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जानिए कहां हुआ करोड़ों की सरकारी जमीन का कौड़ियों में सौदा ? - Government land in Pendra

पेंड्रा में दान में दी गई जमीन को धोखे से भूमाफिया ने अपने नाम करा लिया (Fraudulent registry of valuable government land in Pendra) है. इस बात के खुलासे के बाद ग्रामीणों ने हल्ला बोला है.

Fraudulent registry of valuable government land in Pendra
जानिए कहां हुआ करोड़ों की सरकारी जमीन का कौड़ियों में सौदा
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Published : Jun 10, 2022, 7:23 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही : पेंड्रा में भूमाफियों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलीभगत करते हुए दुबटिया कुदरी मुख्यमार्ग पर स्थित बेशकीमती शासकीय भूमि की रजिस्ट्री कर ली है. मामले का खुलासा होने पर अब कुदरी गांव के ग्रामीण एकजुट होकर मामले की जांच और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं मामले में दोषी भू-माफिया और मिलीभगत करने कर्मचारी और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी (Fraudulent registry of valuable government land in Pendra) है.

जानिए कहां हुआ करोड़ों की सरकारी जमीन का कौड़ियों में सौदा
कहां का है मामला :
मामला पेंड्रा तहसील के कुदरी गांव का (case of Kudri village of Pendra Tehsil) है. जहां पर पेंड्रा कोटमी मुख्यमार्ग पर स्थित टिकरी पर स्थित भूमि जिसका खसरा क्रमांक 369/1ख और 369/ग जो भूमि एक-एक एकड़ गांव के भूमिहीन बैसाखियां बाई और शिवपाल जुझारी को मिली थी. दोनों को 1983 में राजस्व मद से अलग करते हुए तात्कालिक शासन की 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत तहसील स्तर पर जीवन यापन करने को भूमि दी गई थी. बैसाखियां बाई और शिवपाल जुझारी के उस भूमि पर कभी किसी प्रकार की कोई खेती या फिर किसी प्रकार से उपयोग नही किया. उसकी देख रेख भी ग्राम पंचायत कर रहा था.

भूमाफिया ने किया खेल : लेकिन कुछ दिन पहले गांव के ग्रामीणों को जानकारी मिली कि संबंधित भूमि को पेंड्रा में रहने वाले भू-माफिया ने अपने नाम पर जानकारी छुपाते हुए रजिस्ट्री करा लिया (Government land in Pendra) है. जिसके बाद कुदरी गांव के ग्रामीण एक जुट होकर बैठक लगाए और शासन प्रशासन को मामले की जानकारी दी .वहीं ग्रामीणों की माने इस फर्जी तरीके से शासन के द्वारा भूमिहीन लोगों को दिए भूमि को रजिस्ट्री में भूमाफिया और राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मिलीभगत करते इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है.

भूमि आज भी शासन के नाम पर : वहीं जिस खसरे की 2 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री कराई गई है उस भूमि की मूल जानकारी आज भी राजस्व विभाग के नाम से दर्ज है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव का कोटवार उत्तम पूरी की भूमिका भी मामले में संदिग्ध है. क्योंकि बैसाखियां बाई और शिवपाल जो काफी बुजुर्ग हैं. उन्हें गांव का कोटवार चुपचाप गांव से लेकर गया था और बुजुर्ग महिला और पुरुष को भूमि रजिस्ट्री होने के बाद भी कोई चेक से राशि नही दी गई है. जबकि रजिस्ट्री में उन्हें चेक से पैसों का भुगतान होना बतलाया गया है.

खरीदार की जानकारी भी छिपाई : दूसरी खास बात यह कि बैसाखियां बाई और शिवपाल दोनों ही लोगों की एक-एक एकड़ बेशकीमती भूमि की रजिस्ट्री में पॉवर होल्डर पेंड्रा के रहने वाले यूसुफ खान को बतलाया गया है. जबकि क्रेता बिलासपुर के रहने वाले आशीष राव भोसले को बतलाया गया है. मामले का खुलासा होने के बाद कुदरी गांव के ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने मामले की लिखित शिकायत जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित अनुविभागीय अधिकारी से की है.

