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सिम्स में चिकित्सा सुविधाओं और स्टाफ की कमी को लेकर CG हाईकोर्ट में सुनवाई

Hearing in Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सिम्स मेडिकल कॉलेज में स्टाफ और मेडिकल सुविधाओं की कमी पर गर्मी की छुट्टियों के बाद सुनवाई करने का फैसला सुनाया हैं.

Hearing in Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सिम्स मेडिकल कॉलेज पर सुनवाई
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Published : Apr 22, 2022, 2:34 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सुविधाओं के साथ ही मेडिकल छात्रों के लिए पर्याप्त चिकित्सा शिक्षक नहीं होने को लेकर लगी याचिका में सुनवाई के दौरान बताया गया है कि इतने पुराने और बड़े हॉस्पिटल में शासन ने निर्माण के 20 साल बाद भी सर्वसुविधा नहीं दी गई है. मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में सिम्स की कई कमियों को गिनाया गया. जिसपर कोर्ट ने मामले में ग्रीष्म अवकाश के बाद सुनवाई करने की बात कही है.(shortage of medical facilities and staff in CIMS Medical College)

अगली सुनवाई अवकाश खत्म होने के बाद होगी: बिलासपुर स्थित सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शैक्षणिक स्टाफ और अन्य तमाम कमियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर अब ग्रीष्म अवकाश के बाद सुनवाई तय की गई है. मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बहस के लिए समय की मांग की गई. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. याचिकाकर्ता विकास श्रीवास्तव की ओर से सिम्स में सीटी स्कैन, ECG, MRI, सोनोग्राफी व अन्य सुविधाओं को देने व चिकित्सक शिक्षकों की समुचित नियुक्ति के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इससे पहले सरकार की ओर से जवाब दाखिल कर कहा गया था कि कमी दूर करने के लिए प्रयास और प्रक्रिया की जा रही है.

रिटायर्ड अफसरों के NGO में करोड़ों के घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई

जवाब के बाद भी सरकार ने सिम्स मेडिकल कॉलेज की असुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दिया और समस्या जस की तस बनी रही. जनहित याचिका में बताया गया था कि, सिम्स में नियमित शैक्षणिक कर्मचारियों व प्राध्यापकों की बेहद कमी है. इसकी वजह से मेडिकल छात्रों को भी मेडिकल की पढ़ाई ठीक से नहीं होने से परेशानी हो रही है. इसके साथ ही सीटी स्कैन सहित विभिन्न जांच के लिए मरीजों को डॉक्टर बाहर रेफर कर देते हैं. याचिका में कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव, एमसीआई और स्टेट मेडिकल काउंसिल को पक्षकार बनाया है. मामले की सुनवाई अब कोर्ट की गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद होगी.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सुविधाओं के साथ ही मेडिकल छात्रों के लिए पर्याप्त चिकित्सा शिक्षक नहीं होने को लेकर लगी याचिका में सुनवाई के दौरान बताया गया है कि इतने पुराने और बड़े हॉस्पिटल में शासन ने निर्माण के 20 साल बाद भी सर्वसुविधा नहीं दी गई है. मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में सिम्स की कई कमियों को गिनाया गया. जिसपर कोर्ट ने मामले में ग्रीष्म अवकाश के बाद सुनवाई करने की बात कही है.(shortage of medical facilities and staff in CIMS Medical College)

अगली सुनवाई अवकाश खत्म होने के बाद होगी: बिलासपुर स्थित सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शैक्षणिक स्टाफ और अन्य तमाम कमियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर अब ग्रीष्म अवकाश के बाद सुनवाई तय की गई है. मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बहस के लिए समय की मांग की गई. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. याचिकाकर्ता विकास श्रीवास्तव की ओर से सिम्स में सीटी स्कैन, ECG, MRI, सोनोग्राफी व अन्य सुविधाओं को देने व चिकित्सक शिक्षकों की समुचित नियुक्ति के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इससे पहले सरकार की ओर से जवाब दाखिल कर कहा गया था कि कमी दूर करने के लिए प्रयास और प्रक्रिया की जा रही है.

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जवाब के बाद भी सरकार ने सिम्स मेडिकल कॉलेज की असुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दिया और समस्या जस की तस बनी रही. जनहित याचिका में बताया गया था कि, सिम्स में नियमित शैक्षणिक कर्मचारियों व प्राध्यापकों की बेहद कमी है. इसकी वजह से मेडिकल छात्रों को भी मेडिकल की पढ़ाई ठीक से नहीं होने से परेशानी हो रही है. इसके साथ ही सीटी स्कैन सहित विभिन्न जांच के लिए मरीजों को डॉक्टर बाहर रेफर कर देते हैं. याचिका में कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव, एमसीआई और स्टेट मेडिकल काउंसिल को पक्षकार बनाया है. मामले की सुनवाई अब कोर्ट की गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद होगी.

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