दंतेवाड़ा : सरपंच संघ और सर्व आदिवासी समाज (Sarpanch Sangh and Sarva Adivasi Samaj) ने 18 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. सरपंच संघ और सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि दंतेवाड़ा जिले का नक्सल प्रभावित कटेकल्याण ब्लॉक सुविधाओं से महरुम है. अंदरुनी इलाके में ना तो सड़क बन पाई है और ना ही किसी तरह के मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम किया गया है.
समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान: आदिवासियों का कहना है कि अंदरुनी क्षेत्र में पुलिस अक्सर ग्रामीणों पर अत्याचार करती है. जिसकी कोई सुनवाई नहीं होती. फर्जी एनकाउंटर करना, मनरेगा में काम के बाद भुगतान ना होना जैसे कई मुद्दों पर आदिवासियों ने आवाज उठाई है. इसे लेकर सरपंच संघ और सर्वआदिवासी समाज ने 18 मांगेंं कलेक्टर के सामने रखीं हैं.
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यह है प्रमुख मांगें
1. मजदूरों की मजदूरी 450 रूपए कराई जाए
2. शासन द्वारा भूमि अधिग्रहण ग्राम सभा के अनुमति के बिना न किया जाए
3. 15 साल पहले से संचालित स्कूल एवं आश्रमों में नये भवन स्वीकृत किया जाए
4. किसानों के धान बिक्री के पश्चात् 15 दिवस के भीतर शासकीय दर के आधार पर राशि प्रदाय की जाए
5. हर विभाग के रिक्त पदों के आधार पर नई भर्ती निकाली जाए
6. पुलिस बल द्वारा गस्त के दौरान लूट-पाट एवं ग्रामीणों पर अत्याचार बंद हो
7. पूर्व में नक्सली के नाम पर किसी व्यक्ति को जेल में बंद कर रिहाई के पश्चात् उन्हें पुनः सरेण्डर न कराया जाए
8. वर्तमान में NMDC के भर्तियों में रोस्टर का पालन करते हुए भर्ती किया जाए
9. प्रधानमंत्री आवास योजना में प्राथमिकता वाले हितग्राहियों को आवास दिया जाए
10. फर्जी मुठभेड़ के रूप में मारने वालों के ऊपर कार्यवाही किया जाये. चिकपाल से मुचाकी हिड़मा, मुया मरकाम, टेटम कोडरीपाल से मुचाकी मासा एवं बडेगादम से वेट्टी हुंगा पर आरोप हैं
11. जल,जंगल, जमीन पर हम मूलवासियों का अधिकार रहे
12. अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम सभा को सशक्त किया जाए (सरकार सहयोग देवे)
13. डीआरजी द्वारा ग्रामीणों को नक्सली बताकर पकड़ना बंद किया जाए
14. बस्तर के स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी में प्राथमिकता प्रदान की जाए
15. निर्दोष आदिवासियों को नक्सली के नाम पर मारना बंद किया जाए
16. ग्राम पंचायत गुड़से की पाण्डे कवासी का न्यायिक जांच एवं उनके परिवार को मुआवजा, नौकरी दिया जाए
17. वनोपज का मूल्य बढ़ाया जाए
18. मनरेगा भुगतान नकद एवं 15 दिन के भीतर दिया जाए