बिलासपुरः झीरम घाटी हत्याकांड प्रकरण पर NIA के वकील जनरल सॉलिशिटर (general solicitor) विक्रमजीत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अब एनआईए की तरफ से बहस पूरी हो गई है. प्रकरण में कल भी सुनवाई होगी जिसमें राज्य सरकार (State government) के वकील और दिवंगत कांग्रेस नेता शेखर मुदलियार के बेटे के वकील अपना पक्ष रखेंगे.
जब एनआईए ने याचिका दायर की थी तब कोर्ट के समक्ष कहा था कि वह केंद्रीय स्तर की जांच एजेंसी (central level investigative agency) है. मामले की जांच पहले ही कर चुकी है. ऐसे में राज्य शासन को अधिकार नहीं है कि फिर से वह उसी मामले में अपराध दर्ज (crime registered) कराए और दोबारा उसी मामले की जांच (look into the matter) करे, जिसे वह पहले ही कर चुकी है.
जितेंद्र मुदलियार द्वारा दर्ज एफआईआर (FIR) के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने हाईकोर्ट में आपराधिक अपील पेश की है. दरभा थाने में दर्ज FIR को पहले NIA ने निचली अदालत में चुनौती दी थी लेकिन उसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद NIA ने हाईकोर्ट (High Court) में याचिका दायर (petition filed) किया है. इसमें कहा गया है कि वह केंद्रीय स्तर की जांच एजेंसी (central level investigative agency) है और वह मामले की जांच पहले ही कर चुकी है. ऐसे में राज्य शासन (state government) को अधिकार नहीं है कि फिर से उसी मामले में अपराध दर्ज (crime registered) करा कर जांच कराए.
नक्सलियों ने खेला था खूनी खेल
25 मई 2013 का वो काला खौफनाक दिन छत्तीसगढ़ और देश के इतिहास में हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज हो गया था. उस दिन नक्सलियों ने सबके रोंगटे खड़े कर देने वाला खूनी खेल खेला. झीरम घाटी हमले में नक्सलियों ने कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार और कई बड़े नेताओं समेत 32 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इसी प्रकरण में NIA ने राज्य सरकार के द्वारा जांच करवाने और FIR दर्ज करवाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.