दुर्ग: जिले में बिजली विभाग आम लोगों से बिजली बिल की बकाया राशि वसूलने में तो सख्त है, लेकिन दूसरी तरफ यह सरकारी विभागों और उद्योगपतियों से वसूली में ढीला साबित हो रहा है. सरकारी विभाग और बड़े उद्योगपति का बिजली बिल करोड़ों में बकाया है, जिन्हें वसूलने में बिजली कंपनी को पसीने निकल रही है. कोरोना काल में किसी का बिजली सप्लाई नहीं काटने के फैसले के बाद सरकरी विभाग और बड़े उद्योगपति बिल पटाने में रुचि नहीं दिखा रहें हैं.
दुर्ग डिवीजन में अब तक 169.53 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है. बिजली कंपनी का बकाया मार्च 2020 में 101 करोड़ था. जिसे हर साल वसूली करने के लिए अभियान चलाकर किया जाता है, लेकिन अभियान चलाने से पहले कोरोना ने दस्तक दे दिया. जिसके कारण बिजली विभाग ने वसूली अभियान नहीं चलाया. इस बीच 68.53 करोड़ रुपये की राशि और बढ़ गई. कोरोना काल में 52 सरकारी विभाग ने बिजली का बिल रोक दिया है, जिसमे शिक्षा विभाग का सबसे से अधिक 4.28 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है. जिले के दुर्ग, भिलाई, चरोदा और रिसाली नगर निगम ने भी 21.80 करोड़ का बिल रोक दिया है.
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नहीं कर रहे बिजली बिल का भुगतान
दुर्ग कार्यपालक निदेशक संजय पटेल ने बताया कि विद्युत विभाग के वार्षिक आंकलन किया गया, जिसमें ये जानकारी सामने आई है कि जिले में 69.53 करोड़ रुपये की राशि पेंडिंग है. जिसकी वसूली के लिए अभियान चलाया जाएगा. पिछले एक साल से कोरोना काल के चलते वसूली नहीं की गई, लेकिन वसूली का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा. हर सरकारी विभाग पर कुछ न कुछ राशि बकाया है. सरकारी विभाग और उद्योगपतियों ने बाद में बिल पटाने की बात कही है.
विभागों में बिजली बिल का बकाया राशि के आंकड़े
- दुर्ग, भिलाई,चरोदा,रिसाली नगर निगम के 21 करोड़ 80 लाख
- शिक्षा विभाग 4 करोड़ 28 लाख
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग 1 करोड़ 87 लाख
- हाउसिंग बोर्ड 1 करोड़ 81लाख
- केन्द्रीय विद्यालय 8 करोड़ 22 लाख
- महिला एवं बाल विकास 1 करोड़ 38 लाख
- राजस्व विभाग 92 लाख
- स्वास्थ्य विभाग 60 लाख
- नलकूप विभाग 24 लाख
उद्योगपतियों के बकाया राशि के आंकड़े
- महत्वाकांक्षी बिल्डर्स 24 लाख 34 हजार
- अजय चौहान 8 लाख 4 हजार
- मेसर्स पंकज इंटरनेशनल 5 लाख 47 हजार
- मेसर्स इंडस्ट्रीज 4 लाख 91 हजार
- हर्ष उद्योग 4 लाख 26 हजार
- भारत फ्रेबिकेशन 2 लाख 86 हजार
- सुभाष कुशवाहा 2 लाख 6 हजार