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Shock to Bhupesh Government: मीसाबंदियों को मिलेगी पेंशन की सुविधा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला

Misabandi pension case in Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मीसाबंदियों को पेंशन के मामले में बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने भूपेश सरकार को झटका देते हुए मीसाबंदियों को पेंशन देने की सुविधा देने का आदेश जारी किया है.

Chhattisgarh High Court gave verdict in favor of Misabandis
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मीसाबंदियों के पक्ष में फैसला सुनाया
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Published : Jan 25, 2022, 12:47 PM IST

Updated : Jan 25, 2022, 1:18 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने भूपेश सरकार को बड़ा झटका देते हुए मीसाबंदियों को राहत दी है. कोर्ट ने मीसाबंदियों के हक में फैसला सुनाते हुए उन्हें पेंशन की सुविधा देने का आदेश सुनाया था. (Chhattisgarh High Court verdict in favor of Misabandi)

मीसाबंदियों को मिलेगी पेंशन की सुविधा

चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मीसाबंदियों को अपने निर्णय से बड़ी राहत दी है. इससे पहले सिंगल बेंच ने भी मीसाबंदियों को राहत दी थी और उनके हक में फैसला सुनाया था. जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने डबल बेंच में अपील की थी. बीते दिनों मामले में बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. इस मामले में आज फैसला सुनाया गया.

'मीसाबंदी कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं, जो उन्हें पेंशन मिले'

छत्तीसगढ़ में पूर्व की बीजेपी सरकार ने साल 2008 में 1975-77 के बीच आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत जेल गए लोगों को पेंशन देने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि योजना शुरू की थी. इसके तहत राज्य के करीब 325 मीसा बंदियों को ₹15000 से लेकर ₹20000 तक की मासिक पेंशन दी जा रही थी. सत्ता परिवर्तन के बाद जनवरी 2020 में भूपेश सरकार ने ये बोलकर पेंशन बंद कर दी थी कि मीसाबंदी कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं है, जो उन्हें पेंशन दी जाए.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने भूपेश सरकार को बड़ा झटका देते हुए मीसाबंदियों को राहत दी है. कोर्ट ने मीसाबंदियों के हक में फैसला सुनाते हुए उन्हें पेंशन की सुविधा देने का आदेश सुनाया था. (Chhattisgarh High Court verdict in favor of Misabandi)

मीसाबंदियों को मिलेगी पेंशन की सुविधा

चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मीसाबंदियों को अपने निर्णय से बड़ी राहत दी है. इससे पहले सिंगल बेंच ने भी मीसाबंदियों को राहत दी थी और उनके हक में फैसला सुनाया था. जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने डबल बेंच में अपील की थी. बीते दिनों मामले में बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. इस मामले में आज फैसला सुनाया गया.

'मीसाबंदी कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं, जो उन्हें पेंशन मिले'

छत्तीसगढ़ में पूर्व की बीजेपी सरकार ने साल 2008 में 1975-77 के बीच आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत जेल गए लोगों को पेंशन देने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि योजना शुरू की थी. इसके तहत राज्य के करीब 325 मीसा बंदियों को ₹15000 से लेकर ₹20000 तक की मासिक पेंशन दी जा रही थी. सत्ता परिवर्तन के बाद जनवरी 2020 में भूपेश सरकार ने ये बोलकर पेंशन बंद कर दी थी कि मीसाबंदी कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं है, जो उन्हें पेंशन दी जाए.

Last Updated : Jan 25, 2022, 1:18 PM IST

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