बिलासपुर: छत्तीसगढ़ का बिलासपुर नगर निगम सड़क जाम की समस्या खत्म करने एक्शन मोड पर आ गया है. जल्द ही सड़क जाम करने वाले नर्सिंग होम्स पर कार्रवाई की जाएगी. निगम का कहना है कि पार्किंग की व्यवस्था नहीं करने वाले नर्सिंग होम पर एक्शन लिया जाएगा. इसके लिए सर्वे भी शुरू कर दिया गया है. सर्वे के बाद सड़क जाम करने वाले नर्सिंग होम पर तालाबंदी की जाएगी. देखने में आ रहा है कि नर्सिंग होम आने वाले मरीज और उनके परिजन सड़कों पर ही गाड़ी खड़े कर दे रहे हैं. जिससे सड़क जाम की स्थिति बन रही है. (Bilaspur Municipal corporation action on nursing homes )
बिलासपुर शहर में लगभग 300 से अधिक नर्सिंग होम और 400 से ज्यादा पैथोलॉजी डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन हो रहा है. अधिकांश पैथोलॉजी और नर्सिंग होम मेन रोड के किनारे स्थित है. ऐसे कई संस्थानों के पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. यहां आने वाले सभी मरीज और उनके परिजनों के वाहन सड़क पर खड़े कर दिए जाते हैं. इससे ना केवल ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ जाती है बल्कि बार-बार जाम से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस समस्या से पब्लिक को मुक्ति दिलाने के लिए महापौर रामशरण यादव ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. महापौर ने बिना पार्किंग वाले नर्सिंग होम्स पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है.
नर्सिंग होम्स का सर्वे कर होगी तालाबंदी: महापौर रामशरण यादव ने निगम के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि शहर के सभी नर्सिंग होम्स का सर्वे करें. जहां पार्किंग की सुविधा नहीं है. उनकी लिस्ट तैयार करें और ऐसे नर्सिंग होम्स पर ताला लगाएं. नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर संचालक बिना पार्किंग व्यवस्था की अपने संस्थान की शुरुआत कर व्यवसायिक गतिविधि संचालित कर रहे हैं. जिससे नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस को समस्या से दो चार होना पड़ता है. आए दिन जाम लगने की वजह से लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शहर की सड़कों पर हर रोज हो रही दुर्घटनाएं: शहर की सड़कों पर बड़े-बड़े कांप्लेक्स और नर्सिंग होम सहित व्यवसायी संस्थान खोल दिए गए. लेकिन इनमें ज्यादातर कॉम्पलेक्स, नर्सिंग होम और व्यवसायिक संस्थानों पर गाड़ी पार्किंग की सुविधा नहीं है. यहां आने वाले मरीज, उनके परिजन, ग्राहक और कर्मचारी अपनी गाड़ियां मुख्य मार्ग के किनारे खड़ी कर देते हैं. जिससे सड़कें सकरी हो जाती है. वाहन चालक आपस में टकराते हैं. जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ही नगर निगम ने अब व्यवसायिक संस्थान और नर्सिंग होम पर कार्रवाई करने कमर कस ली है.
नई सड़क का नहीं हुआ निर्माण: बिलासपुर शहर 15 किलोमीटर के रेडियस में बसा हुआ है. सड़कों पर वाहनों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में बिलासपुर शहर में लगभग एक दर्जन नई सड़कों की जरूरत है. जिससे जाम को खत्म किया जा सके. लेकिन पिछले 20 सालों में एकाध सड़क को छोड़ दें तो बिलासपुर के अंदर नई सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है. यही कारण है कि आए दिन सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है.
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ठेला खोमचे से पटा है शहर: कोरोना काल के बाद से सड़कों पर ठेला खोमचो की संख्या कई गुना बढ़ गई है. शहर के सभी मुख्य मार्गों पर सैकड़ों की तादाद पर ठेला खोमचे लगाए जा रहे हैं. जिससे सड़क सक्री हो जाती है और यातायात बाधित हो जाता है. शहर में लगभग 10,000 से भी ज्यादा ठेले खोमचे सड़कों पर लगाए जाते हैं. ज्यादातर ठेलें मुख्य मार्गो में मार्केट के इलाके पर लगे होते हैं. जहां लोगों का ज्यादा आना जाना होता है. हालांकि नगर निगम समय-समय पर कार्यवाही तो करता है लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से पहले की तरह ठेले वापस अपनी जगह पर आ जाते हैं.
बिना पार्किंग के संस्थानों पर कड़ी करवाई के निर्देश: पूरे मामले में महापौर ने कहा "लगातार शिकायत आ रही है शहर में जगह-जगह नर्सिंग होम खोले गए. बिना पार्किंग वाले किसी भी भवन को किराए पर लेकर खोल दिया गया है. आम शहरी को इस वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मैंने निगम को निर्देशित किया है कि ऐसे जगह को चिन्हकित किया जाए जहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. उन लोगों पर कार्रवाई करें ताकि लोगों को जाने आने में असुविधा ना हो. कई सड़कों पर दिक्कत आ रही है. जिनके पास पार्किंग नहीं है. यह समस्या धीरे-धीरे शहर में बढ़ती जा रही है. यह अब आम समस्या बन गई है. जिनके पास गाड़ी की पार्किंग नहीं है वे सड़क पर गाड़ी खड़ा कर देते हैं. गाड़ी को साइड में लगाएं ताकि दूसरा व्यक्ति सड़क से निकलते समय परेशान ना हो. आने वाले समय में जिनके पास पार्किंग नहीं होगी उनके ऊपर नगर निगम कार्रवाई करेगा".