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न्यायधानी में एडवोकेट लिखी गाड़ी में गांजा तस्करी

बिलासपुर में गांजा तस्करी का अजीब मामला सामने आया है.जिसमे तस्करों ने अपनी गाड़ी में एडवोकेट का साइन बोर्ड लगा रखा था. ताकि पुलिस को चकमा दिया जा(Ganja smuggling in Bilaspur) सके.

Ganja smuggling in a vehicle written by an advocate in the court
न्यायधानी में एडवोकेट लिखी गाड़ी में गांजा तस्करी
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Published : Jun 10, 2022, 4:23 PM IST

बिलासपुर : गांजा तस्करी करते दो शातिर बिलासपुर पुलिस के हत्थे चढ़े(Ganja smuggling in Bilaspur) हैं. तस्करों से 71 किलो गांजा और कार जब्त किया गया है. पुलिस को चकमा देने आरोपियों ने कार में एडवोकेट का साइन बोर्ड लगाकर रखा था.दोनों गांजा तस्कर मंगला के रहने वाले हैं. आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

कैसे धरे गए आरोपी : बिलासपुर जिले की सिविल लाइन पुलिस को सूचना मिली थी कि ओडिशा से बिलासपुर गांजा की तस्करी की जा रही है. सूचना पर पुलिस ने शहर के इमलीपारा रोड से एक संदिग्ध कार को पकड़ लिया. जिसमें मंगला निवासी दो युवक आकाश निर्मलकर और जगतराम धुरी सवार थे. पूछताछ में युवक पुलिस को गुमराह करने लगे. लेकिन शक होने पर पुलिस ने कार की तलाशी ली. जिसमें कार के भीतर बोरियों में गांजा भरा हुआ (Hemp consignment seized in Bilaspur)मिला.

कैसे दे रहे थे चकमा : पुलिस को चकमा देने के लिए आरोपियों ने कार में एडवोकेट का साइन बोर्ड लगाकर रखा (Ganja smuggling in a vehicle written by advocate in Bilaspur) था. ताकि पुलिस की चेकिंग में आसानी से खुद को वकील बताकर निकल सके. तस्करों ने पुलिस को बताया कि वे ओडिशा से गांजा की तस्करी करके इसे शहर और देहात में खपाते थे. इस तस्कर गिरोह में एक महिला के भी शामिल होने की जानकारी सामने आई है.जिसकी तलाश की जा रही है.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कार सवार दो लोगों से 10 लाख का गांजा जब्त

गांजा जोन बनी न्यायधानी : पिछले कुछ सालों में बिलासपुर में गांजा तस्करी के सैकड़ों मामले सामने आए हैं. बावजूद इसके गांजा तस्करी का गोरखधंधा बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार पुलिस की कार्रवाई तो हो रही है. लेकिन गांजा तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रही है. पुलिस ने महीनों बाद इतनी बड़ी मात्रा में गांजा पकड़ा है. इससे पहले पुलिस कार्रवाई तो करती रही है लेकिन गांजा तस्करों से उन्हें ज्यादा से ज्यादा 20-25 किलो से ज्यादा गांजा नहीं मिलता था.गांजा तस्करों के लिए बिलासपुर एक सेफ जोन बनता जा रहा है.

बिलासपुर : गांजा तस्करी करते दो शातिर बिलासपुर पुलिस के हत्थे चढ़े(Ganja smuggling in Bilaspur) हैं. तस्करों से 71 किलो गांजा और कार जब्त किया गया है. पुलिस को चकमा देने आरोपियों ने कार में एडवोकेट का साइन बोर्ड लगाकर रखा था.दोनों गांजा तस्कर मंगला के रहने वाले हैं. आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

कैसे धरे गए आरोपी : बिलासपुर जिले की सिविल लाइन पुलिस को सूचना मिली थी कि ओडिशा से बिलासपुर गांजा की तस्करी की जा रही है. सूचना पर पुलिस ने शहर के इमलीपारा रोड से एक संदिग्ध कार को पकड़ लिया. जिसमें मंगला निवासी दो युवक आकाश निर्मलकर और जगतराम धुरी सवार थे. पूछताछ में युवक पुलिस को गुमराह करने लगे. लेकिन शक होने पर पुलिस ने कार की तलाशी ली. जिसमें कार के भीतर बोरियों में गांजा भरा हुआ (Hemp consignment seized in Bilaspur)मिला.

कैसे दे रहे थे चकमा : पुलिस को चकमा देने के लिए आरोपियों ने कार में एडवोकेट का साइन बोर्ड लगाकर रखा (Ganja smuggling in a vehicle written by advocate in Bilaspur) था. ताकि पुलिस की चेकिंग में आसानी से खुद को वकील बताकर निकल सके. तस्करों ने पुलिस को बताया कि वे ओडिशा से गांजा की तस्करी करके इसे शहर और देहात में खपाते थे. इस तस्कर गिरोह में एक महिला के भी शामिल होने की जानकारी सामने आई है.जिसकी तलाश की जा रही है.

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गांजा जोन बनी न्यायधानी : पिछले कुछ सालों में बिलासपुर में गांजा तस्करी के सैकड़ों मामले सामने आए हैं. बावजूद इसके गांजा तस्करी का गोरखधंधा बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार पुलिस की कार्रवाई तो हो रही है. लेकिन गांजा तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रही है. पुलिस ने महीनों बाद इतनी बड़ी मात्रा में गांजा पकड़ा है. इससे पहले पुलिस कार्रवाई तो करती रही है लेकिन गांजा तस्करों से उन्हें ज्यादा से ज्यादा 20-25 किलो से ज्यादा गांजा नहीं मिलता था.गांजा तस्करों के लिए बिलासपुर एक सेफ जोन बनता जा रहा है.

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