धमतरीः बेमौसम बारिश से हुए फसल नुकसान (crop loss) का आकलन करने के मामले में धमतरी पूरे प्रदेश में पहला ऐसा जिला है जिसने तय सीमा से पहले ही शासन को रिपोर्ट भेजा है. अधिकारियों का कहना है कि बारिश फसल क्षति का आकलन कर लिया गया है. क्षतिपूर्ति जल्द ही मिल जाएगा.
छत्तीसगढ़ के तमाम जिलों के कलेक्टरों को फसल क्षति का आकलन तैयार करने को लेकर 18 नवम्बर को शासन ने पत्र भेजा था. जिसके बाद कृषि विभाग (Agriculture Department) और राजस्व विभाग (Revenue Department) का मैदानी अमला जमीनी स्तर पर रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई. धमतरी जिला प्रशासन (district administration) ने तीन दिन की सरकारी छुटटी (government holiday) होने के बावजूद सर्वे कर अपनी रिपोर्ट तैयार की.
राज्य शासन को भेजा गया रिपोर्ट
हालांकि सरकार ने एक सप्ताह की मोहलत दी थी. जिसे समय से पहले यानी 23 नवम्बर तक पूरा कर लिया और इसकी रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी है. रिपोर्ट के अनुसार जिले के 6 तहसीलों में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान वाले कुल 54463 किसानों का फसल क्षति हुई है. जिसका मुआवजा तकरीबन 1 करोड़ बताई जा रही है.
धमतरी जिला सूबे का वह इलाका है जो बारह महीने हरियाली की चादर ओढ़े रहता है. यहां दोनों सीजन में धान की बम्पर पैदावरी होती है. जिले में इस साल 1 लाख 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों ने खरीफ सीजन में धान की फसल (paddy crop) लगाई गई थी. किसानों का फसल पककर तैयार थी. वहीं, 50 प्रतिशत किसानों ने कटाई भी शुरू कर दी थी. इस बीच हुए बेमौसम बारिश (unseasonal rain) ने किसानों की कमर तोड़ दी. इनमें वह किसान शामिल हैं जिनके पास अपने उपज को रखने की जगह नहीं है. ये किसान तभी फसल काटते हैं, जब धान खरीदी शुरू होती है.
प्रति एकड़ 20 हजार क्षति पूर्ति की मांग
छह तहसीलों की बात करें तो उनमें से धमतरी तहसील में 4224 किसान हैं. वहीं, इनके कुल 535.64 रकबे में 353.74 हेक्टेयर प्रभावित हुआ है. मुआवजा करीब 47 लाख 75 हजार 490 है. इसी तरह कुरूद तहसील में 41 हजार 895 किसान हैं. जिनके 80.19 रकबे में 49.19 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है. मुआवजा के तौर पर 6 लाख 63 हजार 795 दिया जाना है. जबकि जिले के मगरलोड और कुकरेल तहसील फसल नुकसान के मामले में निरंक है. नगरी तहसील में अभी तक 561.2 रकबे में 192.55 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है.
किसान नेताओं ने सरकार से प्रति एकड़ 20 हजार फसल क्षति पूर्ति की मांग की है. इनके साथ ही उनका यह भी कहना है कि किसानों के फसलों का अनेक माध्यमों से बीमा काटा जाता है लेकिन किसी भी किसान का इसका लाभ नहीं मिल पाता. सरकार के निर्देश पर धमतरी जिले में सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है. अब किसानों की नजर सरकार से मिलने वाले मुआवजे पर टिकी हुई है.