दुर्ग : छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी अशोक जुनेजा (Chhattisgarh DGP Ashok Juneja ) ने दुर्ग में आयोजित सीआईएसफ के दीक्षांत समारोह में शिरकत की और जवानों का हौसला बढ़ाया. इस दौरान डीजीपी ने भिलाई स्थित कंट्रोल रुम में भी दौरा किया. डीजीपी अशोक जूनेजा ने नक्सलियों के सरेंडर और उनसे बातचीत करने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि ''मुख्यमंत्री जी ने पहले ही कहा है कि नक्सलियों से तभी बातचीत की जाएगी जब वे संविधान के दायरे में आकर कोई चर्चा करेंगे.''
नक्सलियों के खिलाफ बड़ी रणनीति : जुनेजा के मुताबिक '' छत्तीसगढ़ राज्य से मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र,तेलंगाना,ओडिशा, झारखंड और उत्तर प्रदेश की बॉर्डर लगती है. इन राज्यों के बॉर्डर इलाकों में नक्सल मूवमेंट लगातार होता रहता है. नक्सली छत्तीसगढ़ में हमले करने के बाद अलग-अलग राज्यों में जाकर छिप जाते हैं. जिसके कारण कई बार छत्तीसगढ़ पुलिस को समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा क्योंकि नक्सलियों के मूवमेंट पर नजर रखकर अब तेजी से कार्रवाई की जा रही है.''
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छत्तीसगढ़ के बार्डर पर बढ़ाई गई चौकसी :डीजीपी अशोक जुनेजा ने बताया कि ''सीमावर्ती सभी राज्यों में एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाये जा रहे है. छत्तीसगढ़ से सटे सीमावर्ती इलाकों में चौकसी भी बढ़ाई गई है. सभी सीमावर्ती राज्यों से इंटर स्टेट बॉर्डर पुलिसिंग और पुलिस अधिकारियों की मीटिंग भी लगातार हो रही है. इंटरस्टेट बॉर्डर कैम्प लगाए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर ज्वाइंट टास्क फोर्स बनाया (Anti Task Force against Naxalites in Chhattisgarh ) गया है. फोर्स में मध्यप्रदेश, ओडिशा,तेलंगाना,महाराष्ट्र, झारखंड,यूपी और छत्तीसगढ़ केजवान एक साथ रह रहे हैं. साथ ही साझा एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रहे हैं.''