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बिलासपुर में हादसों की बुनियाद पर हो रहा सैकड़ों मरीजों का ईलाज, जिम्मेदार चुप - बड़ा हादसा

बिलासपुर में सिम्स मेडिकल कालेज की बिल्डिंग (sims medical college building) पिछले लंबे समय से जर्जर हो चुकी है. इसकी वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इस बिल्डिंग की गंभीर अवस्था पर जिम्मेदारों की एक नजर तक नहीं जा रही है.

Sims building has become dilapidated in Bilaspur
बिलासपुर में जर्जर हो गई सिम्स की इमारत
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Published : Nov 9, 2021, 10:05 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 10:11 PM IST

बिलासपुरः सिम्स मेडिकल कालेज में इलाज पर लापरवाही के मामले लगातार सामने तो आते रहते हैं लेकिन यही सिम्स अस्पताल पिछले कई सालों से सैकड़ों मरीजों को मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रहा है. लोग मरीजों को उन वार्डों में भर्ती कर रहे हैं जो 50 साल पुरानी और जर्जर हो चुकी है. कभी भी बिल्डिंग धराशायी हो सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है.

बिलासपुर में जर्जर हो गई सिम्स की इमारत

जर्जर भवन से कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

बिलासपुर के एक मात्र जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज (Medical college) बनाया गया है. मेडिकल कॉलेज के निर्माण की अनुमति मिलने के बाद जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज खोल दिया गया. सिम्स मेडिकल कॉलेज का निर्माण राज्य निर्माण के साथ ही हुआ है. प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद बिलासपुर वासियों को बेहतर स्वास्थ्य संबंधी इलाज के लिए सिम्स मेडिकल कॉलेज (sims medical college) की मान्यता दिलाते हुए इसे खोलवाया.

सिम्स मेडिकल कॉलेज की दो पुरानी बिल्डिंग 50 साल से भी ज्यादा पहले निर्माण कराया गया था. इसके बाद जरूरतों के हिसाब से मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग निर्माण कराया गया. राज्य निर्माण को 21 साल हो गए है और सिम्स की दो बिल्डिंग अत्यधिक पुरानी तो हो ही गई हैं.

राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पहुंचे राजनांदगांव, योजनाओं के संबंध में ली अफसरों की बैठक
सैकड़ों मरीजों का होता है ईलाज
सिम्स मेडिकल कॉलेज की वर्षों पुरानी दोनों बिल्डिंग में 3-3 फ्लोर है और एक वार्ड में लगभग 30 मरीज रहते हैं. इस हिसाब से 180 मरीज और इतने ही मरीजों के परिजन भी उनके साथ रहते हैं. 50 साल से ज्यादा समय बिल्डिंग निर्माण को हो गए हैं लेकिन अब भी इसमें मरीजों को भर्ती करना उनकी जान जोखिम में डालने वाली बात है. ऐसे में यदि भूकंप आ जाए तो पूरी बिल्डिंग भरभरा कर गिर सकती है.


इस मामले में सिम्स प्रबंधन ने सामने आकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सिम्स प्रबंधन का कहना है कि शासन की व्यवस्था के लिए वह कुछ नहीं कह सकते क्योंकि उन्हें जो व्यवस्था दी गई है, उसी पर में काम करेंगे. सिम्स प्रबंधन के इस गैर जिम्मेदाराना जवाब से यह बात साबित होती है कि प्रबंधन को मरीजों की जान की चिंता नहीं है और वह आगे भी इस जर्जर बिल्डिंग में मरीजों को भर्ती करते रहेंगे.

बिलासपुरः सिम्स मेडिकल कालेज में इलाज पर लापरवाही के मामले लगातार सामने तो आते रहते हैं लेकिन यही सिम्स अस्पताल पिछले कई सालों से सैकड़ों मरीजों को मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रहा है. लोग मरीजों को उन वार्डों में भर्ती कर रहे हैं जो 50 साल पुरानी और जर्जर हो चुकी है. कभी भी बिल्डिंग धराशायी हो सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है.

बिलासपुर में जर्जर हो गई सिम्स की इमारत

जर्जर भवन से कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

बिलासपुर के एक मात्र जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज (Medical college) बनाया गया है. मेडिकल कॉलेज के निर्माण की अनुमति मिलने के बाद जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज खोल दिया गया. सिम्स मेडिकल कॉलेज का निर्माण राज्य निर्माण के साथ ही हुआ है. प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद बिलासपुर वासियों को बेहतर स्वास्थ्य संबंधी इलाज के लिए सिम्स मेडिकल कॉलेज (sims medical college) की मान्यता दिलाते हुए इसे खोलवाया.

सिम्स मेडिकल कॉलेज की दो पुरानी बिल्डिंग 50 साल से भी ज्यादा पहले निर्माण कराया गया था. इसके बाद जरूरतों के हिसाब से मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग निर्माण कराया गया. राज्य निर्माण को 21 साल हो गए है और सिम्स की दो बिल्डिंग अत्यधिक पुरानी तो हो ही गई हैं.

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सैकड़ों मरीजों का होता है ईलाज
सिम्स मेडिकल कॉलेज की वर्षों पुरानी दोनों बिल्डिंग में 3-3 फ्लोर है और एक वार्ड में लगभग 30 मरीज रहते हैं. इस हिसाब से 180 मरीज और इतने ही मरीजों के परिजन भी उनके साथ रहते हैं. 50 साल से ज्यादा समय बिल्डिंग निर्माण को हो गए हैं लेकिन अब भी इसमें मरीजों को भर्ती करना उनकी जान जोखिम में डालने वाली बात है. ऐसे में यदि भूकंप आ जाए तो पूरी बिल्डिंग भरभरा कर गिर सकती है.


इस मामले में सिम्स प्रबंधन ने सामने आकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सिम्स प्रबंधन का कहना है कि शासन की व्यवस्था के लिए वह कुछ नहीं कह सकते क्योंकि उन्हें जो व्यवस्था दी गई है, उसी पर में काम करेंगे. सिम्स प्रबंधन के इस गैर जिम्मेदाराना जवाब से यह बात साबित होती है कि प्रबंधन को मरीजों की जान की चिंता नहीं है और वह आगे भी इस जर्जर बिल्डिंग में मरीजों को भर्ती करते रहेंगे.

Last Updated : Nov 9, 2021, 10:11 PM IST
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