ये भी पढ़ें- सड़क निर्माण में बड़ी लापरवाही, किसानों की जमीन पर बनाई जा रही है रोड

शासन ने दिया जांच का भरोसा : वहीं जब हमने मामले की जानकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पुष्पेंद्र शर्मा (Sub Divisional Officer Revenue Pushpendra Sharma)से ली गई तो उन्होंने मामले को गंभीर बताया है. शासन के द्वारा दान में दी गई भूमि के मामले में तत्काल नामान्तरण में रोक लगाने के निर्देश दिया है. साथ ही ऐसे दान दी भूमि को बिना कलेक्टर के मंजूरी की बात कही है.

गौरेला पेंड्रा मरवाही : पेंड्रा में भूमाफियों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलीभगत करते हुए दुबटिया कुदरी मुख्यमार्ग पर स्थित बेशकीमती शासकीय भूमि की रजिस्ट्री कर ली है. मामले का खुलासा होने पर अब कुदरी गांव के ग्रामीण एकजुट होकर मामले की जांच और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं मामले में दोषी भू-माफिया और मिलीभगत करने कर्मचारी और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी (Fraudulent registry of valuable government land in Pendra) है.

जानिए कहां हुआ करोड़ों की सरकारी जमीन का कौड़ियों में सौदा
कहां का है मामला : मामला पेंड्रा तहसील के कुदरी गांव का (case of Kudri village of Pendra Tehsil) है. जहां पर पेंड्रा कोटमी मुख्यमार्ग पर स्थित टिकरी पर स्थित भूमि जिसका खसरा क्रमांक 369/1ख और 369/ग जो भूमि एक-एक एकड़ गांव के भूमिहीन बैसाखियां बाई और शिवपाल जुझारी को मिली थी. दोनों को 1983 में राजस्व मद से अलग करते हुए तात्कालिक शासन की 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत तहसील स्तर पर जीवन यापन करने को भूमि दी गई थी. बैसाखियां बाई और शिवपाल जुझारी के उस भूमि पर कभी किसी प्रकार की कोई खेती या फिर किसी प्रकार से उपयोग नही किया. उसकी देख रेख भी ग्राम पंचायत कर रहा था.

भूमाफिया ने किया खेल : लेकिन कुछ दिन पहले गांव के ग्रामीणों को जानकारी मिली कि संबंधित भूमि को पेंड्रा में रहने वाले भू-माफिया ने अपने नाम पर जानकारी छुपाते हुए रजिस्ट्री करा लिया (Government land in Pendra) है. जिसके बाद कुदरी गांव के ग्रामीण एक जुट होकर बैठक लगाए और शासन प्रशासन को मामले की जानकारी दी .वहीं ग्रामीणों की माने इस फर्जी तरीके से शासन के द्वारा भूमिहीन लोगों को दिए भूमि को रजिस्ट्री में भूमाफिया और राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मिलीभगत करते इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है.

भूमि आज भी शासन के नाम पर : वहीं जिस खसरे की 2 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री कराई गई है उस भूमि की मूल जानकारी आज भी राजस्व विभाग के नाम से दर्ज है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव का कोटवार उत्तम पूरी की भूमिका भी मामले में संदिग्ध है. क्योंकि बैसाखियां बाई और शिवपाल जो काफी बुजुर्ग हैं. उन्हें गांव का कोटवार चुपचाप गांव से लेकर गया था और बुजुर्ग महिला और पुरुष को भूमि रजिस्ट्री होने के बाद भी कोई चेक से राशि नही दी गई है. जबकि रजिस्ट्री में उन्हें चेक से पैसों का भुगतान होना बतलाया गया है.

खरीदार की जानकारी भी छिपाई : दूसरी खास बात यह कि बैसाखियां बाई और शिवपाल दोनों ही लोगों की एक-एक एकड़ बेशकीमती भूमि की रजिस्ट्री में पॉवर होल्डर पेंड्रा के रहने वाले यूसुफ खान को बतलाया गया है. जबकि क्रेता बिलासपुर के रहने वाले आशीष राव भोसले को बतलाया गया है. मामले का खुलासा होने के बाद कुदरी गांव के ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने मामले की लिखित शिकायत जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित अनुविभागीय अधिकारी से की है.

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शासन ने दिया जांच का भरोसा : वहीं जब हमने मामले की जानकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पुष्पेंद्र शर्मा (Sub Divisional Officer Revenue Pushpendra Sharma)से ली गई तो उन्होंने मामले को गंभीर बताया है. शासन के द्वारा दान में दी गई भूमि के मामले में तत्काल नामान्तरण में रोक लगाने के निर्देश दिया है. साथ ही ऐसे दान दी भूमि को बिना कलेक्टर के मंजूरी की बात कही है.

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