जगदलपुर : बस्तर संभाग में अब बैंक से कर्ज लेकर किसानी करने का चलन बढ़ता जा रहा (Growing trend of farming by taking loan in Bastar) है. इस साल कर्ज लेकर खेती-बाड़ी करने वाले किसानों की संख्या बस्तर जिले में सबसे ज्यादा है. बस्तर के किसान अबतक 54 करोड़ से ज्यादा कर्ज ले चुके हैं. दूसरे नंबर पर कांकेर जिले के किसान हैं. कांकेर के किसान अबतक 45 करोड़ से अधिक कर्ज ले चुके हैं.
कैसे मिलता है कर्ज : जिला सहकारी बैंक प्रबंधन (Bastar Cooperative Bank) किसानों को धान के अलावा दलहन और तिलहन की खेती करने के लिए बिना ब्याज के कर्ज देता (jagdalpur Kisan Karj ) है. एक साल की अवधि के लिए मिलने वाले इस कर्ज का भुगतान किसान धान का विक्रय करते वक्त लिंकिंग के जरिए भी कर सकते हैं.
बस्तर का कर्ज बांटने का लक्ष्य : सहकारी बैंक के मुख्य पर्यवेक्षक एस ए रजा ने बताया ''अब तक 151 करोड़ 35 लाख रुपए से अधिक का कर्ज किसानों को बांटा जा चुका है.'' खेती किसानी को प्रोत्साहित करने के लिए बैंक प्रबंधन ने इस साल बस्तर के सातों जिलों में 550 करोड़ रुपए का कर्ज किसानों को देने का लक्ष्य रखा है.
कितने ब्याज पर मिलता है कर्ज : डीसीसीबी प्रबंधन ने जीरो प्रतिशत ब्याज पर दिए जाने वाले कर्ज के लिए किसानों की संख्या इस साल 1.75 लाख अनुमानित रखी है. पिछले वर्ष एक लाख 58 हजार किसानों को कर्ज दिया गया था. हालांकि इस साल लक्ष्य पूरा करने के लिए किसानों की संख्या में इजाफा किया गया है. बीते वर्ष एक लाख 58 हजार किसानों में से एक लाख 12 हजार किसानों ने लगभग 85 प्रतिशत कर्ज चुकता कर दिया है.
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कितने किसान कर्ज लौटाने में असमर्थ : सहकारी बैंक के अधिकारी एस ए रजा ने बताया ''किसानों के दिए गए कर्ज को रिकवरी करने में थोड़ी मुश्किल होती (Loan recovery from the farmers of Bastar) है. बैंक जब कर्ज देती है तो ये मानकर चलते हैं कि रिकवरी के समय लगभग 10 परसेंट का घाटा बैंक को होगा क्योंकि अमूमन 10% किसान कर्ज देने में असमर्थ होते हैं.''