दंतेवाड़ा : एक सप्ताह से आंदोलनरत मनरेगा कर्मियों ने मां दंतेश्वरी के दर्शन कर दंतेश्वरी मंदिर प्रांगण से दांडी यात्रा (Irregular employee organization Dandi Yatra) का शुभारंभ किया. इस दांडी यात्रा को कई राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और कर्मचारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है. ये सभी लोग दांडी यात्रा के साथ दंतेवाड़ा जिले की सीमा तक जाएंगे. इस यात्रा को रायपुर तक निकाला गया है. जिसका अगला पड़ाव 14 अप्रैल को जगदलपुर में रहेगा. इस स्थान पर पहुंचकर संगठन संविधान दिवस मनाएगा इसके बाद पदयात्रा आगे की तरफ प्रस्थान करेगी.
रायपुर में निकलेगी विशाल रैली : जिस दिन ये दांडी यात्रा रायपुर पहुंचेगी उस दिन विशाल जनसैलाब उमड़ने की उम्मीद है. 15,000 से ज्यादा अनियमित कर्मचारी संघ के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर विशाल रैली करेंगे. आपको बता दें कि ये पदयात्रा रायपुर तक पहुंचने के लिए 15 दिनों का समय लेगी. 15 दिनों बाद जब रायपुर में ये यात्रा पहुंचेगी तो लगभग हर जिले के अनियमित कर्मचारी संगठन (Irregular employee organization) के सदस्य राजधानी में एकजुट होंगे.ये यात्रा 390 किलोमीटर का लंबा सफर तय करेगी.
यात्रा का मकसद : अनियमित कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वो सरकार से सिर्फ इतना चाहते हैं कि उन्हें भी सम्मानपू्र्वक जीने का अधिकार मिले. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अनियमित कर्मचारी विशेष भूमिका निभाते हैं. फिर चाहे मनरेगा हो, स्वास्थ्य केंद्र हो या पंचायतों के काम. हर जगह अनियमित कर्मचारी ही काम करते हैं. इसके साथ ही लिपिक संघ, स्वास्थ्यकर्मी संघ, जीवनदीप संघ ने भी इस यात्रा को समर्थन दिया है. ऐसे में प्रदेश में मनरेगा का काम और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है.
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ग्रामीण इलाकों में असर : मनरेगा कर्मचारियों के धरने से ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्य और ग्रामीणों को मिलने वाला रोजगार पूरी तरह से ठप(MNREGA work stalled in Chhattisgarh) है. ग्रामीणों के लिए रोजी रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो रहा है. लिपिक कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से तहसील स्तर पर होने वाले कार्य प्रभावित हो रहे हैं. लोगों को परेशानी एवं दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.