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नक्सलियों के शहीदी सप्ताह में बस्तर पुलिस को मिल रही सफलता - naxal shaheedi saptah

बस्तर में नक्सली शहीदी सप्ताह मनाते आ रहे हैं. नक्सली इस दौरान बड़ी वारदातों को अंजाम देते हैं. बस्तर पुलिस इस दौरान अभियान चलाकर नक्सलियों को बैकफुट में लाने में कामयाब साबित हो रही है.

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नक्सली
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Published : Aug 5, 2021, 2:08 PM IST

जगदलपुर : बस्तर में पिछले कई साल से नक्सली 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते आ रहे हैं. इस शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली बस्तर संभाग और सीमावर्ती इलाकों में अपने बंद को सफल बनाने के लिए कई बड़ी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं. नक्सलियों के इस बंद को नाकाम करने के लिए पुलिस शहीदी सप्ताह के दौरान ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों को बैकफुट में लाने में कामयाब साबित हो रही है. इस वर्ष भी शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली बस्तर संभाग में किसी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पाए. जबकि शहीदी सप्ताह के दौरान कई नक्सलियों ने सरेंडर और कई नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आंध्र प्रदेश और बस्तर के सीमावर्ती इलाके में एक PLGA प्लाटून कमांडर को मार गिराने में भी पुलिस ने सफलता हासिल की है.

बस्तर आईजी

मुठभेड़ के दौरान मारे गए नक्सलियों की याद में नक्सली दलम शहीदी सप्ताह मनाते हैं. बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मारे गए नक्सलियों की याद में स्मारक बना कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. नक्सली अपने शहीदी सप्ताह के दौरान अंदरूनी क्षेत्रों में पेड़ काटकर मार्ग अवरुद्ध करना, सड़कों पर बैनर-पोस्टर लगाना और दूसरे राज्यों में चलने वाली यात्री बसों और छोटे वाहनों के बंद का आह्वान करते हैं. नक्सली बंद के दौरान कई बड़ी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं. नक्सलियों की कोशिश होती है कि अपने शहीदी सप्ताह के दौरान ज्यादा से ज्यादा पुलिस को नुकसान पहुंचाया जाए और पूरी तरह से इस बंद को सफल बनाया जाए.

नक्सलियों के लगाए IED की चपेट में आए 12 ग्रामीण, एक की मौत

बस्तर आईजी का कहना है कि हर वर्ष नक्सली अपने बंद को सफल बनाने के लिए कई नापाक मंसूबों को अंजाम देते हैं. बंद के दौरान पुलिस के साथ ही जानमाल को भारी नुकसान होता है. नक्सली यात्री बसों में आगजनी करने के साथ ही विकास कार्यों में भी बाधा डालते हैं और सड़क निर्माण में लगने वाले वाहनों में भी आगजनी की घटना को अंजाम देते हैं. इसे ही ध्यान में रखते हुए पिछले कुछ साल से बस्तर पुलिस नक्सलियों के बंद के दौरान किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए पूरी तरह से मुस्तैद रहती है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से नक्सली अपने बंद के दौरान बस्तर में किसी भी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए हैं.

ये रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाली है: देशभर में नक्सल घटनाओं में होने वाली मौतों में आधे से ज्यादा छत्तीसगढ़ में

सफल हो रही पुलिस की योजना

आईजी का कहना है कि लगातार केंद्र और राज्य सरकार आपसी समन्वय बनाकर बस्तर के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नये पुलिस कैम्प खोलने का काम कर रही है, जिससे ग्रामीणों में भी नक्सलियों का दहशत कम हुआ है. यही वजह है कि ग्रामीण अब नक्सलियों का साथ नहीं दे रहे हैं और पुलिस को नक्सलियों के बंद के दौरान सफलता भी हाथ लग रही है. हालांकि आईजी का कहना है कि अभी भी संभाग के कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली स्मारक बनाने के साथ ग्रामीणों की बैठक ले रहे हैं. इसे देखते हुए पुलिस इन क्षेत्रों में भी ऑपरेशन चला रही है, साथ ही पुलिस ने अपने ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के स्मारक को भी ध्वस्त करने का काम किया है. आईजी ने कहा कि पुलिस की त्रिवेणी योजना पिछले कुछ सालों से कारगर साबित हो रही है और आगामी दिनों में भी धीरे-धीरे ग्रामीणों के मन से नक्सलियों का दहशत कम होगा और बस्तर में नक्सली संगठन को कमजोर बनाने में पुलिस कामयाब होगी.

