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छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से आयोगों में की गई नियुक्तियों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने निगम मंडल आयोग (corporation board and commission) में नियुक्तियों की सूची जारी की थी. आयोग में नियुक्ति को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की गई है. जिसमें नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाया गया है.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Aug 3, 2021, 7:50 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में विभिन्न संवैधानिक आयोग में किये गए अध्यक्षों की नियुक्ति को चुनौती (Challenge to the appointment of chairpersons in the commission) देते हुए हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court ) में एडवोकेट योगेश्वर शर्मा के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर दी गई है. इसमें याचिकाकर्ता अभिषेक कुमार चौबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन ने विभिन्न संवैधानिक आयोग जैसे बाल अधिकार संरक्षण आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग में अध्यक्ष पद पर केवल राजनीतिक व्यक्तियों की नियुक्ति की गई है. उनके चयन में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई और न ही विज्ञापन के जरिए भर्ती हुई, मनमाफिक अपने पसंद के राजनीतिक व्यक्तियों को विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष पद पर पद आसीन कर दिया गया है.

याचिकाकर्ता के मुताबिक विधि अनुसार बाल अधिकारों के संरक्षण में कार्य किए हुए व्यक्ति और अनुसूचित जनजाति के केसों की जानकारी रखने वाले व्यक्ति का चयन करना था. साथ ही बाल संरक्षण अधिकार आयोग में चेयरमैन की नियुक्ति चयन समिति की तरफ से होनी थी. उसके विपरीत छत्तीसगढ़ शासन ने सारी नियुक्तियों की जानकारी सिर्फ प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दे दी. जबकि सुप्रीमकोर्ट ने ऐसे पदों पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में छंटनी करने की प्रक्रिया को वेबसाइट में सार्वजनिक करने को कहा था. इन कारणों से भविष्य में विषय विशेष में महारत हासिल व्यक्ति को नियुक्ति करने और केवल राजनीतिक व्यक्तियों का चयन नहीं हो पाए एवं ऐसी नियुक्तियों की
प्रक्रिया को सुप्रीमकोर्ट के निर्णय अनुसार वेबसाइट में अपलोड करने के साथ ही अध्यक्ष पद की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए जो यहां नही हुआ.

21 निगम-मंडल आयोग के लिए नियुक्ति के आदेश जारी, 91 लोगों को मिली जगह

राज्य सरकार ने हाल ही में कई आयोगों में नियुक्ति की है. इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के चयन के मामले में सरकार को पहले ही झटका लग चुका है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में विभिन्न संवैधानिक आयोग में किये गए अध्यक्षों की नियुक्ति को चुनौती (Challenge to the appointment of chairpersons in the commission) देते हुए हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court ) में एडवोकेट योगेश्वर शर्मा के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर दी गई है. इसमें याचिकाकर्ता अभिषेक कुमार चौबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन ने विभिन्न संवैधानिक आयोग जैसे बाल अधिकार संरक्षण आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग में अध्यक्ष पद पर केवल राजनीतिक व्यक्तियों की नियुक्ति की गई है. उनके चयन में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई और न ही विज्ञापन के जरिए भर्ती हुई, मनमाफिक अपने पसंद के राजनीतिक व्यक्तियों को विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष पद पर पद आसीन कर दिया गया है.

याचिकाकर्ता के मुताबिक विधि अनुसार बाल अधिकारों के संरक्षण में कार्य किए हुए व्यक्ति और अनुसूचित जनजाति के केसों की जानकारी रखने वाले व्यक्ति का चयन करना था. साथ ही बाल संरक्षण अधिकार आयोग में चेयरमैन की नियुक्ति चयन समिति की तरफ से होनी थी. उसके विपरीत छत्तीसगढ़ शासन ने सारी नियुक्तियों की जानकारी सिर्फ प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दे दी. जबकि सुप्रीमकोर्ट ने ऐसे पदों पर नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में छंटनी करने की प्रक्रिया को वेबसाइट में सार्वजनिक करने को कहा था. इन कारणों से भविष्य में विषय विशेष में महारत हासिल व्यक्ति को नियुक्ति करने और केवल राजनीतिक व्यक्तियों का चयन नहीं हो पाए एवं ऐसी नियुक्तियों की
प्रक्रिया को सुप्रीमकोर्ट के निर्णय अनुसार वेबसाइट में अपलोड करने के साथ ही अध्यक्ष पद की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए जो यहां नही हुआ.

21 निगम-मंडल आयोग के लिए नियुक्ति के आदेश जारी, 91 लोगों को मिली जगह

राज्य सरकार ने हाल ही में कई आयोगों में नियुक्ति की है. इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के चयन के मामले में सरकार को पहले ही झटका लग चुका है.

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