बिलासपुर: कोरोना ने सभी वर्ग के लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. बात किसानों की करें या सब्जी विक्रेताओं की, दोनों पर कोरोना का असर सामान्य रूप से पड़ा है. इस बार भारी बारिश से सब्जियों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बारिश से फसल बर्बाद होने की स्थिति में है, तो वहीं क्वॉलिटी पर भी इसका असर पड़ा है. सब्जियों से भरे ट्रक बारिश में 2-3 दिनों तक फंसे रहे, इस वजह से सब्जियां खराब होने लगीं. सब्जियों की आवक कम होने की वजह से बाजार में इसके भाव भी आसमान छूने लगे हैं.
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सब्जियों के बढ़ते दाम ने एक ओर जहां सब्जी कारोबारियों की परेशानी बढ़ाई है, तो दूसरी तरफ आम लोगों के बजट पर इसका काफी प्रभाव पड़ा है. जिस दाम पर पहले झोला भरकर सब्जियां आ जाती थीं, अब सिर्फ 2 से 3 सब्जियां ही लोग खरीद पा रहे हैं. सब्जियों के बढ़ते दाम ने लोगों की रसोई पर काफी असर डाला है. बिलासपुर में कोई भी सब्जी 50 रुपये प्रति किलो से नीचे नहीं मिल रही है. सब्जी दुकानों पर भीड़ तो नजर आ रही है, लेकिन लोग जरूरी सब्जियां ही ले रहे हैं.
15 रुपये प्रति किग्रा बिकने वाली भिंडी भाव 60 रुपये में बिक रही है. टमाटर 100 रुपये किलो में खरीदने के लिए लोग मजबूर हैं. 10 रुपये में बिकने वाली हरी मिर्च अब 30 रुपये में बिक रही है.
सब्जियों के दाम-
सब्जियों के नाम | दाम (प्रति किलो) |
टमाटर | 100 रुपये |
बैंगन | 60 रुपये |
करेला | 80 रुपये |
पत्ता गोभी | 40 रुपये |
लौकी | 30 रुपये |
कद्दू | 20 रुपये |
कुंदरू | 60 रुपये |
शिमला मिर्च | 100 रुपये |
बरबटी | 60 रुपये |
भिंडी | 60 रुपये |
सेमी बींस | 60 रुपये |
लगातार हो रही बारिश की वजह से सब्जियों की आवक भी कम हो गई है. आसपास के गांव से जो ग्रामीण सब्जियां लेकर मार्केट में पहुंचते थे, वह भी अभी नहीं आ रहे हैं. बाजार में सब्जियों की वरायटी में भी कमी आई है.