जगदलपुर : बस्तर में पिछले कई साल से नक्सली 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते आ रहे हैं. इस शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली बस्तर संभाग और सीमावर्ती इलाकों में अपने बंद को सफल बनाने के लिए कई बड़ी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं. नक्सलियों के इस बंद को नाकाम करने के लिए पुलिस शहीदी सप्ताह के दौरान ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों को बैकफुट में लाने में कामयाब साबित हो रही है. इस वर्ष भी शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली बस्तर संभाग में किसी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पाए. जबकि शहीदी सप्ताह के दौरान कई नक्सलियों ने सरेंडर और कई नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आंध्र प्रदेश और बस्तर के सीमावर्ती इलाके में एक PLGA प्लाटून कमांडर को मार गिराने में भी पुलिस ने सफलता हासिल की है.

बस्तर आईजी

मुठभेड़ के दौरान मारे गए नक्सलियों की याद में नक्सली दलम शहीदी सप्ताह मनाते हैं. बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मारे गए नक्सलियों की याद में स्मारक बना कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. नक्सली अपने शहीदी सप्ताह के दौरान अंदरूनी क्षेत्रों में पेड़ काटकर मार्ग अवरुद्ध करना, सड़कों पर बैनर-पोस्टर लगाना और दूसरे राज्यों में चलने वाली यात्री बसों और छोटे वाहनों के बंद का आह्वान करते हैं. नक्सली बंद के दौरान कई बड़ी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं. नक्सलियों की कोशिश होती है कि अपने शहीदी सप्ताह के दौरान ज्यादा से ज्यादा पुलिस को नुकसान पहुंचाया जाए और पूरी तरह से इस बंद को सफल बनाया जाए.

नक्सलियों के लगाए IED की चपेट में आए 12 ग्रामीण, एक की मौत

बस्तर आईजी का कहना है कि हर वर्ष नक्सली अपने बंद को सफल बनाने के लिए कई नापाक मंसूबों को अंजाम देते हैं. बंद के दौरान पुलिस के साथ ही जानमाल को भारी नुकसान होता है. नक्सली यात्री बसों में आगजनी करने के साथ ही विकास कार्यों में भी बाधा डालते हैं और सड़क निर्माण में लगने वाले वाहनों में भी आगजनी की घटना को अंजाम देते हैं. इसे ही ध्यान में रखते हुए पिछले कुछ साल से बस्तर पुलिस नक्सलियों के बंद के दौरान किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए पूरी तरह से मुस्तैद रहती है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से नक्सली अपने बंद के दौरान बस्तर में किसी भी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए हैं.

ये रिपोर्ट चिंता बढ़ाने वाली है: देशभर में नक्सल घटनाओं में होने वाली मौतों में आधे से ज्यादा छत्तीसगढ़ में

सफल हो रही पुलिस की योजना

आईजी का कहना है कि लगातार केंद्र और राज्य सरकार आपसी समन्वय बनाकर बस्तर के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नये पुलिस कैम्प खोलने का काम कर रही है, जिससे ग्रामीणों में भी नक्सलियों का दहशत कम हुआ है. यही वजह है कि ग्रामीण अब नक्सलियों का साथ नहीं दे रहे हैं और पुलिस को नक्सलियों के बंद के दौरान सफलता भी हाथ लग रही है. हालांकि आईजी का कहना है कि अभी भी संभाग के कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली स्मारक बनाने के साथ ग्रामीणों की बैठक ले रहे हैं. इसे देखते हुए पुलिस इन क्षेत्रों में भी ऑपरेशन चला रही है, साथ ही पुलिस ने अपने ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के स्मारक को भी ध्वस्त करने का काम किया है. आईजी ने कहा कि पुलिस की त्रिवेणी योजना पिछले कुछ सालों से कारगर साबित हो रही है और आगामी दिनों में भी धीरे-धीरे ग्रामीणों के मन से नक्सलियों का दहशत कम होगा और बस्तर में नक्सली संगठन को कमजोर बनाने में पुलिस कामयाब होगी.

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