बिलासपुर : सेंट्रल जेल में एक बार फिर बंदी की संदिग्ध मौत हुई है. कैदी को इलाज के लिए सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उसने दम तोड़ दिया. मौत की खबर जैसे ही परिजनों को लगी उन्होंने सिम्स पहुंचकर हंगामा किया. परिजनों का कहना है कि कैदी के साथ पहले अप्राकृतिक यौन शोषण किया गया है. इसके बाद मारपीट की गई. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. जिस वक्त कैदी का शव परिजनों को दिखाया गया तो उन्होंने देखा कि उसके शरीर और गुप्तांगों में चोट के निशान (Suspicious death of prisoner in Bilaspur Central Jail) हैं.
किस अपराध में बंद था कैदी : कैदी की मौत के बाद परिजनों ने सिम्स के सामने धरना प्रदर्शन भी किया. मृतक कैदी का नाम छोटेलाल यादव था. जिसे 20 लीटर कच्ची शराब के साथ चिल्हाटी से पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 10 मई को एमएलसी के बाद आरोपी को जेल में दाखिल कराया गया था. आरोपी उस वक्त स्वस्थ था. लेकिन 16 मई को कैदी के परिजनों को उसकी मौत की सूचना मिली.
क्या है परिजनों का आरोप : मृतक छोटेलाल यादव के परिजनों ने उसके साथ जेल में प्रताड़ना का आरोप लगाया है. परिजनों की माने तो छोटेलाल यादव के जानलेवा साथ मारपीट हुई है. साथ ही अप्राकृतिक यौन अपराध का भी परिजनों को शक है.क्योंकि उसके गुप्तांगों में गहरे चोट के निशान (Injuries on the prisoner's body) हैं.
क्या है जेल प्रबंधन का जवाब : इस आरोप के बाद अब केन्द्रीय जेल अधीक्षक एसएस तिग्गा ने पूरे मामले की जांच की बात कही है. तिग्गा के मुताबिक '' जिस वक्त कैदी को जेल दाखिल कराया गया उसकी हालत सामान्य थी. इसलिए उसके जेल दाखिल होने से लेकर अस्पताल जाने तक के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. 12 मई तक बन्दी को बैरक में रखा गया था. बैरक में उसके साथ मारपीट की कोई फुटेज नहीं है. 12 मई को बन्दी की अचानक तबीयत खराब हो गई. इसके बाद उसे जेल अस्पताल के आइसोलेशन में वार्ड में भर्ती किया गया. फिलहाल आइसोलेशन वार्ड का भी सीसीटीवी खंगाला जा रहा है. इसके बाद 14 मई को सिम्स में बंदी को ले जाया गया ''
जेल दाखिल में स्वस्थ था कैदी : जेल अधीक्षक तिग्गा ने बताया कि '' किसी भी आरोपी को एमएलसी के बाद ही जेल में दाखिल किया जाता है. जेल दाखिल करने से पहले डॉक्टर की रिपोर्ट देखते हैं. आबकारी टीम की तरफ से एमएलसी रिपोर्ट में बन्दी की हाल सामान्य बताई गई थी. बन्दी को केन्द्रीय जेल के डॉक्टरों ने भी चेक किया था. जिसके बाद उसकी तबीयत सामान्य थी.लेकिन अचानक दो दिन बाद ही बंदी की तबीयत खराब हुई.''
पीएम रिपोर्ट से खुलेगा मौत से राज : अब इस मामले में परिजन और जेल प्रशासन दोनों को ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.क्योंकि परिजनों ने जो वीडियो कैदी का बनाया है और तस्वीरें जारी की हैं उनमे कैदी के शरीर और गुप्तांग में चोट के निशान हैं.ऐसे में ये कहना गलत ना होगा कि कैदी के साथ जेल में अत्याचार हुआ (Bilaspur Central Jail in question) है.
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पिछले 7 महीने में कई कैदियों की मौत : आपको बता दें कि पिछले सात महीनों में करीब आधा दर्जन बन्दियों की केन्द्रीय जेल में मौत हो चुकी है.अब तक के रिकॉर्ड के अनुसार हर बार बन्दी की मौत का कारण बीमारी ही बताई जाती है. यदि इस बार भी बन्दी की मौत का कारण कोई बीमारी हो तो आश्चर्य की बात नहीं होगी. लेकिन कैदी के शरीर में दिख रहे चोट के निशान कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं.