई. लेकिन आज तक उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई.

"बेहद घटिया क्वालिटी का खाना परोस रहे": एमबीबीएस प्रथम वर्ष के लगभग 70 स्टूडेंट्स पीएसएम हॉस्टल तोकापाल में रहकर अपनी पढ़ाई करते हैं. नाम न छापने की शर्त पर स्टूडेंट्स ने बताया कि "उन्हें जो खाना दिया जाता है. वह बेहद घटिया क्वालिटी का होता है. दाल चावल और सब्जी में कीड़े मकोड़े तैरते रहते हैं. रोटी में घोंघे होते हैं. खाना देख कर हमें उबकाई आने लगती है. इसलिए हम अक्सर भूखे रहते थे. सिंटेक्स की टंकी में कीड़े और गंदगी है. वाटर फिल्टर भी अक्सर खराब रहता है. ऐसा गंदा खाना खाकर हम कैसे पढ़ेंगे."


यह भी पढ़ें: सड़क हादसों के खिलाफ जगदलपुर नेशनल हाइवे में चक्काजाम


मेस इंचार्ज और केयर टेकर कर रहे मनमानी: स्टूडेंट्स ने बताया कि "कीड़े मकोड़ों वाला भोजन लम्बे समय से हमें परोसा जा रहा है. जिसे हम खाने को मजबूर हैं. गंदा खाना और गंदा पानी पीकर हम बीमार होने लगे हैं. हमारे सीनियर्स को भी पहले इसी तरह का खाना दिया जाता रहा है. उन्होंने मेस इंचार्ज विकास त्रिवेदी और केयर टेकर शशांक से भी कई बार अच्छा खाना देने को कहा है. लेकिन उन दोनों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया. हॉस्टल का ड्रेनेज़ सिस्टम ओपन है. हॉस्टल बी के पास पेड़ और झाड़ियां हैं. जिससे मच्छरों के काटने से मलेरिया और डेंगू का खतरा बना रहता है."

छलका मेडिकल स्टूडेंट्स का दर्द: मेडिकल स्टूडेंट्स का आरोप है कि "केयर टेकर शशांक शराब के नशे में धुत्त रहता है. गार्ड्स को स्टूडेंट्स के खिलाफ भड़काता रहता है. छात्रों ने समय समय पर उन दोनों के खिलाफ शिकायतें भी की. इसकी जानकारी उन्होंने अपने प्रोफेसरों को भी दी. लेकिन किसी ने भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. कितनी बेबसी में ये मेडिकल स्टूडेंट पढ़ रहे हैं. कीड़ों वाला भोजन न निगलते बन रहा है और न ही उगलते बन रहा है."

कॉलेज में फैली अव्यवस्था से डीन अनजान: मेडिकल कॉलेज के डीन पैकरा का कहना है कि "यह जांच का विषय है. दोनों पक्षों से बात करने पर पता चलेगा कि तथ्य क्या है. मेडिकल स्टूडेंट्स ने अभी तक कोई भी शिकायत नहीं की है."

जगदलपुर: बलिराम कश्यप स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय डिमरापाल जगदलपुर में बदइंतजामी (Mismanagement in Jagdalpur Medical College ) देखने को मिली है. कॉलेज में स्टूडेंट को ऐसा खाना परोसा गया. जिसे शायद जानवर भी खाना पसंद नहीं करेंगे. कीड़े मकोड़ों वाली दाल और घोंघे वाली रोटी, भावी डॉक्टर्स यहां ऐसा खाना खाने को मजबूर हैं. मेडिकल स्टूडेंट्स यदि वह खाना खाते हैं तो बीमार पड़ते हैं. यदि नहीं खाते तो भूखे रहकर अपनी सेहत गंवाते हैं. मेडिकल स्टूडेंट्स द्वारा कई बार इसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से की गई. लेकिन आज तक उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई.

"बेहद घटिया क्वालिटी का खाना परोस रहे": एमबीबीएस प्रथम वर्ष के लगभग 70 स्टूडेंट्स पीएसएम हॉस्टल तोकापाल में रहकर अपनी पढ़ाई करते हैं. नाम न छापने की शर्त पर स्टूडेंट्स ने बताया कि "उन्हें जो खाना दिया जाता है. वह बेहद घटिया क्वालिटी का होता है. दाल चावल और सब्जी में कीड़े मकोड़े तैरते रहते हैं. रोटी में घोंघे होते हैं. खाना देख कर हमें उबकाई आने लगती है. इसलिए हम अक्सर भूखे रहते थे. सिंटेक्स की टंकी में कीड़े और गंदगी है. वाटर फिल्टर भी अक्सर खराब रहता है. ऐसा गंदा खाना खाकर हम कैसे पढ़ेंगे."


यह भी पढ़ें: सड़क हादसों के खिलाफ जगदलपुर नेशनल हाइवे में चक्काजाम


मेस इंचार्ज और केयर टेकर कर रहे मनमानी: स्टूडेंट्स ने बताया कि "कीड़े मकोड़ों वाला भोजन लम्बे समय से हमें परोसा जा रहा है. जिसे हम खाने को मजबूर हैं. गंदा खाना और गंदा पानी पीकर हम बीमार होने लगे हैं. हमारे सीनियर्स को भी पहले इसी तरह का खाना दिया जाता रहा है. उन्होंने मेस इंचार्ज विकास त्रिवेदी और केयर टेकर शशांक से भी कई बार अच्छा खाना देने को कहा है. लेकिन उन दोनों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया. हॉस्टल का ड्रेनेज़ सिस्टम ओपन है. हॉस्टल बी के पास पेड़ और झाड़ियां हैं. जिससे मच्छरों के काटने से मलेरिया और डेंगू का खतरा बना रहता है."

छलका मेडिकल स्टूडेंट्स का दर्द: मेडिकल स्टूडेंट्स का आरोप है कि "केयर टेकर शशांक शराब के नशे में धुत्त रहता है. गार्ड्स को स्टूडेंट्स के खिलाफ भड़काता रहता है. छात्रों ने समय समय पर उन दोनों के खिलाफ शिकायतें भी की. इसकी जानकारी उन्होंने अपने प्रोफेसरों को भी दी. लेकिन किसी ने भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. कितनी बेबसी में ये मेडिकल स्टूडेंट पढ़ रहे हैं. कीड़ों वाला भोजन न निगलते बन रहा है और न ही उगलते बन रहा है."

कॉलेज में फैली अव्यवस्था से डीन अनजान: मेडिकल कॉलेज के डीन पैकरा का कहना है कि "यह जांच का विषय है. दोनों पक्षों से बात करने पर पता चलेगा कि तथ्य क्या है. मेडिकल स्टूडेंट्स ने अभी तक कोई भी शिकायत नहीं की है."

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