बिलासपुरः गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020 in the country) के अनुरूप शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में मिसाल बनेगा. यह बातें राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कही.
रिवाइज्ड फ्रेमवर्क ऑफ नैक एक्रीडिटेशन एन अवेयरनेस प्रोग्राम विषय पर राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (National Reading and Preparation Council) द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन 26 नवंबर को हुआ. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप नैक के प्रत्यायन के लिए सकारात्मक एवं सक्रिय रूप से अथक प्रयास कर रहा है. कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों एवं. कर्मचारियों से कहा कि आप में असीम संभावनाएं हैं, इसका संपूर्ण उपयोग करते हुए विश्वविद्यालय के समग्र विकास में अपना सार्थक योगदान प्रदान करें.
प्रदान की गई है सैद्धांतिक सहमति
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्र के लिए विश्वविद्यालय को नैक का सहयोग संगठन बनाये जाने के लिए सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है जो केन्द्रीय विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है. नैक की ग्रेडिंग प्रारंभ (NAAC grading started) होने से देश के उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता लगातार बढ़ रही है. यही कारण है कि पूरी दुनिया में भारतीय प्रोफेशनल एवं छात्रों की स्वीकार्यता निरंतर बढ़ रही है.
आने वाले समय में नैक के अतिरिक्त अन्य संस्थाएं भी ग्रेडिंग का कार्य करेंगी. संविधान दिवस के अवसर पर कुलपति के साथ सभागार में उपस्थित सभी ने संविधान उद्देशिका का पाठन किया. ओवरऑल अस्सिमेंट एंड एक्रीडेटेशन ऑफ नैक आईआईक्यूए विषय पर व्याख्यान दिया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षा संस्थानों को मूल्यांकन एवं प्रत्यायन को अनिवार्य बनाया गया है. उनके द्वारा प्रत्यायन हेतु आवेदन एवं नैक की प्रक्रिया के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई.
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डीवीवी विषय पर दी विस्तृत जानकारी
डॉ. लीना गेहने उप सलाहकार नैक बैंगलोर ने एसएसआर एवं डीवीवी विषय पर जानकारी प्रदान करते हुए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट बनाये जाने की प्रक्रिया के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की. अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए नैक पहली संस्था है जो शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के फीडबैक को संकलित करने के कार्य की पहल की है.
डॉ. नीलेश पांडे सहायक सलाहकार नैक एसएसआर एंड पीयर टीम विजिट एंड लॉजिस्टिक विषय के में बताया. उन्होंने कहा कि मूल्यांकन एवं प्रत्यायन से उच्च शिक्षण संस्थान को मिलने वाली अनुदान राशि में बढ़ोत्तरी होती है. साथ ही संबंध्दता के पक्ष को मजबूती मिलती है.