बिलासपुरः किसी समय दूध, दही, घी से यादव समाज (Yadav Samaj) को पहचाना जाता था और विलुप्त हो चुकी उसी पहचान को दोबारा जीवित करने यादव समाज ने गोवर्धन पूजा (govardhan puja) पर नशा नहीं करने का संकल्प लिया है.
आज के बदलते दौर में शराब, गुटका और कई प्रकार का नशा करने का फैशन चलन पर है. नशा से जहा इंसानी शरीर खराब होता है वहीं परिवार भी टूट जाता है. परेशानियां अलग से होती हैं. इन सब को देखते हुए बिलासपुर यादव समाज ने आज गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया. पहले तो समाज के लोगों ने गोवर्धन पूजा की. उसके बाद कार्यक्रम आयोजित कर नशा मुक्ति (Deaddiction) के लिए समाज के लोगों को प्रोत्साहित किया. उन्हें नशा नहीं करने का संकल्प दिलाया.
बिलासपुर यादव समाज में कार्यक्रम के दौरान समाज के लोगों से आह्वान किया कि उनकी पहचान दूध, दही और घी से है और यह पहचान अब खत्म होती जा रही है. अब वह नशाखोरी (drug abuse) छोड़ कर अपनी पहचान दोबारा दूध, दही, घी से बनाएं. इस मौके पर समाज के लोगों को दूध भी पिलाया गया और उन्हें इसकी कसम दिलाई गई कि अब वह नशा से दूर रहेंगे.
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भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाने का प्रण
आगामी दिनों में एकादशी पर्व के बाद रावत नाच महोत्सव (Rawat Dance Festival) की शुरुआत होती है। इस दौरान ज्यादातर टोली के सदस्य नशा कर रावत नाच में भाग लेते हैं. इस लिए भी इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया ताकि वह पर्व को पर्व जैसा ही मनाया जाए. उसमें शराब या अन्य नशा कर पर्व की महत्ता और गरिमा को खराब नहीं करने की बात कार्यक्रम में कही गई. कार्यक्रम में बताया गया कि आज भी लोग यादव समाज को भगवान श्री कृष्ण के वंशज मानते हैं. इसीलिए यादव समाज दूध दही और घी का व्यवसाय भी करता है, लेकिन अब समाज के लोगों में नशा की आदत होते जा रही है और इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें नशा से दूर रहने की बात कही गई है।