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सरगुजा यूनिवर्सिटी कुलपति मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखी

surguja university vice chancellor case: सरगुजा यूनिवर्सिटी कुलपति मामले में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी.

chhattisgarh high court verdict in surguja university vice chancellor case
सरगुजा यूनिवर्सिटी कुलपति मामले में सुनवाई
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Published : Jun 24, 2022, 10:50 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सरगुजा विश्वविद्यालय में नए सिरे से कुलपति की नियुक्ति के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने शासन और डॉ. अशोक सिंह की अपील पर सुनवाई करते हुए इस मामले में यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं. पूर्व कुलपति के पक्ष में स्थगन मिलने के बाद कार्यालय आ रहे हैं. स्थिति को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने राजभवन से मार्गदर्शन मांगा है. कुलपति डॉ प्रसाद 10 जुलाई को रिटायर भी हो रहे हैं. (surguja university vice chancellor case)

सरगुजा यूनिवर्सिटी कुलपति मामले में सुनवाई: राज्य में सरकार बदलने के बाद राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों को बदलने की कवायद वर्ष 2019 में की गई. पहले दुर्ग विवि और कुशाभाऊ ठाकरे विवि के कुलपतियों ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया, लेकिन सरगुजा विवि के कुलपति डा. रोहणी प्रसाद ने इस्तीफा देने से इनकार किया था. धारा 52 लगाकर आयुक्त सरगुजा को प्रभार दिया. बाद में अशोक सिंह को कुलपति बनाया गया था. इससे पहले कुलपति डॉ प्रसाद के खिलाफ कथित फर्जी शिकायतें हुईं. शिकायत पर एक जांच कमेटी बनाई गई. इसकी रिपोर्ट नहीं आई. तभी 24 दिसंबर को एक अन्य कमेटी सरगुजा आयुक्त ने बनाकर इसकी रिपोर्ट तैयार की. यह रिपोर्ट शासन को भेजी गई. जिसमें कहा गया कि कुलपति के कुछ कार्यकलापों से सरकार की छवि खराब हो रही है. 3 जनवरी 2020 को धारा 52 लगा दी गई और 6 जनवरी को डॉ. प्रसाद हटा दिए गए. आयुक्त को प्रभारी कुलपति बनाया गया. बाद में अशोक सिंह को नियमित कुलपति नियुक्त किया गया. व्यथित होकर डा प्रसाद ने हाईकोर्ट की शरण ली.

SECL को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस


जस्टिस पी सेम कोशी की सिंगल बेंच ने डॉ प्रसाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन द्वारा इन्हें पद से हटाने का आदेश, जांच कमेटी और उसका आदेश और नए सिरे से कुलपति नियुक्त करने के आदेश को भी निरस्त कर दिया. इन्हें शेष कार्यकाल पूरा होने तक उन्हें दोबारा कुलपति पद पर नियुक्त करने का आदेश भी दिया. इस निर्णय के खिलाफ शासन और अशोक सिंह ने हाईकोर्ट में दो रिट अपील डिवीजन बेंच में प्रस्तुत की है. दोनों रिट अपील पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए कुलपति के पद पर अभी यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं. अब अगली सुनवाई 6 जुलाई को निर्धारित की गई है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सरगुजा विश्वविद्यालय में नए सिरे से कुलपति की नियुक्ति के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने शासन और डॉ. अशोक सिंह की अपील पर सुनवाई करते हुए इस मामले में यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं. पूर्व कुलपति के पक्ष में स्थगन मिलने के बाद कार्यालय आ रहे हैं. स्थिति को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने राजभवन से मार्गदर्शन मांगा है. कुलपति डॉ प्रसाद 10 जुलाई को रिटायर भी हो रहे हैं. (surguja university vice chancellor case)

सरगुजा यूनिवर्सिटी कुलपति मामले में सुनवाई: राज्य में सरकार बदलने के बाद राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों को बदलने की कवायद वर्ष 2019 में की गई. पहले दुर्ग विवि और कुशाभाऊ ठाकरे विवि के कुलपतियों ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया, लेकिन सरगुजा विवि के कुलपति डा. रोहणी प्रसाद ने इस्तीफा देने से इनकार किया था. धारा 52 लगाकर आयुक्त सरगुजा को प्रभार दिया. बाद में अशोक सिंह को कुलपति बनाया गया था. इससे पहले कुलपति डॉ प्रसाद के खिलाफ कथित फर्जी शिकायतें हुईं. शिकायत पर एक जांच कमेटी बनाई गई. इसकी रिपोर्ट नहीं आई. तभी 24 दिसंबर को एक अन्य कमेटी सरगुजा आयुक्त ने बनाकर इसकी रिपोर्ट तैयार की. यह रिपोर्ट शासन को भेजी गई. जिसमें कहा गया कि कुलपति के कुछ कार्यकलापों से सरकार की छवि खराब हो रही है. 3 जनवरी 2020 को धारा 52 लगा दी गई और 6 जनवरी को डॉ. प्रसाद हटा दिए गए. आयुक्त को प्रभारी कुलपति बनाया गया. बाद में अशोक सिंह को नियमित कुलपति नियुक्त किया गया. व्यथित होकर डा प्रसाद ने हाईकोर्ट की शरण ली.

SECL को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस


जस्टिस पी सेम कोशी की सिंगल बेंच ने डॉ प्रसाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन द्वारा इन्हें पद से हटाने का आदेश, जांच कमेटी और उसका आदेश और नए सिरे से कुलपति नियुक्त करने के आदेश को भी निरस्त कर दिया. इन्हें शेष कार्यकाल पूरा होने तक उन्हें दोबारा कुलपति पद पर नियुक्त करने का आदेश भी दिया. इस निर्णय के खिलाफ शासन और अशोक सिंह ने हाईकोर्ट में दो रिट अपील डिवीजन बेंच में प्रस्तुत की है. दोनों रिट अपील पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए कुलपति के पद पर अभी यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं. अब अगली सुनवाई 6 जुलाई को निर्धारित की गई है.

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