बिलासपुरः प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) के तहत शहर में बने लगभग 1381 मकान आवंटन (House Allotment) नहीं होने की वजह से जर्जर हो गए हैं. आवास आवंटन नहीं होने का खामियाजा गरीबों को उठाना पड़ रहा है. हद तो तब हो गई जब यह बात सामने आई कि आवास के नाम पर गरीबों से लाखों रुपए ऐंठने वाला ठगों का गिरोह सक्रिय हो गया है. निगम प्रशासन (municipal administration) का कहना है कि गरीब मकान के लिए निर्धारित राशि जमा नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से आवंटन नहीं हो पा रहा है.
बिलासपुर के अशोक नगर में झुग्गी वासियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 58 करोड रुपए की लागत से 1981 पक्के मकान बनाए गए हैं. कॉलोनी के अंदर कंक्रीट रोड (concrete road), स्ट्रीट लाइट (Street lights), मकानों में खिड़की, दरवाजे, बिजली आदि सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. मकानों के आवंटन के लिए 70 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. लेकिन अब इसके आवंटन में जमकर फर्जीवाड़ा (forgery) सामने आ रहा है. सैकड़ों लोगों को निगम के आवास आवंटन का फर्जी रसीद पकड़ा कर लाखों का चूना लगा दिया गया है.
अधिकारी बता रहे फर्जी रसीद
लोग जब मकान का पजेशन के लिए पहुंच रहे हैं तो इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हो रहा है. हितग्राहियों को दी गई रशिद अब फर्जी बताई जा रही है. जबकि निगम के इस रसीद में बकायदा निगम का सील (corporation seal) मोहर भी लगा हुआ है. मामला सामने आने के बाद निगम के अधिकारी (officers of the corporation) सकते में हैं. हालांकि अधिकारी अब इसे फर्जी रशीद (fake receipt) बता कर अपने को पाक साफ बताने में भी लग गए हैं. अधिकारियों की मानें तो ऐसे लोग इसके शिकार हुए हैं, जिन्होंने निगम के बाहर दलालों के जरिए मकान आवंटन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई है.
मामले में नगर निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी (Municipal Corporation Commissioner Ajay Tripathi) ने बताया कि बिलासपुर नगर निगम में अलग-अलग जगहों पर लगभग 1081 मकान है. जिसमें मात्र 289 मकान में हितग्राही पजेशन लेकर रह रहे हैं और 6 सौ को नोटिस भेजा गया है कि वह मकान लें. लेकिन मकान के लिए निर्धारित 70 हजार रुपए वो जमा नहीं कर पा रहे हैं. जिसकी वजह से मकानों का आवंटन नहीं हो पा रहा है.
महापौर ने मांगा हिसाब
इस मामले में महापौर रामशरण यादव (Mayor Ramsharan Yadav) ने बताया कि फर्जीवाड़े की जानकारी उनको भी है. इसके अलावा मकान के आवंटन अब तक क्यों नहीं हो पाए हैं? किसको मकान आवंटित किया गया है? कितने लोग हैं, जिन्हें आवंटित किया गया है? इसके अलावा इसके आवंटन की प्रक्रिया किस तरह की है? इसकी पूरी जानकारी और फाइल नगर निगम कमिश्नर से उन्होंने मंगाया है. जैसे ही मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा होगा, कार्रवाई की जाएगी. जो भी कारण हो, गरीबों के मकान आवंटन करने की प्रक्रिया को शुरू करेंगे ताकि गरीबों को उनके हक का आशियाना मिल सके.
फर्जीवाड़ा भी हो गया है शुरू
बिलासपुर में सरकार के महत्वपूर्ण योजना फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ते जा रही है. 58 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए गरीबों के आवास आवंटन में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है. सैकड़ों लोगों को निगम के आवास आवंटन का फर्जी रशीद पकड़ाकर लाखों का चूना लगा दिया गया है. यही नहीं, इधर गरीबों के आवास आवंटन से पहले ही खस्ताहाल होने लगे हैं. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता गरीबों के मकान पर भारी पड़ रही है. इस मामले में पिछले दिनों एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या भी कर ली थी. वह लगभग 30 से 40 लोगों से मकान दिलाने के नाम पर लाखों रुपए लिए थे और उन्हें मकान नहीं मिला पाया था.
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सामने आ चुका है कई मामला
जिसकी वजह से पैसे देने वाले गरीब उसे बार-बार परेशान कर रहे थे. इस मामले में पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया था. जिसमें उसने लिखा था कि निगम के कुछ अधिकारियों को पैसे दिए थे और अब वह पैसा नहीं मिल पा रहा है. पैसा देने वाले लोग उसे पैसे की मांग कर रहे हैं. इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है. वहीं, फर्जीवाड़े में दूसरा मामला प्रकाश में आया कि एक व्यक्ति ने फर्जीवाड़ा करते हुए लगभग 30 लोगों से 50 लाख रुपए ले लिया था और रशीद भी दी थी.
मामले में एक व्यक्ति ने सिविल लाइन थाने में भी रिपोर्ट दर्ज कराई है और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फर्जीवाड़ा करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर मामले की पूरी जानकारी एकत्रित कर रही है. फिलहाल 50 से ज्यादा ऐसे लोग सामने आए हैं जो इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं. इनमें कुछ मामलों में पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है. निगम के आवास योजना के तहत बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. जिसमें हितग्राहियों को फर्जी रसीद देकर उन्हें लाखों का चपत लगाया गया है.
सरकंडा, सिविल लाइन और तोरवा थाने में इस संबंध में अलग-अलग शिकायत गई है. सिविल लाइन में धोखाधड़ी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है. हालांकि, पुलिस इसके पीछे बड़े रैकेट के शामिल होने की आशंका जता रही है. निगम के अधिकारियों से भी पूछताछ की बात कही जा रही है.
इधर, 2022 तक शहर में करीब 13000 झुग्गी वासियों के लिए पक्के मकान बनाने का लक्ष्य है. केंद्र और राज्य सरकार की स्वीकृति भी मिल चुकी है. लेकिन इसका 50 फीसदी काम अब भी अधूरा है. प्रत्येक मकान में केंद्र सरकार के डेढ़ लाख राज्य सरकार का ढाई लाख और लाभार्थी का अंश 70 हजार है. जिसमें दो कमरे, लेट बाथ और किचन युक्त पक्के मकान की लागत 4.75 लाख रुपए है. बिजली, पानी, सड़क की व्यवस्था भी इसमें शामिल है.
आवास की स्थिति पर एक नजर
- कुल तैयार मकान- 1232
- सत्यापन- 1228
- अब तक पंजीयन- 745
- निर्धारित शुल्क जमा करने वाले हितग्राहियों की संख्या- 103
- केंद्र सरकार की राशि- डेढ़ लाख
- राज्य सरकार की राशि- ढाई लाख
- लाभार्थी का अंश- 75 हजार
- मकान की कुल लागत- 4.75 लाख
- व्यवस्था-दो कमरा, लेट-बाथ और किचन