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छत्तीसगढ़ में हड़ताल से जनता हुई बेहाल, सरकारी दफ्तरों के अटके काम

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल के कारण सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है.वहीं काम नहीं होने से आम जनता परेशान है.

Chhattisgarh officer employee strike
छत्तीसगढ़ में हड़ताल से जनता हुई बेहाल
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Published : Aug 26, 2022, 4:30 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के शासकीय अधिकारी, कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (Chhattisgarh officer employee strike) हैं. कर्मचारी, अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर पूरे राज्य में यह हड़ताल चल रहा है. हड़ताल के चौथे दिन कर्मचारियों के कार्यालय नहीं पहुंचने पर ग्रामीण और शहरीय इलाकों के लोग परेशान हो रहे हैं. आम नागरिकों को सरकारी दफ्तरों में अपना काम नही होने से मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है. राज्य शासकीय कर्मचारियों के साथ इस बार न्यायालयों के कर्मचारी अधिकारी भी काम बंद कर दिए हैं. जिससे जिला अदालतों में भी कामकाज प्रभावित हो रहा (Work stuck in government departments ) है.

छत्तीसगढ़ में हड़ताल से जनता हुई बेहाल

काम ठप, प्रभावित जनता : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल कर रहे हैं. इस हड़ताल को अधिकांश अधिकारी कर्मचारी संघ का समर्थन भी प्राप्त है. इन मांगों को लेकर पिछली बार फेडरेशन ने पांच दिवसीय हड़ताल की, लेकिन शासन की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होने पर एक बार फिर कर्मचारी अधिकारी संघ और राज्य सरकार आमने-सामने आ गए हैं. इस लड़ाई में कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल पर जाने से शासन प्रशासन और आम जनता का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो गया है.

अदालत में काम प्रभावित : जिला न्यायालय बिलासपुर में जहां वकील बिना काम के ही पूरा दिन कोर्ट में बैठे रहते हैं, वही स्थिति न्यायाधीशों की भी है. न्यायाधीश भी मात्र बेल और रिमांड ऑर्डर ही कर रहे हैं. इसके अलावा रोजाना की पेशी और इससे जुड़े अन्य कार्य नहीं हो रहे हैं. यहां तक पेशी की तारीख तक तय नहीं हो पा रही है. इन सारे कामों को कर्मचारी अधिकारी और कोर्ट बाबू करते हैं. लेकिन कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश के सभी जिला न्यायालय के अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं.

कलेक्ट्रेट में भी पसरा सन्नाटा : रोजाना जन समस्या के साथ ही जिला प्रशासन के कार्यालयों से जुड़ी कई समस्याओं को लेकर लोग शासन प्रशासन और मंत्रियों तक अपनी बातें पहुंचाने कलेक्ट्रेट कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचते हैं. लेकिन यहां भी कर्मचारियों की हड़ताल में जाने के बाद काम नहीं हो रहे हैं. मोपका ग्राम के रहने वाले छवि कश्यप ने बताया कि '' वह पिछले 2 दिनों से राशन कार्ड लेकर कलेक्ट्रेट के खाद्य शाखा आ रहा है, लेकिन उसका काम नहीं हो पा रहा है. जिस कर्मचारी को उसके कार्ड से जुड़े काम करने हैं वह हड़ताल पर चले गए हैं. इस वजह से उसका काम नहीं हो रहा है.'' छवि कश्यप ने बताया कि ''उसे राशन नहीं मिल रहा है, और इसी समस्या को लेकर वह खाद्य शाखा 2 दिनों से आ रहा है.आने जाने में उसके काफी पैसे खर्च हो जाते हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से उसका काम नहीं हो पा रहा है.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के शासकीय अधिकारी, कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर (Chhattisgarh officer employee strike) हैं. कर्मचारी, अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर पूरे राज्य में यह हड़ताल चल रहा है. हड़ताल के चौथे दिन कर्मचारियों के कार्यालय नहीं पहुंचने पर ग्रामीण और शहरीय इलाकों के लोग परेशान हो रहे हैं. आम नागरिकों को सरकारी दफ्तरों में अपना काम नही होने से मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है. राज्य शासकीय कर्मचारियों के साथ इस बार न्यायालयों के कर्मचारी अधिकारी भी काम बंद कर दिए हैं. जिससे जिला अदालतों में भी कामकाज प्रभावित हो रहा (Work stuck in government departments ) है.

छत्तीसगढ़ में हड़ताल से जनता हुई बेहाल

काम ठप, प्रभावित जनता : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल कर रहे हैं. इस हड़ताल को अधिकांश अधिकारी कर्मचारी संघ का समर्थन भी प्राप्त है. इन मांगों को लेकर पिछली बार फेडरेशन ने पांच दिवसीय हड़ताल की, लेकिन शासन की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होने पर एक बार फिर कर्मचारी अधिकारी संघ और राज्य सरकार आमने-सामने आ गए हैं. इस लड़ाई में कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल पर जाने से शासन प्रशासन और आम जनता का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो गया है.

अदालत में काम प्रभावित : जिला न्यायालय बिलासपुर में जहां वकील बिना काम के ही पूरा दिन कोर्ट में बैठे रहते हैं, वही स्थिति न्यायाधीशों की भी है. न्यायाधीश भी मात्र बेल और रिमांड ऑर्डर ही कर रहे हैं. इसके अलावा रोजाना की पेशी और इससे जुड़े अन्य कार्य नहीं हो रहे हैं. यहां तक पेशी की तारीख तक तय नहीं हो पा रही है. इन सारे कामों को कर्मचारी अधिकारी और कोर्ट बाबू करते हैं. लेकिन कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश के सभी जिला न्यायालय के अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं.

कलेक्ट्रेट में भी पसरा सन्नाटा : रोजाना जन समस्या के साथ ही जिला प्रशासन के कार्यालयों से जुड़ी कई समस्याओं को लेकर लोग शासन प्रशासन और मंत्रियों तक अपनी बातें पहुंचाने कलेक्ट्रेट कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचते हैं. लेकिन यहां भी कर्मचारियों की हड़ताल में जाने के बाद काम नहीं हो रहे हैं. मोपका ग्राम के रहने वाले छवि कश्यप ने बताया कि '' वह पिछले 2 दिनों से राशन कार्ड लेकर कलेक्ट्रेट के खाद्य शाखा आ रहा है, लेकिन उसका काम नहीं हो पा रहा है. जिस कर्मचारी को उसके कार्ड से जुड़े काम करने हैं वह हड़ताल पर चले गए हैं. इस वजह से उसका काम नहीं हो रहा है.'' छवि कश्यप ने बताया कि ''उसे राशन नहीं मिल रहा है, और इसी समस्या को लेकर वह खाद्य शाखा 2 दिनों से आ रहा है.आने जाने में उसके काफी पैसे खर्च हो जाते हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से उसका काम नहीं हो पा रहा है.

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