दुर्ग : भिलाई रामनगर मुक्तिधाम विद्युत शवदाह (Bhilai Ramnagar Muktidham ) में आधे घंटे में ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी. अस्थि लेने के लिए और आधे घंटे का समय लगेगा. पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह विद्युत शवदाह गृह बहुत उपयोगी है. लकड़ी और कंडे के अभाव में भी इसकी प्रक्रिया जारी रहेगी. कम मात्रा में लकड़ी और कंडे की खपत होगी. दिन में आठ से 10 शवदाह हो पाएंगे. बारिश के दिनों में भी यह काफी कारगार साबित होगा, क्योंकि इन दिनों अधिकतर लकड़ी और कंडे के बारिश के कारण गीले हैं.Electricity crematorium facility in Bhilai
अपनी तरह का जिले में पहला शवदाह : आधुनिक विद्युत शवदाह गृह भिलाई में पहला शवदाह गृह होगा जो विद्युत से चलेगा. इस विद्युत शवदाह गृह में लकड़ी और कंडे में होने वाले खर्च की अपेक्षा पैसे की बचत होने की संभावना अधिक जताई जा रही है. कोरोना काल में शव की अधिक संख्या मुक्तिधाम में आने को देखते हुए रामनगर के मुक्तिधाम में इसको स्थापित किया गया.
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कैसे करेगा काम : इसको शुरु करने के लिए कुछ प्रक्रिया शेष रह गई है. विद्युत शवदाह गृह के निर्माण कार्य में लगभग 52 लाख रुपए खर्च हुए हैं. इसका संचालन एवं संधारण के लिए एजेंसी दो साल तक काम करेगी (Bhilai Municipal Corporation). इसके अलावा इससे संबंधित प्रशिक्षण भी कर्मचारियों को दिया जाएगा. एक तरह से यह करने की मंशा से इस पर कार्य किया गया था. आज पूर्ण रूप से यह बनकर तैयार है. पर्यावरण की दृष्टि से भी यह काफी उपयोगी है.