जगदलपुर: जिले में गौण खनिज का खनन धड़ल्ले से जारी है. इंद्रावती नदी के तटीय इलाकों में रेत माफिया अवैध खनन कर रहे हैं. शासन-प्रशासन को लाखों रुपए नुकसान पहुंचाने के साथ पर्यावरण के सारे नियमों को ताक पर रखकर यहां उत्खनन किया जा रहा है. हालांकि खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं, लेकिन पिछले 1 साल में अबतक जिले में 15 अवैध खनन के मामले में ही विभाग ने कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में 7 लाख 63 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया है.
बस्तर में अवैध उत्खनन को रोकने के लिए कलेक्टर ने खनिज विभाग की टीम को इंद्रावती नदी के तटीय इलाकों में और खासकर निर्माणाधीन नगरनार स्टील प्लांट के इलाकों में व्यवस्था रखने के दिशा निर्देश दिए हैं. बावजूद इसके खनिज विभाग की टीम इक्का-दुक्का मामले में कार्रवाई कर खानापूर्ति कर रही है. जबकि धड़ल्ले से रेत और गौण खनिज का उत्खनन किया जा रहा है.
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15 मामलों में हुई कार्रवाई
खनिज विभाग के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल 2020 से अबतक केवल 15 अवैध उत्खनन के मामले में कार्रवाई की गई है, जिसके तहत 7 जेसीबी मशीन को जब्त करने के साथ ही 7 लाख 63 हजार रुपए इनसे जुर्माना वसूला गया है. अवैध परिवहन के मामले में खनिज विभाग ने साल भर में 212 वाहन जब्त किए हैं. अर्थदंड के रूप में 27 लाख रुपये वसूला गया है.
अवैध रूप से संचालित है खदाने
जिले में आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों में गौण खनिज और रेत के अवैध उत्खनन की बात सामने आते रहती है. जिले में केवल 2 खदानों को ही शासन ने लीज में दिया है, लेकिन एक दर्जन से भी अधिक रेत खदानें ऐसे हैं जो अवैध रूप से संचालित की जा रही है. विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर इक्का-दुक्का मामले में कार्रवाई कर रहा है. विभाग की उदासीनता के चलते लगातार बस्तर जिले में अवैध उत्खनन का खेल जारी है.