ETV Bharat / city

कानन पेंडारी जू : दो भालुओं की मौत के बाद अब मादा भालू बीमार, हालत चिंताजनक

कानन पेंडारी जू में भालुओं की मौत प्रबंधन के लिए सिरदर्द बन गई है. पहले दो नर भालुओं की मौत के बाद अब बीमार मादा भालू की स्थिति भी चिंताजनक है.

female-bear-sick-in-kanan-pendari-zoo
दो भालुओं की मौत के बाद अब मादा भालू बीमार
author img

By

Published : Mar 23, 2022, 1:47 PM IST

Updated : Mar 23, 2022, 2:28 PM IST

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू (Kanan Pendari Zoo) के अस्पताल में एक मादा भालू बीमार पड़ गई है. मादा भालू का इलाज जू प्रबंधन करवा रहा है. बताया जा रहा है कि इलाज के बाद भी मादा भालू की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है. डॉक्टरों के मुताबिक मादा भालू को सांस लेने में तकलीफ है और उसे झटके आ रहे हैं. मादा भालू की स्थिति को देखते हुए कानन पेंडारी जू प्रबंधन एक्सपर्ट डॉक्टरों की सलाह ले रहा है.

जानवरों की सुरक्षा पर उठे सवाल: कानन पेंडारी जू में जानवरों को लेकर प्रबंधन के इंतजामों पर अब सवाल उठने लगे हैं. कानन पेंडारी में जानवरों की संख्या ज्यादा होने के कारण उनकी देखरेख में दिक्कत आ रही है. जिसके कारण असमय ही जानवरों की मौत हो रही है. जू में 26 फरवरी और 10 मार्च को एक-एक भालू की बीमारी से मौत हो चुकी है. ये दोनों ही भालू मादा भालू के भाई थे. बताया जा रहा है कि मादा भालू इन बीमार भालुओं के संपर्क में रही.

इंफेक्शन के कारण हुई भालुओं की मौत: जू प्रबंधन ने मृत भालुओं का जब परीक्षण किया तो पाया कि दोनों में कैनन हेपेटाइटिस आईसीएच (canon Hepatitis Ich) के लक्षण हैं.इस बीमारी से ग्रसित किसी भी जानवर को बचा पाना बेहद मुश्किल होता है. मादा भालू को भी अपने भाईयों की ही तरह रुक-रुककर झटके आ रहे हैं. जिसके कारण वो बीमार पड़ गई है. फिलहाल मादा भालू की हालत चिंताजनक है.

विषाणु जनित बीमारी से हो रही भालुओं की मौत: कानन पेंडारी जू में मादा भालू के इलाज के लिए आगरा वाइल्ड लाइफ एसओएस भालू रेस्क्यू सेंटर के विशेषज्ञ डॉक्टर इलाही राजा से संपर्क किया गया था.जिन्होंने मादा भालू के लक्षण जानने के बाद इसे हेपिटाइटिस आईसीएच से ग्रसित बताया था.हेपिटाइटिस आईसीएच एक वाइरस जनित बीमारी है. जो एडिनो वायरस से होती है. इस बीमारी का इलाज अब तक संभव नहीं हो सका है.

ये भी पढ़ें- बलरामपुर के जावाखाड़ गांव में पहुंचा भालू, ग्रामीणों में डर का माहौल


सूरजपुर से किया गया था भालू शावक का रेस्क्यू: पहले जिन दो भालूओं की मौत हुई और अभी जिस मादा भालू की स्थिति नाजुक है. वो तीनों भाई-बहन है. इन सभी को वन विभाग ने 4 साल पहले सूरजपुर के जंगलों से रेस्क्यू करके बचाया था. तीनों शावक लावारिस स्थिति में वन विभाग की टीम को मिले थे. जिसके बाद इन्हें कानन पेंडारी लाया गया. जहां पिछले 4 साल से ये रह रहे थे. लेकिन पिछले दो महीनों में दो नर भालू की मौत हो गई और अब मादा भालू बीमार है.

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू (Kanan Pendari Zoo) के अस्पताल में एक मादा भालू बीमार पड़ गई है. मादा भालू का इलाज जू प्रबंधन करवा रहा है. बताया जा रहा है कि इलाज के बाद भी मादा भालू की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है. डॉक्टरों के मुताबिक मादा भालू को सांस लेने में तकलीफ है और उसे झटके आ रहे हैं. मादा भालू की स्थिति को देखते हुए कानन पेंडारी जू प्रबंधन एक्सपर्ट डॉक्टरों की सलाह ले रहा है.

जानवरों की सुरक्षा पर उठे सवाल: कानन पेंडारी जू में जानवरों को लेकर प्रबंधन के इंतजामों पर अब सवाल उठने लगे हैं. कानन पेंडारी में जानवरों की संख्या ज्यादा होने के कारण उनकी देखरेख में दिक्कत आ रही है. जिसके कारण असमय ही जानवरों की मौत हो रही है. जू में 26 फरवरी और 10 मार्च को एक-एक भालू की बीमारी से मौत हो चुकी है. ये दोनों ही भालू मादा भालू के भाई थे. बताया जा रहा है कि मादा भालू इन बीमार भालुओं के संपर्क में रही.

इंफेक्शन के कारण हुई भालुओं की मौत: जू प्रबंधन ने मृत भालुओं का जब परीक्षण किया तो पाया कि दोनों में कैनन हेपेटाइटिस आईसीएच (canon Hepatitis Ich) के लक्षण हैं.इस बीमारी से ग्रसित किसी भी जानवर को बचा पाना बेहद मुश्किल होता है. मादा भालू को भी अपने भाईयों की ही तरह रुक-रुककर झटके आ रहे हैं. जिसके कारण वो बीमार पड़ गई है. फिलहाल मादा भालू की हालत चिंताजनक है.

विषाणु जनित बीमारी से हो रही भालुओं की मौत: कानन पेंडारी जू में मादा भालू के इलाज के लिए आगरा वाइल्ड लाइफ एसओएस भालू रेस्क्यू सेंटर के विशेषज्ञ डॉक्टर इलाही राजा से संपर्क किया गया था.जिन्होंने मादा भालू के लक्षण जानने के बाद इसे हेपिटाइटिस आईसीएच से ग्रसित बताया था.हेपिटाइटिस आईसीएच एक वाइरस जनित बीमारी है. जो एडिनो वायरस से होती है. इस बीमारी का इलाज अब तक संभव नहीं हो सका है.

ये भी पढ़ें- बलरामपुर के जावाखाड़ गांव में पहुंचा भालू, ग्रामीणों में डर का माहौल


सूरजपुर से किया गया था भालू शावक का रेस्क्यू: पहले जिन दो भालूओं की मौत हुई और अभी जिस मादा भालू की स्थिति नाजुक है. वो तीनों भाई-बहन है. इन सभी को वन विभाग ने 4 साल पहले सूरजपुर के जंगलों से रेस्क्यू करके बचाया था. तीनों शावक लावारिस स्थिति में वन विभाग की टीम को मिले थे. जिसके बाद इन्हें कानन पेंडारी लाया गया. जहां पिछले 4 साल से ये रह रहे थे. लेकिन पिछले दो महीनों में दो नर भालू की मौत हो गई और अब मादा भालू बीमार है.

Last Updated : Mar 23, 2022, 2:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.